Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Apr 17, 2019
BookMark
Report

कोरोनरी धमनी की बीमारी - Coronary Dhamni Ki Bimari!

Profile Image
Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
Topic Image

हमारा हृदय कई समस्याओं का सामना करता है. कोरोनरी धमनी की बीमारी भी उन्हीं समस्याओं में से एक है. कोरोनरी धमनी की बीमारी रोग या कोरोनरी हृदय रोग एक गंभीर स्थिति है. इसमें हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों युक्त रक्त पहुंचाने वाली धमनियां डैमेज हो जाती हैं. इसमें किया बार प्लाक बन जाता है. धमनियों पर कोलेस्ट्रॉल युक्त जमी प्लाक कोरोनरी धमनी को डैमेज कर देती है. कोरोनरी धमनियां के कारण प्‍लाक सिकुड़ जाती हैं. इसके कारण हार्ट को कम मात्रा में ब्लड प्राप्‍त होता है. इसलिए, ब्लड फ्लो में कमी होने के कारण सीने में दर्द शुरू हो सकता है या अन्य कोरोनरी धमनी की बीमारी के संकेत और लक्षण पैदा हो सकते हैं.

प्लाक के कारण कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज से हार्ट अटैक का कारण बन सकती है. कोरोनरी हृदय समस्या विकसित होने में अक्सर बहुत समय लग जाता हैं. ऐसा भी होता है की हार्ट अटैक आने तक इस समस्या पर आपका ध्यान ही नहीं जाता है. कोरोनरी धमनी की बीमारी से बचाव और इसका उपचार करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. आप हेल्थी लाइफ स्टाइल को अपना कर इस दिशा में पहला कदम बढ़ा सकता है. सीएचडी एक बहुत ही सामान्य हृदय रोग है और मरने का एक मुख्य कारण है. इस रोग के कई जोखिम फैक्टर हैं जो एक दूसरे से संबंधित हैं. आइए कोरोनेरी धमनी की बीमारी के जोखिम बढ़ाने वाले फैक्टर को जानें.

1. स्मोकिंग-

धूम्रपान के कई नुकसान तो आप भी जानते ही होंगे. आज ये भी जान लीजिए कि स्मोकिंग करने से सीएडी का जोखिम अधिक हो जाता है. जो भी व्यक्ति धूम्रपान करते हैं उन्हें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में हृदय रोग होने का खतरा हमेशा ज़्यादा होता है. नियमित व्यायाम, मजबूत इच्छाशक्ति से धूम्रपान करने वाले लोग इस आदत को कम या रोक सकते हैं. आप चाहें तो धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टरी सलाह व मदद भी ले सकते हैं. धूम्रपान छोडने मात्र से ही हृदय सम्बन्धित रोगों की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है. इसका सबसे प्रमुख कारण भी यही है.

2. हाई ब्लड प्रेशर-
हाई ब्लड प्रेशर भी कोरोनरी हृदय रोग की जोखिम को बढ़ा देता है. नियमित एक्सरसाइज से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकते हैं. किसी काम या परिश्रम वाली गतिविधि के दौरान हार्ट मसल्स बॉडी की ऑक्सीजन की मांग के अनुसार तेजी से धड़कने लगती हैं. ब्लड वैस्कुलर, जो हार्ट को ऑक्सीजन युक्त ब्लड की आपूर्ति करती हैं, भी फ्लेक्सिबल हो जाती हैं और बेहतर तरीके से फैलने में सक्षम होती हैं, जिससे रक्त वाहिका अच्छे से कार्य करती है और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम कम हो जाती है. यदि नियमित रूप से एक्सरसाइज किया जाए तो कम या अधिक ब्लड प्रेशर वाले लोगों के सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर सामान्य हो सकता है.

3. डायस्लीपिडिमि या मोटापा-
यह एक ऐसी समस्या है जिसमें ब्लड, लिपिड और लेपोप्रोटीन कंसंट्रेशन में अनियमिता देखने को मिलती हैं. अगर लो डेंसिटी लेपोप्रोटीन (एलडीएल) यानी खराब कोलेस्ट्रॉल, 130 एसजी/डीएल से हाई डेंसिटी (एचडीएल) लेपोप्रोटीन,जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल है, 40 एमजी/डीएल से कम हो या टोटल कोलेस्ट्रॉल 200 एमजी/डीएल से अधिक हो तो सीएडी का खतरा बढ़ जाता है. एक्सरसाइज से एचडीएल बढ़ता है और एक लो फैट वाले पौष्टिक आहार के साथ यह एलडीएल को कम करता है. मोटापा कम करने से आपकी कई बीमारियों के जोखिम भी साथ में कम हो जाएंगे.

4. नियमित एक्सरसाइज की आदत डालें-
अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने का सीएचडी के अन्य जोखिम वाले कारकों के साथ सीधा संबंध है. जिन लोगों के पेट पर चर्बी अधिक होती है, उन्हें इसका खतरा अधिक होता है. व्यायाम अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में मदद करता है. नियमित व्यायाम से पूरे शरीर की वसा कम होती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. पेट पर कम वसा सीएचडी सहित डायस्लिपिडेमिया, टाईप 2 डीएम और उच्च रक्तचाप के जोखिम कारकों को कम करने में मदद करता है. पौष्टिक आहार और नीयमित व्यायाम दोनों साथ कर आप शरीर की अतिरिक्त वसा कम करने और एक स्वस्थ वजन बनाए रखने में सफल होंगे.

chat_icon

Ask a free question

Get FREE multiple opinions from Doctors

posted anonymously

TOP HEALTH TIPS

doctor

Book appointment with top doctors for Coronary Artery Disease treatment

View fees, clinc timings and reviews
doctor

Treatment Enquiry

Get treatment cost, find best hospital/clinics and know other details