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मिर्गी डाइट चार्ट
आखिरी अपडेट: Feb 15, 2023
क्या होती है मिर्गी डाइट? | What is epilepsy?
- मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें रोगी को अकसर और बार बार दौरे पड़ सकते हैं। ये दौरे मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि के अचानक बढ़ने के कारण होते हैं। इस गतिविधि की वजह से मस्तिष्क कोशिकाओं के संदेश प्रणाली में एक अस्थायी गड़बड़ी हो जाती है।
- इन दौरों की गंभीरता का स्तर हर व्यक्ति में अलग हो सकता है। मिर्गी में बुखार के बिना शरीर में ऐंठन, रुक-रुक कर बेहोशी आना, दौरे के बीच में बाउल या मूत्राशय पर नियंत्रण खो जाना जैसे लक्षण शामिल हैं।
- दौरे के बाद रोगी को अक्सर अत्यधिक थकान और शरीर में जकड़न महसूस होती है। मिर्गी का कारण ज्यादातर मामलों में अज्ञात है, हालांकि ऐसे कुछ कारक हैं, जिसके परिणामस्वरूप मिर्गी हो सकती है।
- यदि आपके परिवार में किसी को मिर्गी की समस्या रही है तो आपको भी आनुवंशिक तौर पर यह हो सकती है। इसके अतिरिक्त सिर की चोट जैसे किसी दुर्घटना के कारण, रोगी की मस्तिष्क की ऐसी स्थिति जिसमें स्ट्रोक या ट्यूमर हों, या फिर संक्रामक रोग आदि शामिल हैं।
- मस्तिष्क में गतिविधि कहां से शुरू हुई, इसके आधार पर दौरे पड़ने को तीन तरह से समझा जा सकता है। पहला है- आंशिक दौरा, दूसरा है जनरलाज़्ड दौरा और तीसरा है सेकंडरी जनरलाज़्ड दौरा।
- मिर्गी के लिए लिया जाने वाला विशेष आहार दौरे की संख्या को कम करने पर मदद करता है। कुछ मामलों में, ये आहार व्यक्ति को दौरे से मुक्त बनाने में भी मदद करता है।
साप्ताहिक डायट चार्ट | Weekly diet Chart
रविवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 कप स्ट्रॉबेरी स्मूदी + 1 कप पनीर + 5-6 टोफू पकोड़ा |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप काली बीन्स का सूप + 1 कप तली हुई सब्जियां (मशरूम, पालक, शिमला मिर्च- मक्खन और जैतून के तेल के साथ) |
दोपहर (2:00-2:30PM) | सब्जियों के साथ 1 प्लेट चिकन सलाद (चिकन ब्रेस्ट) (प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, मशरूम) |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कटा हुआ खीरा |
रात (8:00-8:30PM) | पनीर के साथ 1 कप क्रीमी पालक का सूप |
सोमवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 कप ब्लैकबेरी स्मूदी + 1 कप सोयाबीन सलाद + 1 कप ग्रिल्ड पनीर |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप वेजिटेबल पोहा |
दोपहर (2:00-2:30PM) | 1 कप काले चने का सलाद (खीरा, टमाटर, पालक) |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कप सब्जी उपमा |
रात (8:00-8:30PM) | पनीर पकोड़ा के साथ 1 कप क्रीमी मशरूम सूप |
मंगलवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 कप ब्लूबेरी स्मूदी + 3 उबले अंडे + 1 कप हरी सब्जियां (शिमला मिर्च, मशरूम, टमाटर) |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप वेजिटेबल पोहा |
दोपहर (2:00-2:30PM) | 1 कटोरी मछली स्टू + 1 कप ब्राउन राइस |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कप एवोकैडो स्मूदी |
रात (8:00-8:30PM) | 1 कप क्रीमी फूल गोभी का सूप |
बुधवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 चीज़ ऑमलेट (2 अंडे, 20 ग्राम चीज़, टमाटर, शिमला मिर्च) + जैतून के तेल की ड्रेसिंग के साथ 1 भाग खीरा सलाद सलाद |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप ग्रीक योगर्ट |
दोपहर (2:00-2:30PM) | ग्रीन सलाद के साथ 1 ग्रिल्ड चिकन ब्रेट (ककड़ी, लेट्यूस, शिमला मिर्च, मशरूम) |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कप रास्पबेरी स्मूदी |
रात (8:00-8:30PM) | 1 कप क्रीमी चिकन सूप |
गुरुवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 कप सोया दूध + मछली पकोड़ा + हरा सलाद (खीरा, टमाटर, सलाद, शिमला मिर्च, पालक) |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप पका हुआ ब्रॉड बीन्स सलाद |
दोपहर (2:00-2:30PM) | पुदीने की चटनी के साथ 1 कप ग्रिल्ड सोया चाप |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कटा हुआ खीरा |
रात (8:00-8:30PM) | 1 कप क्रीमी टोमैटो सूप |
शुक्रवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 वेजिटेबल ऑमलेट (2 अंडे) + 1 कप स्ट्रॉबेरी स्मूदी + 2 अखरोट |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप राजमा सलाद |
दोपहर (2:00-2:30PM) | सब्जियों के साथ 1 प्लेट चिकन सलाद (चिकन ब्रेस्ट) (प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, मशरूम) |
शाम (4:00-4:30PM) | लहसुन और काली मिर्च के साथ 1 कप चिकन स्टू |
रात (8:00-8:30PM) | 1 कप क्रीमी ब्रोकली सूप |
शनिवार | |
सुबह (8:00-8:30AM) | 1 कप तले हुए अंडे (2 अंडे) + हरा सलाद (सलाद, शिमला मिर्च, पालक) + 1 कप सोया दूध |
सुबह (11:00-11:30AM) | 1 कप ब्रोकली क्रीम सूप |
दोपहर (2:00-2:30PM) | 1 कटोरी मछली स्टू + 1 कप ब्राउन राइस |
शाम (4:00-4:30PM) | 1 कप सब्जी उपमा |
रात (8:00-8:30PM) | 1 कप चिकन स्टू |
जर्मन डाइट में क्या करें क्या ना करें | Dos and don’ts in German diet
मिर्गी डाइट में क्या करें | Dos in epilepsy diet
- कुछ आहार परिवर्तन भी मिर्गी के दौरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए सबसे प्रसिद्ध आहार केटोजेनिक आहार है, जो वसा के उच्च अनुपात को खाने पर केंद्रित है।
- इसे लो-कार्ब, लो-प्रोटीन डाइट माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह के खाने के पैटर्न से दौरे को कम करने में मदद मिलती है, हालांकि डॉक्टरों को इस बात को लेकर अभी पूरी जानकारी नहीं हैं कि ऐसा क्यों होता है।
- मिर्गी से पीड़ित बच्चों को अक्सर कीटोजेनिक डाइट पर रखा जाता है। बहुत से लोगों को खाने पर प्रतिबंध चुनौतीपूर्ण लगते हैं। फिर भी, इस प्रकार का आहार मिर्गी को कम करने में मदद करने के लिए अन्य उपचार उपायों का पूरक हो सकता है।
- मिर्गी वाले वयस्कों के लिए केटोजेनिक आहार के लिए कम कार्ब, उच्च वसा वाले विकल्प के रूप में एक संशोधित अटकिन्स आहार बनाया। यह संगठन बताता है कई अध्ययनों से पता चलता है कि
- इस विशेष आहार को लेने वालों में से लगभग पचास प्रतिशत लोगों में दौरे को कम किया जा सका है।
- इस डाइट को फॉलो करने में कोई उपवास या कैलोरी गिनने की आवश्यकता नहीं है। मिर्गी के दौरों में कमी अक्सर कुछ ही महीनों में देखी जाती है।
मिर्गी डाइट में क्या ना करें | Don’ts in epilepsy diet
मिर्गी होने पर अपने डाइट प्लान के दौरान ऊपर बताए गई आहार योजना के साथ ही आप अपनी जीवनशैली और खान-पान की आदतों में कुछ साधारण बदलाव करना शुरू कर सकते हैं। इनमें कुछ काम बिलकुल नहीं करने हैं। ये काम निम्न हैं:
- सिगरेट को पूरी तरह छोड़े
- शराब का सेवन कम करें या छोड़ दें
- हाई कार्बो हाइड्रेट डाइट से बचें
- लो प्रोटीन डाइट से बचें
मिर्गी डाइट आहार योजना में आसानी से खा सकते हैं ये खाद्य पदार्थ | Food items which can be eaten in epilepsy diet
ऊपर बताई गयी आहार योजना के साथ ही ऐसे कुछ आहार है जिन्हें आपको अपने डाइट प्लान में शामिल करना चाहिए। इससे आपको लाभ होगा-
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि साबुत अनाज, ब्राउन राइस, होल व्हीट ब्रेड और पास्ता, फलियां, दही और नट्स।
- मांस और समुद्री भोजन: मांस और समुद्री भोजन प्रोटीन और पोषक तत्वों के समृद्ध स्रोत हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करते हैं, जैसे ज़िंक। मांस और समुद्री भोजन में स्वाभाविक रूप से कार्बोहाइड्रेट नहीं होते हैं।
- फल और सब्जियां: अपने एंटीऑक्सिडेंट सेवन को बढ़ाने के लिए, अपने आहार में नियमित रूप से विभिन्न प्रकार के रंगीन फल और सब्जियां, जैसे जामुन, चेरी, खट्टे फल, टमाटर, पालक, केल, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स शामिल करें।
- मक्खन और तेल: मक्खन और तेल वसा के स्रोत हैं, जो आपके शरीर को वसा में घुलनशील पोषक तत्वों को अवशोषित करने और मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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कंटेट विवरण
लेखकDrx Hina FirdousPhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child CarePharmacology
Reviewed By
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