Treatment Of Viral Fever - वायरल बुखार का उपचार
वायरल बुखार सामान्य तौर पर होने वाले बुखार जैसा ही है. लेकिन ये एक मौसमी संक्रमण वाला बुखार होता है. कई लोग इसके उपचार के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाओं या फिर कुछ ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) दवाओं का सहारा लेते हैं. हलांकि इसके लिए प्राकृतिक या घरेलु तरीके भी उपलब्ध हैं जिनसे आपको वायरल बुखार में काफी राहत मिलेगी. वायरल का फीवर हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है. वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है.आइए वायरल बुखार के घरेलु उपचार के बारे में जानें.
वायरल फीवर के मुख्य लक्षण
वायरल होने से वाले शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं जैसे, गले में दर्द, खांसी, सिर दर्द थकान, जोड़ों में दर्द के साथ ही उल्टी और दस्त होना, आंखों का लाल होना और माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि. बड़ों के साथ यह वायरल फीवर बच्चों में भी तेजी से फैलता है.
वायरल बुखार के घरेलू उपचार
- हल्दी और सौंठ का पाउडर: अदरक में एंटी आक्सिडेंट गुण बुखार को ठीक करते हैं. एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण औरएक चम्मच सौंठ यानी अदरक के पाउडर को एक कप पानी और हल्की सी चीनी डालकर गर्म कर लें. जब यह पानी उबलने के बाद आधा रह जाए तो इसे ठंडा करके पिएं. इससे वायरल फीवर से आराम मिलता है.
- तुलसी का इस्तेमाल: तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं. एक चम्मच लौंग के चूर्ण और दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों को एक लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए. इसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में पिएं. आपको वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा.
- धनिया की चाय: धनिया सेहत का धनी होता है इसलिए यह वायरल बुखार जैसे कई रोगों को खत्म करता है.वायरल के बुखार को खत्म करने के लिए धनिया चाय बहुत ही असरदार औषधि का काम करती है.
- मेथी का पानी: आपके किचन में मेथी तो होती ही है.मेथी के दानों को एक कप में भरकर इसे रात भर के लिए भिगों लें और सुबह के समय इसे छानकर हर एक घंटे में पिएं. जल्द ही आराम मिलेगा.
- धनिया चाय: धनिया के बीज में पॉयथोन्यूटियंटस होते हैं, जो कि शरीर को विटामिन देते हैं और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाते हैं. धनिया में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लडने की शक्ति देते हैं. कैसे तैयार करें- एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्म्च धनिया के बीच डालकर उबाल लें. इसके बाद इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिलाएं. धनिया की चाय तैयार है, इसे पीने से वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है.
- सोआ/डिल बीज का काढ़ा: तिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और शरीर को आराम देने के अलावा, सोआ/डिल बीज शरीर के तापमान को कम करने में भी उपयोगी होते हैं. इसका कारण इनमें फ्लेवोनोइडस ओसमोंड पिंस उपस्थिति होते हैं. डिल बीज का काढ़ा वायरल बुखार में राहत देने के साथ ही शक्तिशाली रोगाणुरोधी एजेंट का कार्य करता है. कैसे तैयार करें- एक कप उबलते पानी में डिल बीज डालें और उबलनें दें इसके बाद इसमें एक चुटकी दालचीनी डालें. गर्म चाय की तरह पिएं.
- तुलसी के पत्ते का काढ़ा: वायरल बुखार के लक्षण होने पर प्राकृतिक उपचार के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली औषधि है तुलसी के पत्ते. बैक्टीरियल विरोधी, कीटाणुनाशक, जैविक विरोधी और कवकनाशी गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं. आधे से एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें. पानी को तब तक उबालें जब तक कि पानी घट कर आधा न रह जाए. इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें.
- नींबू और शहद: नींबू का रस और शहद भी वायरल फीवर के असर को कम करते हैं. आप शहद और नींबू का रस का सेवन भी कर सकते हैं.