पटना में पाइल्स सर्जरी की लागत
पटना में पाइल्स सर्जरी के बेस्ट डॉक्टर
पटना में पाइल्स (बवासीर) सर्जरी की लागत कितनी है?
पाइल्स यानी बवासीर मलाशय या गुदा के पास सूजन के कारण होता है। यह सूजन मलाशय के पास रक्त वाहिकाओं के आकार में बढ़ोत्तरी के कारण होती है। इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं;
- मल त्याग करने के बाद रक्तस्राव जिसमें रक्त चमकदार लाल दिखता है
- प्रभावित स्थान (मलाशय) के आसपास खुजली, गुदा के बाहर गांठ का होना
- मल त्याग करने के उपरांत म्यूकस का स्राव, प्रभावित क्षेत्र में दर्द, लाली और गुदा के आसपास सूजन
- पाइल्स के गंभीर लक्षणों वाले रोगियों के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपचार हो सकता है। पटना में पाइल्स सर्जरी की न्यूनतम लागत ₹36000 तक हो सकती है वहीं अधिकतम लागत ₹40000 तक होती है। अगर आप पटना में बवासीर (पाइल्स सर्जरी) की प्रक्रिया करवा रहे हैं तो आपको औसतन ₹38000 तक खर्च करने होंगे।
पटना में विभिन्न प्रकार की पाइल्स सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्क्लेरोथेरपी | ₹35,000 | ₹25,000 | ₹80,000 |
पाइल्स लेजर सर्जरी | ₹55,000 | ₹45,000 | ₹65,000 |
रबर बैंड लिगेशन | ₹33,000 | ₹25,000 | ₹75,000 |
हेमोरॉयड स्टेप्लिंग | ₹55,000 | ₹40,000 | ₹65,000 |
हेमोराइडल आर्टरी लिगेशन | ₹100,000 | ₹71,600 | ₹115,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पटना में विभिन्न तरीकों के पाइल्स के इलाज की लागत
बवासीर की सर्जरी से पहले रोगी के कई टेस्ट करवाए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैं-
- फेकल ऑकल्ट ब्लड टेस्ट: यह टेस्ट बाउल मूवमेंट के ऐसे नमूने को जांचता है जिसे नग्न आंखों से देखना संभव नहीं होता है। मल में रक्त का होना पाचन तंत्र गड़बड़ी का संकेत है। यह रक्त कैंसर, बवासीर, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज इत्यादि का संकेत हो सकता है। इस जांच में ₹100 से ₹200 तक खर्च हो सकते हैं।
- एनोस्कोपी: एनोस्कोपी नाम की प्रक्रिया बवासीर के रोगियों में गुदा और मलाशय की परत को देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें एक छोटी ट्यूब का उपयोग किया जाता है। इस ट्यूब को एनोस्कोप कहा जाता है।
इसी प्रकार एक संबंधित प्रक्रिया भी का जाती है जिसमें प्रभावित क्षेत्रों को देखने के लिए एक मैगनिफाइंग डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। इसे कोलपोस्कोप कहा जाता है।
एनोस्कोपी के माध्यम से डॉक्टर गुदा और मलाशय में समस्याओं का पता लगा सकते हैं। इस जांच में ₹4000 से ₹10000 तक का खर्च आता है।
मरीज के हिसाब से पाइल्स सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
पाइल्स की सर्जरी के लिए हर रोगी की लागत में अंतर हो सकता है। ये निम्नलिखित कारणों से हो सकता है-
- रोगी की स्थिति: यदि रोगी में बवासीर के लक्षण अधिक गंभीर हैं तो सर्जरी जटिल हो सकती है। इस कारणवश उपचार का खर्च बढ़ जाता है।
- रोगी की आयु: रोगी की कम आयु तेज़ी से रिकवरी की गारंटी होती है। पर अधिक आयु वाले लोगों में ऐसा नहीं होता है। उन्हें रिकवरी में अधिक समय लगता है। साथ ही दवाओं की लागत भी बढ़ सकती है।
- रोगी की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: अकसर रोगी को कई अन्य बीमारियां भी होती हैं। ऐसी स्थिति में रोगी के इलाज का तरीका बदला जा सकता है। ऐसे में इलाज की लागत बढ़ जाती है।
पटना में पाइल्स सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं
- सर्जन का चुनाव: यदि रोगी किसी बड़े और अनुभवी सर्जन से परामर्श और सर्जरी करवाता है तो उनका शुल्क अधिक हो सकता है और लागत इससे प्रभावित होती है।
- अस्पताल का चुनाव: अपनी सर्जरी के लिए रोगी किस प्रकार के अस्पताल का चुनाव करता है इससे भी इलाज की लागत पर असर पड़ता है। निजी अस्पताल में सर्जरी करवाने पर ऑपरेशन की लागत और अस्पताल में रहने का अधिक हो सकता है।
- सर्जरी की प्रक्रिया: रोगी की स्थिति के अनुसार ही सर्जन प्रक्रिया का चुनाव करते हैं। यदि प्रक्रिया अधिक एडवांस है और मिनिमली इनवेसिव है तो भी इलाज की लागत बढ़ या घट सकती है।
हमारे यहां सर्जरी करवाने पर पहले की सारी जांचें और सर्जन का शुल्क ,अस्पताल के खर्च के साथ ही फॉलो अप परामर्श भी पैकेज में शामिल होते हैं। ऐसे में रोगी पर अतिरिक्त खर्च का भार नहीं पड़ता है।
पटना में पाइल्स (बवासीर) सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
पाइल्स की सर्जरी की कई अलग प्रक्रियाएं हो सकती हैं। इनमें शामिल हैं -
- हेमरॉयडेक्टमी: बवासीर के उपचार के लिए की जाने वाली सर्जरी हेमरॉयडेक्टमी कहलाती है। इस प्रक्रिया में सर्जन हेमरॉइड्स को हटाने के लिए गुदा के चारों ओर छोटे-छोटे कट लगाते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान रोगी को लोकल या सामान्य एनेस्थीसिया दिया जा सकता है। हेमरॉयडेक्टमी एक आउट पेशेंट प्रक्रिया होती है। रोगी आमतौर पर उसी दिन घर जा सकता है। इस सर्जरी में रोगी के प्रभावित क्षेत्र में टांके लगाए जाते हैं। ऑपरेशन के बाद प्रभावित क्षेत्र बेहद संवेदनशील और दर्दनाक हो सकता है। इसमें ₹36000 तक की लागत आती है।
- स्टेपल हेमोराइडेक्टमी: स्टेपल हेमरॉयडेक्टमी भी बवासीर के उपचार की एक आम प्रक्रिया है। इसमें सर्जन पाइल्स के आसपास की नसों से रक्त की आपूर्ति को काटने के लिए एक स्टेपलर जैसी डिवाइस का उपयोग करते हैं। नसों में रक्त आपूर्ति में रुकावट आने पर हेमरॉयड अपने आप ही नष्ट हो जाते हैं।
यह प्रक्रिया ऐसे बवासीर के उपचार के लिए होती है जो आगे नहीं बढ़ते हैं, या फिर जो गुदा से नीचे खिसक गए हैं। यह प्रक्रिया पारंपरिक बवासीर के उपचार की तुलना में कम दर्दनाक होती है। इससे रोगी ना सिर्फ तेजी से ठीक होता है बल्कि उसे रक्तस्राव और खुजली भी कम होती है। इस प्रक्रिया में तुलनात्मक रूप से कम जटिलताएं होती हैं। इस प्रक्रिया में ₹38000 तक का खर्च आता है।
- लेज़र सर्जरी: बवासीर के उपचार के लिए लेजर सर्जरी का उपयोग विशेष रूप से लोकप्रिय है। लेज़र सर्जरी ज्यादा एडवांस और सुरक्षित होती है। यह एक गैर-इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है। इस ऑपरेशन में डॉक्टर रोगी के पाइल्स प्रभावित क्षेत्र में सूजे हुए ऊतकों को हाई एनर्जी लेज़र बीम से ट्रीट करते हैं। इससे सूजे हुए ऊतकों को सिकोड़ा जाता है। ये उन रक्त वाहिकाओं पर प्रहार करते हैं जो बवासीर तक रक्त की आपूर्ति करती हैं।
लेजर द्वारा पाइल्स सर्जरी में जोखिम और जटिलताएं कम होती हैं। इसकी लागत ₹40000 तक होती है।
क्या पटना में पाइल्स सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
जी हां, पटना में पाइल्स सर्जरी का खर्च बीमा कम्पनियां वहन करती हैं। आपको इस पर विस्तृत जानकारी के लिए अपनी बीमा कम्पनी या एजेंट से संपर्क करना चाहिए।
सारांश
बवासीर या पाइल्स मलाशय या गुदा के पास होने वाली सूजन है। इस सूजन का कारण मलाशय के पास रक्त वाहिकाओं के आकार में वृद्धि है। पाइल्स के गंभीर लक्षणों में सर्जरी करने की आवश्यकता होती है। पाइल्स की सर्जरी कई तरीकों से की जा सकती है। पाइल्स की सर्जरी बहुत आसान होती है और बेहद कम समय में हो जाती है। इसके खर्च बीमा कम्पनी कवर करती हैं।