Ayurvedic Remedies For Early Ejaculation - शीघ्र स्खलन के आयुर्वेदिक उपाय
मानव शरीर में बहुत सारे अंग होते है जिसमें हर अंग का अपना काम होता है. वहीं अगर कोई अंग ठीक से काम नही कर पाता है तो वह समस्या का रूप ले लेता है. उन्ही में से एक है शीघ्रपतन की समस्या, जो अधिकत्तर कई पुरुषों के लिए परेशानी का कारण बनती है. यह उन समस्याओं में से है जो किसी भी व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक, दोनों रूपों से परेशान करती है. यह बीमारी दोनों पार्टनर में चिंता और अवसाद जैसी नकारात्मक भावना पैदा करती है. लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से कई रोगों का घरेलू और प्रभावी इलाज किया जा सकता है. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कैसे आप निम्न घरेलू वस्तूओं का प्रयोग कर शीघ्रपतन के प्रभावी और कारगर उपायों से इसे ठीक कर सकते हैं.
दालचीनी
यह पेड़ की छाल जैसी दिखती है जो हमारी भूख को बढ़ाने, महिलाओं में पीरियड्स ऐंठन का उपचार, बैक्टीरिया की वजह से इन्फेक्शन को ठीक करने और शीघ्रपतन का इलाज करने आदि में प्रयोग की जाती है. साथ ही यह कुछ दवा और प्रोडक्ट्स जैसे लोशन साबुन, टूथपेस्ट, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट आदि में भी इस्तेमाल की जाती है. इन सभी के अलावा इसका प्रयोग सर्दी जुकाम, गैस्ट्रिक समस्याओं, दस्त और जठरांत्र संबंधी परेशानी के लिए उपयोग किया जाता है.
केसर और बादाम
आयुर्वेद क्र बात करें तो केसर को कामोत्तेजक जाना जाता है. इसलिए शीघ्रपतन के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसका उपयोग बहुत आसान होता है, जिसके लिए सबसे पहले पूरी रात के लिए दस बादाम के साथ केसर, अदरक और इलायची को पानी में भिगों दें. अगले दिन सुबह इसका सेवन करें. इससे शीघ्रपतन की समस्या में काफी लाभ मिलता है. इसका प्रयोग रोज़ाना भी किया जा सकता है.
कस्तूरी के साथ दूध
शीघ्रपतन का उपचार करने के लिए कस्तूरी और दूध का सेवन बहुत लाभकारी सिद्ध होता है. इसके लिए सबसे पहले कस्तूरी को गर्म पानी में डालें और उसे तब तक उबलने दें, जब तक वे मुलायम न हो जाएं. इसके बाद कस्तूरी को छान लें और उसके तत्व को रख लें. वही दूसरी गैस पर दूध को उबलने के लिए रखें और उसमें मक्खन, काली मिर्च और कस्तूरी का छाना हुआ तत्व मिलाएं. जिसके बाद दूध को उबलने दें. इस मिश्रण के उबल जाने के बाद इसे ठंडा होने दें, फिर इसका सेवन करें.
अश्वगंधा
वैसे तो अश्वगंधा का उपयोग पुरुष बांझपन, नपुंसकता आदि जैसे विकारों के लिए किया जाता है. लेकिन यह साथ ही तनाव, चिंता, अनिद्रा और हल्का ट्यूमर के विकास को भी दूर करता है. किसी भी हर्बल स्टोर से अश्वगंधा की जड़ें खरीदें. वही इसकी एक चम्मच जड़ों को एक ग्लास दूध और एक चम्मच शहद के साथ मिश्रित कर उबाल लें. थोड़ा ठंडे होने के बाद इसका सेवन करें. साथ ही इसका सेवन रोज़ किया जा सकता है.
खजूर
वैसे तो खजूर का प्रयोग बहुत प्रकार के रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है लेकिन शीघ्रपतन आदि जैसी सेक्स समस्याओं में यह अहम भूमिका निभाता है. शीघ्रपतन की समस्या से निज़ात पाने के लिए दिन में दो खजूर का सेवन किया जा सकता है. इससे आपको हेल्थी और संतुलित डाइट मिलती है. इसके अलावा यह हार्ट संबंधी समस्याओं, कब्ज, एनीमिया, दस्त और पेट के कैंसर जैसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ पहुँचाता हैं.
तरबूज
शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने के लिए तरबूज बहुत फायदेंमंद होता है. साथ ही यह हमारी रक्त वाहिकाओं को बिना किसी नुकसान के लाभ पहुंचाता है. इसके लिए आपको सबसे पहले तरबूज को छोटे टुकड़ों काटना होगा. फिर उन टुकड़ों पर कुछ अदरक का पाउडर और नमक का छिड़काव कर, आप उसे खा लें. इसके अलावा आप तरबूज को किसी भी फल के सलाद में मिलाकर खा सकते हैं.
अदरक और शहद का सेवन
वैसे तो भारत में रसोईयों में कई तरह के खाने मिलते है जिनमें विशेषकर मसालों आदि का प्रयोग, स्वाद के साथ साथ स्वास्थ को देखते हुए भी किया जाता है. उन्ही में से एक है अदरक और शहद, जो लगभग हर भारतीय घर की रसोई में उपलब्ध होती है. साथ ही कई प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाते है. बात करें अदरक कि, तो कई व्यंजनों के अलावा इसका उपयोग सामान्य बीमारियों जैसे डायरिया और गठिया का इलाज करने के लिए किया जाता है. साथ ही अदरक को यौन समस्याएं जैसे कि शीघ्रपतन का इलाज करने के लिए जाना जाता है.
इसके लिए आपको एक चम्मच अदरक लेनी होगी और उसे फिर शहद के साथ मिलाना होगा. इस मिश्रण का इस्तेमाल कुछ महीनो तक रोज़ाना करें. इससे लाभ प्राप्त होता है. साथ ही यह लिबिदो और विकृत भावनाओं को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
हरी प्याज का बीज
किसी भी मौसम में उगाएं जाने वाली यह सब्जी शीघ्रपतन के इलाज में प्रभावी साबित होती है. इसके उत्तेजना बढ़ाने वाले गुण शीघ्रपतन की समस्या से ग्रसित होने पर फायदा पहुंचाते है.
कद्दू का बीज
कद्दू के बीज को खनिज भी कहा जा सकता है. इसमें मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो टेस्टोस्टेरोन को खून के प्रवाह तक पहुंचाने में मदद करता है. इसका प्रयोग करने के लिए सबसे पहले बीजों को अच्छे से साफ करें और धुप में सूखने के लिए रख दें. सूखने के बाद इन्हे जैतून के तेल में भुने और उसमे ऊपर से नमक और काली मिर्च ड़ालें. इसके बाद आप इनका सेवन कर सकते है.