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Last Updated: Apr 26, 2020
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Vasaka (Malabar Nut) Benefits and Side Effects in Hindi - अडूसा के फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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अडूसा का वैज्ञानिक नाम अधाटोडा वासिका है जबकि संस्कृत में इसे वासा या वसाका कहते हैं. झाड़ियों के रूप में पुरे भारत में उगने वाले अडूसा का इस्तेमाल बाड़ बनाने में क्या जाता है. आयुर्वेद में हजारों सालों से इसका इस्तेमाल औषधीय रूप में भी होता रहा है. इसके जड़, फूल, पत्ते और छाल का उपयोग विभिन्न समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है. अडूसा सूजन को कम करने वाला, जीवाणुरोधी और रक्त शोधक के रूप में काम करता है. अडूसा के फायदे और नुकसान को विस्तार पूर्वक जानें.

1. दस्त में
अडूसा के फायदे हमें कई छोटी-बड़ी बीमारियों में नजर आते हैं. इसकी पत्तियों के दो से चार ग्राम रस से दस्त और पेचिश के उपचार में राहत मिलती है. यही नहीं इससे बवासीर की परेशानी से भी निजात पाया जा सकता है.
2. एसिडिटी में
एसिडिटी या अपच में भी अडूसा के सकारात्मक प्रभाव देखा जाता है. दरअसल ये पेट में अल्सर के गठन को कम करता है. इसके लिए आपको अडूसा पाउडर, आंवला पाउडर, और मुलेठी पाउडर की समान मात्रा मिक्स करके सेवन करें.
3. ब्लीडिंग में
अधिक खून निकलना रोकने में भी अडूसा की मदद ले सकते हैं. 5-5 ग्राम विटिस विनिफेरा, हरतकी, और अडूसा के पत्तों को 400 मिली पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं. फिर पानी के 100 मिली बचने पर इसे ठंडा करके इसमें 1 चम्मच मिलाकर दिन में 2 बार लेने से फायदा मिलता है.
4. खांसी में
अडूसा में जीवाणुरोधी गुण मौजूद होता है. जिसकी वजह से ये श्वसन नली के विभिन्न संक्रमणों को रोक पाता है. इसका ये गुण वायरल रोगों में भी काम आता है. अडूसा के ताजा पत्तों से बना एक चम्मच ताजा रस शहद के साथ मिलाकर पिने से खांसी में राहत मिलती है.
5. अल्सर में
अल्सर की बिमारी के लिए तो ये एक काफी महत्वपूर्ण औषधि है. कई शोधों से ये पता चला है कि इसमें एंटीअल्सर गुण होते हैं. इसके लिए एक ग्राम अडूसा पाउडर, एक ग्राम मुलेठी और 250 मिग्रा शतावरी के मिश्रण का सेवन करें.
6. आँखों के लिए
आँखों की परेशानियों के लिए भी हम अडूसा की सहायता ले सकते हैं. अडूसा के फूलों की पंखुड़ियों को घी में भूनकर ठंडा होने पर 20 मिनट के लिए आँखों पर रखें इससे राहत मिलेगी.
7. अस्थमा में
अस्थमा में सांस लेने की समस्या श्वसन नली में सूजन के कारण होती है. अडूसा सूजन को कम करने में मददगार है. ये श्वसन नली और फेफड़ों के सूजन को दूर करने का उपाय भर है बस. इसमें सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने वाला कॉम्पाउंड भी है. अडूसा का अस्थमा में फायदे के लिए 5-5मिली अडूसा के पत्तों का रस और शहद के साथ 2.5 मिली अदरक का रस मिलाकर लें.
8. लीवर के लिए
लीवर से सम्बन्धित तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी हम अडूसा का प्रयोग कर सकते हैं. खाना खाने के बाद अडूसा के पत्तों के रस में शहद मिलाकर इसे पिने से लीवर की समस्या में आराम मिलता है.
9. टीबी के लिए
टीबी में भी इसके फायदे नजर आते हैं. इसके लिए अडूसा के पत्तों का रस, शहद और अदरक के साथ मिलाकर दिन में तीन बार लें या फिर 10-10 ग्राम अडूसा के फूलों का चूर्ण और इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम एक ग्लास दूध के साथ लें.
10. गले में खराश होने पर
गले में खराश होना एक आम बिमारी है लेकिन कई बार इससे भी परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए जब भी आपके गले में खराश हो, आपको 1 चम्मच अडूसा का रस दो चम्मच शहद के साथ लेने से गले की खराश में आराम मिलता है.
11. जोड़ों के दर्द में
जोड़ों के दर्द यानी गठिया में भी अडूसा के फायदे प्रभावित करते हैं. इसके पत्तों का लेप लगाने से सूजन तो कम होता है, जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है.
12. पीरियड्स के दौरान
कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है. इस दौरान महिलाएं ज्यादा रक्तस्त्राव से बचने के लिए दिन में दो बार 15 मिली अडूसा की पत्तियों का रस गुड़ के साथ लेने से काफी राहत मिलती है.

अडूसा के नुकसान

  • एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इसका प्रयोग न करें.
  • शुगर के मरीज इसके इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतें.
  • अधिक मात्रा में सेवन से जलन और उल्टी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
  • इसे अन्य दवाइयों के साथ लेने के लिए चिकिसकीय परामर्श आवश्यक है.
     

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