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Last Updated: Jul 25, 2022
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थैलेसीमिया का इलाज - Thailesimia Ka Ilaj!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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थैलासीमिया एक प्रकार का ब्लड डिसऑर्डर है, जो आपके शरीर में असामान्य हीमोग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती है. थैलासीमिया विभिन्न प्रकार के होते हैं ‘जैसे अल्फा-थैलासीमिया, बीटा-थैलासीमिया इंटरमीडिया, कोली एनीमिया और मैडिटरेनियन एनीमिया. हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन ले जाने में रेड ब्लड सेल्स की सहायता करता है. रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन में कमी के कारण एनीमिया हो सकता है. इसके परिणामस्वरूप कमजोरी और थकावट महसूस करते हैं. इसके अलावा, आप पेट में सूजन, डार्क यूरिन या पीले रंग की त्वचा का भी अनुभव कर सकते हैं. यह एक अनुवांशिक स्थिति है जिसका उपचार बचपन में किया जाना चाहिए. यदि आप थैलासीमिया के पूरी तरह से ग्रसित नहीं है तो इसके उपचार की जरुरत नहीं होती है. लेकिन यदि आप थैलासीमिया से गंभीर रूप पीड़ित हैं, तो आपको नियमित रूप से ब्लड की जरुरत पड़ सकती है. इसके अलावा, थकान से निजात पाने के लिए आपको स्वस्थ आहार का सेवन करना और रोजाना एक्सरसाइज करने को अपनी रूटीन में शामिल करना चाहिए. इस लेख के माध्यम से हम थैलेसिमिया का इलाज कैसे किया जा सकता है इसके बारे में जानेंगे.

थैलेसिमिया के लक्षण-
थैलेसिमिया के लक्षण यदि किसी व्यक्ति में नजर आयें तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. इसके लक्षणों में थकान, कमजोरी, पीलापन और धीमा विकास प्रमुख हैं. आइए अब थैलेसिमिया के लक्षणों पर एक नजर डालें –

  • एनेमिया यानि खून की कमी होना
  • विकास का अवरुद्ध होना
  • त्वचा का पीलापन
  • थैलेसिमिया में कमजोरी भी इसका एक आम लक्षण है
  • श्वसन संबंधी परेशानी
  • आँखों में पीलापन
  • आयरन की अधिकता


थैलेसिमिया का इलाज-
थैलेसिमिया के हल्के रूपों में उपचार की आवश्यकता नहीं भी हो सकती है. लेकिन इसके गंभीर रूपों में रक्त संक्रमण या दाता स्टेम-सेल प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है. आइए थैलेसिमिया के इलाज के विभिन्न संभावनाओं पर एक नजर डालें.

  1. विटामिन की उचित खुराक दें: - थैलेसिमिया के मरीजों को विटामिन की उचित खुराक देनी चाइए क्योंकि विटामिन हमारे शरीर की विभिन्न गतिविधियों, वृद्धि एवं विकास को प्रोत्साहित करते हैं.
     
  2. रक्तसंचार को प्रोत्साहित करना: - जिन लोगों को थैलेसिमिया की समस्या है उनके रक्तसंचार को लगातार प्रोत्साहित करते रहने की आवश्यकता होती है. ताकि तमाम अवरोधों को कम या खत्म किया जा सके.
     
  3. आयरन की अधिकता को खत्म करना: - जाहीर है थैलेसिमिया के दौरान हमारे शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए इस दौरान आपको ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे शरीर में आयरन की कमी आए.
     
  4. शीघ्रता से चिकित्सकीय जाँच कराना: - बच्चों या टीनएजर्स में इसके लक्षण दिखाई देने पर उन्हें तत्काल चिकित्सकीय परामर्श दिलवाएँ ताकि समस्या नियंत्रण में आ सके.
     
  5. प्राथमिक चिकित्सा केंद्र: - यदि आपके आस पास अस्पताल नहीं है तो नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में जाकर भी इसे दिखा सकते हैं. इसके बाद किसी अस्पताल में ले जा सकते हैं.
     
  6. रक्तदोषों की जाँच: - थैलेसिमिया के मरीजों में विभिन्न प्रकार के रक्तदोषों में वृद्धि की संभावना होती है. आपको चाहिए कि आप रक्त दोषों की उचित जाँच कराएं या चिकित्सक के परामर्श के अनुसार कदम उठाएँ.
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