एनल फिशर के उपचार - Anal Fissure Ke Upchar!
बवासीर और फिशर में कुछ हद तक समानता होने के के कारण आमतौर पर लोग एनल संबंधी किसी प्रकार की समस्या को बवासीर मान लेते हैं, जबकि एनल से संबंधित हर समस्या बवासीर नहीं होती है. शायद जिसे आप बवासीर समझने की गलती कर रहे हों, वह एनल फिशर भी हो सकता है. दरअसल कई बार एनल कैनाल के आसपास के हिस्से में दरारें जैसी बन जाती हैं, इसी को फिशर कहा जाता है. यह दरारें छोटी या बहुत बड़ी भी हो सकती हैं. जब यह दरारें होती हैं तो इनसे ब्लीडिंग भी हो सकता है और यह निरंतर होने वाले दर्द, जलन और असहजता का कारण भी बन सकती हैं. कब्ज से पीड़ित लोगों को इस बीमारी से पीड़ित होने का अधिक जोखिम होता है, क्योंकि कब्ज के कारण कठोर मल गुदा के अस्तर में दरार का कारण बन सकता है. हालांकि, इस समस्या का छुटकारा साफ-सफाई और कुछ घरेलू उपचार की मदद से छुटकारा पाया जा सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से एनल फिशर के उपचार के विभिन्न तरीकों कए बारे में विस्तार से जानें ताकि इस विषय में लोगों को जागरूक किया जा सके.
1. ऑलिव ऑयल उपचार है फिशर का-
ऑलिव ऑयल में बहुत ज्यादा हेल्थी फैट होता है, जो मल त्यागने में आसान बनाती है. इसके साथ-साथ सूजन और जलन को कम करने वाले गुण दर्द को कम करते हैं. एनल फिशर से पीड़ित रोगियों में ऑलिव ऑयल, शहद और मोम के मिश्रण के उपयोग से फिशर का कारण होने वाले दर्द, ब्लीडिंग और खुजली आदि लक्षणों में कमी आती है. इन सब को बराबर मात्रा में ऑलिव ऑयल, शहद और मोम को मिला दें. अब इसे माइक्रोवेव में तब तक गर्म करें, जब तक कि मोम पूरी तरह पिघल न जाए. इसके ठंडा हो जाने के बाद प्रभीवित क्षेत्र पर आवेदन करें. इसे दिन में कई बार उपयोग करें.
2. एलोवेरा भी फायदेमंद है-
एलोवेरा प्राकृतिक चिकित्सा शक्तियां और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं, जो एनल फिशर के लक्षणों कम कर सकते हैं और क्षतिग्रस्त स्किन टिश्यू के रिपेयर में मददगार होते हैं. इसके साथ ही एलोवेरा जूस युक्त टॉपिकल क्रीम, क्रोनिक एनल फिशर के उपचार में फायदा पहुंचाती है. एक एलोवेरा के पत्ते को काटें और इसके आधे टुकड़े कर एक चम्मच की मदद से इसका जेल निकाल लें. इसके बाद इसे प्रभावित क्षेत्र पर जेल को लगाएं. आप इसे दिन में कई बार लगा सकते हैं.
3. फिशर का घरेलू उपचार है हॉट बाथ-
एनल फिशर से पीड़ित मरीज हॉट बाथ की मदद भी ले सकते है. इससे गुदा क्षेत्र में ब्लड फ्लो को सुचारू करने में मदद मिलती है, जिससे मामूली दरारों और ऊतक के विभाजन को ठीक करने में सहायता होती है. यह दर्द, सूजन और खुजली को भी कम करने में मदद करता है. एक बड़े बाथ टब को कुनकुने पानी से भर लें. इसमें लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें डालें और अच्छी तरह से मिला लें. अब 15 से 20 मिनट के लिए कमर के बल बाथटब में बैठें. इस बाथ में दिन में 2 से 3 बार लें. आप चाहें तो साधारण गर्म पानी से भी मल त्याग के बाद सेक ले सकते हैं.
4. नारियल तेल से इलाज करें फिशर का-
नारियल तेल भी एनल फिशर के लिये एक असरदार घरेलू उपाय है. मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स युक्त नारियल तेल आसानी से त्वचा में प्रवेश कर जाता है, और प्रभावित क्षेत्र को चिकनाई प्रदान कर घाव भरने की प्रक्रिया शुरू कर देता है. गुदा को दबाने वाला अंग पर दिन में 2 से 3 बार नारियल तेल लगाएं. क्रोनिक फिशर होने पर इसे दिन में कई बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं. अगर आप कब्ज या किसी प्रकार की पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो अपने आहार के में नारियल तेल शामिल करने की कोशिश करें.