छाती में दर्द के उपाय - Chhati Mein Dard Ke Upay!
छाती में दर्द का कारण हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है पर हमेशा छाती दर्द हार्ट अटैक या हृदय संबंधी बीमारी के कारण नहीं होता है. कई बार छाती दर्द हृदय संबंधी बीमारी के कारण न होकर एनजाइना या अन्य कारण से होता है. कोरोनरी आर्टरी में रक्त के प्रवाह की प्रक्रिया बाधित होने से या बलगम के वजह से उत्पन्न अवरोध के कारण हृदय तक रक्त का प्रवाह कम हो जाता है जिससे ऑक्सीज़न की पूरी पूर्ति नहीं हो पाती है और इस कारण छाती में दर्द होने लगता है. हृदय तक रक्त का प्रवाह कम होने के इस बीमारी को एनजाइना कहते है. इसमें लोगों को छाती कसा हुआ, भारीपन, जलन व ब्रेस्टबोन पर दबाव महसूस होता है. एनजाइना के अलावा अन्य कई कारणों से भी छाती में दर्द हो सकते हैं. एसिडिटी, सर्दी, कफ, बदहजमी, धूम्रपान या तनाव से भी छाती में दर्द हो सकता है. छाती में जिस कारण से भी दर्द हो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि डॉक्टर से मिलकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि दर्द हार्ट अटैक या हृदय संबंधी अन्य बीमारी के कारण तो नहीं है. छाती दर्द का इलाज इस बात पर निर्भर करती है कि दर्द किस कारण से हुआ है. यदि छाती में दर्द हार्ट अटैक या हृदय संबंधी किसी बीमारी के कारण हुआ हो तो डॉक्टर से उचित इलाज करानी चाहिए. पर यदि दर्द हार्ट अटैक या हृदय संबंधी किसी बीमारी के कारण न हो तो इसे कुछ घरेलू उपाय से भी ठीक किया जा सकता है.
छाती में दर्द को ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय-
1. लहसुन: - घरेलू उपाय में लहसुन छाती दर्द के लिए एक प्रभावशाली उपाय है. लहसुन में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थियामिन, राइबोफ्लोबिन, नियासीन, बीटामिन सी के अलावा आयोडिन, सल्फर और क्लोरीन भी पाया जाता है. लहसुन हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और प्लाक को धमनियों तक पहुँचने से रोकता है जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह सुधरता है. इसके अलावा यह कफ, खाँसी, अस्थमा आदि कारणों से छाती में होने वाले दर्द को दूर करने में भी मदद करता है. एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच लहसुन का रस मिलाकर पीना चाहिए. इसके अलावा रोज सुबह खाली पेट लहसुन की एक या दो कली भी पानी के साथ लिया जा सकता है.
2. अदरक: - अदरक विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही पुराना उपाय है. अदरक में जिंजरोल नमक एक रासायनिक यौगिक पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. अदरक में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को खराब होने से बचाते हैं. इस कारण से अदरक छाती दर्द में बहुत ही प्रभावशाली है. जब भी छाती में दर्द का अनुभव हो तो दर्द से राहत पाने के लिए व सूजन कम करने के लिए अदरक के जड़ की चाय का सेवन लाभकारी होता है. हार्टबर्न के कारण होने वाली छाती दर्द को दूर करने में भी अदरक के जड़ की चाय लाभकारी होता है.
3. हल्दी: - हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जिस कारण से यह पेट फूलना, घाव, छाती दर्द आदि रोगों में लाभकारी है. करक्यूमिन कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीजन, जो रक्तवाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर धमनियों के दीवारों पर प्लाक को मजबूत बनाता है, को रोकने में मदद करता है. अपने इस गुण के कारण हल्दी छाती यानि सीने के दर्द में बहुत ही लाभकारी होता है. एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर उबाल लेना चाहिए. फिर उबलने के बाद इसमें थोड़ा शहद मिलाकर इस मिश्रण को गुनगुना ही पीना चाहिए.
4. तुलसी: - तुलसी के पत्तियों मैं मौजूद मैग्निशियम रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है. इस कारण तुलसी के उपयोग से हृदय रोग का इलाज होता है व इससे रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है. इसके अलावा तुलसी में उपलब्ध एंटीऑक्सीडेंट के गुण रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को रोकने में मदद करता है. छाती दर्द के दौरान 8-10 ताजी तुलसी के पत्ती को चबाकर खानी चाहिए या एक कप तुलसी के पत्ती का चाय बनाकर पीना चाहिए. छाती के दर्द को रोकने के लिए व हृदय के स्थिति को सुधारने के लिए एक चम्मच तुलसी के पत्ती के रस को एक चम्मच शहद के साथ रोज सुबह खाली पेट पीना चाहिए.
5. मेथी: - मेथी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट व कार्डिओ-प्रोटेक्टिव गुण कोलेस्ट्रॉल को दूर कर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है. अपने इन्हीं गुण के कारण मेथी छाती दर्द में फायदेमंद है. एक चम्मच मेथी के बीज को आधा कप पानी में डालकर 5 मिनट तक उबालना चाहिए. फिर इसे छानकर 2 चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए. कोलेस्ट्रॉल दूर करने के लिए व छाती के दर्द को रोकने के लिए रोज मेथी के बीज को खाना चाहिए. मेथी के बीज खाने के लिए एक चम्मच मेथी के बीज को पानी में डालकर रात भर छोड़ देना चाहिए. फिर अगली सुबह भींगे हुये इस मेथी के बीज को पानी के साथ खाली पेट खाना चाहिए.
6. बादाम: - बादाम में पोलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को दूर करता है. इसमें फाइबर और मैग्निशियम भी पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और छाती के दर्द को रोकता है. इस कारण से छाती के दर्द में बादाम का उपयोग फायदेमंद रहता है. बादाम का तेल व गुलाब का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर इस मिश्रण को छाती पर धीरे-धीरे रगड़ना चाहिए. इससे छाती दर्द जल्द ठीक हो जाता है. छाती दर्द व हृदय के रोग को कम करने के लिए रोज मुट्ठी भर बादाम खाना चाहिए.
7. अल्फाल्फा: - अल्फाल्फा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को दूर करता है व प्लाक को बढ़ने से रोकता है तथा हृदय तक रक्त के प्रवाह को सुधारता है. अल्फाल्फा में क्लोरोफिल पाया जाता है जिस कारण से यह धमनियों को सही रखता है व छाती के दर्द को दूर करता है. छाती में दर्द रहने पर एक चम्मच सुखी अल्फाल्फा की पत्ती गर्म पानी में डालकर 5 मिनट तक उबालना चाहिए. फिर इसे छानकर इस चाय को पीना चाहिए.
नोट-
यहाँ बताए गए घरेलू उपाय मात्र जानकारी के लिए दिये गए हैं. पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह के छाती दर्द को वे नजरअंदाज न करें. उन्हें अपने डॉक्टर से सलाह लेकर उचित जाँच कराकर उचित इलाज करानी चाहिए.