Treatment Of Piles - पाइल्स का इलाज
पाइल्स की बीमारी ऐसी है जिसमें कई लोग असहज अनुभव करते हैं. दरअसल इसमें गुदा के भीतर एवं इसके नजदीकी हिस्सों में सूजन और दर्द होती है. जाहीर है गुदा नलिका, बड़ी आंत के अंतिम छोर को कहते हैं. आपको बता दें कि ये लगभग चार सेंटीमीटर तक लंबा हो सकता है. ये गुदा नलिका के निचले सिरे के बाह्य भाग की ओर खुलता है जिसके द्वारा मल का निष्कासन होता है. बवासीर की बीमारी बहुत दुखदाई भी हो सकती है इसमें अत्यधिक दर्द उत्पन्न होने की वजह से लोगों को बहुत अधिक परेशानी और दुख का अनुभव होता है. विदित हो कि पाइल्स के दो प्रकार होते हैं
आंतरिक पाइल्स
बाहरी पाइल्स
आंतरिक बवासीर उसे कहते हैं जिसमें गुदा नलिका के अंदर 2 से 3 सेमी ऊपर होती है. ये सामान्य और पीड़ारहित होती है क्योंकि ऊपरी गुदा नलिका में कोई दर्द तंत्रिका फाइबर नहीं होता है. जबकि बाहरी पाइल्स गुदा नलिका के दो से तीन सेमी निचले हिस्से की ओर होती है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पाइल्स के इलाज पर प्रकाश डालें.
पाइल्स का इलाज
आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि जब इसका पता शुरुवात में ही लग जाता है तो कई मामलों में ये इलाज के बिना भी स्वतः ठीक हो सकता है. कई मरीजों ने तो ये भी देखा है कि इसके उचित इलाज के परिणामस्वरूप बहुत हद तक दर्द एवं खुजली में काफी आराम मिलता है. जब आप इसके इलाज के लिए किसी चिकित्सक के पास जाएँगे तो एक अच्छा चिकित्सक आपको सर्वप्रथम जीवनशैली में परिवर्तन करने सुझाव देगा. कब्ज़ के दौरान मल त्याग के समय अत्यधिक ज़ोर लगाना पड़ता है, ये बावसीर का एक लक्षण हो सकता है. लेकिन जैसे ही आप अपने दैनिक आहार में बदलाव करते हैं वैसे ही मल, नियमित रूप से आना शुरू हो जाता है और मुलायम भी जाता है.
पाइल्स के उपचार के लिए आवश्यक आहार
पाइल्स की बीमारी को दूर करने के लिए आपको अपने दैनिक आहार में अधिक से अधिक मात्रा में फाइबर (उदाहरण के लिए फल एवं सब्जियां) शामिल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. आपको नाश्ते में अनाज के बदले में चोकर को शामिल करना भी पाइल्स का एक अच्छा उपचार है. पाइल्स के मरीजों को पर्याप्त पानी के सेवन करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से पाइल्स के मरीजों को बचना चाहिए. मोटे लोग अपना वजन कम करके भी पाइल्स की परेशानी से राहत पा सकते हैं. यह भी सलाह दी जाती है कि बवासीर के मरीजों को मल त्याग के समय ज्यादा ज़ोर नहीं लगाना चाहिए.
दवाइयां
तत्काल प्रभाव वाले कुछ मेडिकल उपाय: - कई ऐसी तत्काल प्रभाव वाली दवाईयां हैं जिसके इस्तेमाल से मलाशय के नजदीकी हिस्से की लाली और सूजन में काफी राहत मिलती है. इनमें से कुछ विच हेज़ल, हीड्रोकॉर्टिसोने इत्यादि जैसी सक्रिय सामग्रियाँ हैं जिससे खुजली और दर्द में काफी राहत मिलता है. ध्यान रहे कि ये सिर्फ इसके लक्षणों को खत्म करते हैं इसलिए इसका लंबा इस्तेमाल करने से बचें. इनके लंबे समय तक इस्तेमाल से मलाशय एवं इसके आस-पास की त्वचा पतली हो सकती है.
कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स – जलन और दर्द में कमी लाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
दर्द निवारक दवाइयां – कई दर्द निवारक दवाइयाँ जैसे कि पैरासिटामोल इत्यादि आपके काम आ सकती हैं.
जुलाब – पाइल्स के दौरान कब्ज से परेशान मरीज को इसे लेने का सुझाव दिया जा सकता है.
बैंडिंग – इसमें चिकित्सक आपके मलाशय के अंदरुनी हिस्से में इलास्टिक बैंड लगाते हैं ताकि खून की आपूर्ति रोकी जा सके. फिर कुछ दिन के पश्चात ये बवासीर के साथ ही झड़ कर बाहर निकल जाएगा.
सर्जरी से पाइल्स का इलाज
सर्जरी स्क्लेरोथेरपी – ये दवाई देने से बवासीर सिकुड़कर सूख जाता है. आप कह सकते हैं कि ये बवासीर के ग्रेड 2 और 3 में प्रभावी होने के साथ ही बैंडिंग का बेहतर विकल्प भी माना जाता है.
इंफ्रारेड कोएगुलशन – इसके इस्तेमाल को हम बवासीर की ग्रेड 1 और 2 कह सकते हैं. यह बावासीर के मस्सों की जमावट को रौशनी द्वारा जलाने का यंत्र है.
सामान्य सर्जरी – इसका इस्तेमाल बड़ी बवासीर के उपचार के लिए किया जाता है या आप कह सकते हैं कि इसे ग्रेड 3 या 4 की बवासीर में इस्तेमाल करते हैं. इस सर्जरी का इस्तेमाल तब करते हैं जब और कोई विकल्प नहीं रह जाता है. इसके उपचार की प्रक्रिया पूरा होने के बाद मरीज अपने घर जा सकता है.
हेमोर्रोइडेक्टमी – इसके इस्तेमाल से खून फेंकने वाले सभी ऊतकों को सर्जरी करके हटा देते हैं. इसे करने के कई तरीके हैं.
हेमोर्रोइड को बांधना – इस प्रक्रिया के जरिये ऊतक द्वारा बहाये जाने वाले खून को रोक दिया जाता है.