Symptoms Of Skin Cancer, Treatment - स्किन कैंसर के लक्षण, उपचार
बढ़ना स्किन कैंसर अक्सर धूप के संपर्क में रहने वाली त्वचा में होता लेकिन कई बार ये त्वचा के उन हिस्सों में भी हो जाता है, जो सामान्य रूप से धूप के संपर्क में नहीं आते या कम आते हैं. इसके मुख्यतः तीन प्रकार हैं - बेसल सेल कार्सिनोमा, स्कवैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमा. आप पराबैंगनी विकिरणों से बचाव करके स्किन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ त्वचा में संदेहजनक बदलावों की जांच करके शुरूआती चरणों में ही स्किन कैंसर की पहचान की जा सकती है, जिससे इसके सफल इलाज का एक बेहतरीन मौका मिल सकता है.
स्किन कैंसर के लक्षण
जैसा की ऊपर बताया गया, स्किन कैंसर मुख्य रूप से सूरज के संपर्क में आनी वाली त्वचा पर ही होता है, जैसे खोपड़ी, चेहरा, होंठ, कान, गर्दन, छाती, भुजाएं और हाथ इत्यादि. इसके अलावा महिलाओं में टांगों पर भी यह विकसित हो सकता है. शरीर के उपरोक्त स्थानों के साथ ही साथ स्किन कैंसर शरीर के उन हिस्सों में भी हो जाता है जो सूरज़ के संपर्क में बहुत ही कम आते हैं, जैसे हथेलियां, हाथों और पैरों की उंगलियों के नीचे का भाग और जननांग आदि. स्किन कैंसर हर प्रकार के रंग वाले व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है. ‘मेलेनोमा’ जब आमतौर पर सांवले रंग के लोगों को होता है, तो ज्यादातर उनके उन स्थानों पर होने की संभावना होती है, जो सूरज के संपर्क में नहीं आते.
स्किन कैंसर का उपचार
स्किन कैंसर या कैंसर से पहले बनने वाले घाव के उपचार उसके आकार-प्रकार, गहराई और जगह पर निर्भर करते हैं. छोटे स्किन कैंसर जो त्वचा की सतह पर सीमित होते हैं, उनको स्किन बायोप्सी के बाद अन्य उपचार की जरूरत नहीं पड़ती. स्किन बायोप्सी की मदद से कैंसर कोशिकाओं के हिस्सों को बाहर निकाल दिया जाता है. उपरोक्त के बाद भी अगर अतिरिक्त उपचार की जरूरत पड़ती है, तो उसमें निम्नलिखित विकल्प शामिल हो सकते हैं –
फ्रीजिंग
इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक्टिनिक केराटोस और कुछ छोटे, प्रारंभिक कैंसर के हिस्सों को तरल नाइट्रोजन से फ्रीज़ करके नष्ट कर देते हैं. नष्ट हो चुके त्वचा के ऊतक गलने के बाद बाहर निकल जाते हैं.
एक्सिज्नल सर्जरी
यह हर प्रकार के स्किन कैंसर के लिए एक उचित उपचार होता है. इसमें डॉक्टर कैंसर ग्रस्त हिस्सों को स्वस्थ त्वचा के आस-पास से काट कर बाहर निकाल देते हैं. कुछ मामलों में गंभीर स्थिति होने पर घाव के आस-पास की कुछ स्वस्थ त्वचा को भी निकालना पड़ सकता है.
मोह्स सर्जरी
इस प्रक्रिया का इस्तेमाल अत्याधिक बड़े एवं बार-बार होने वाले स्किन कैंसर या जिनका इलाज करना कठिन हो, आदि के लिए किया जाता है, जैसे ‘बेसल’ और ‘स्क्वैमस कार्सिनोमा’. अक्सर इसका इस्तेमाल शरीर के उन भागों के लिए किया जाता है, जिनका संभव रूप से जितना हो सके संरक्षण करना जरूरी होता है, जैसे की नाक.
क्योराटेज और इलैक्ट्रोडेसिकेश्न या क्रायोथेरेपी
स्किन कैंसर के ज्यादातर हिस्से सर्जरी की मदद से निकाल दिए जाते हैं. उसके बाद डॉक्टर एक ब्लेड वाले उपकरण की मदद से कैंसर कोशिकाओं की परत को खुरच कर उन्हें साफ कर देते हैं. एक इलेक्ट्रिक सुई की मदद से बची हुई कैंसर कोशिकाओं को भी नष्ट कर दिया जाता है. इसी प्रक्रिया के एक भिन्नरूप में तरल नाइट्रोजन का प्रयोग भी किया जा सकता है. इसकी मदद से उपचार किए गए क्षेत्रों के आधार और किनारों को फ्रीज करके उन्हें स्थिर कर दिया जाता है.
विकिरण थेरेपी
कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए विकिरण थेरेपी में ‘एक्स-रे’ जैसे हाई-पावर वाले एनर्जी बीम का इस्तेमाल किया जाता है. सर्जरी के दौरान अगर कैंसर कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट ना हो पाएं तब भी विकिरण थेरेपी का विकल्प बचता है.
किमोथेरेपी
इस प्रक्रिया में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है और जो कैंसर कोशिकाएं त्वचा की ऊपरी परत तक ही सीमित होते हैं, उनके लिए क्रीम और लोशन का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें एंटी-कैंसर एजेंट्स होते हैं और इनको सीधे प्रभावित त्वचा पर लगाया जा सकता है. इसके साथ ही साथ शरीर के दूसरे भागों में फैल सकने वाले स्किन कैंसर के लिए ‘सिस्टेमिक कीमोथेरेपी’ का उपयोग किया जाता है.
फोटोडायनेमिक थेरेपी
इस थेरेपी में लेजर लाइट और दवाएं दोनो का संयोजन होता है. इसमें दवाओं की मदद से कैंसर कोशिकाओं को लेजर लाइट के प्रति संवेदनशील बनाया जाता है और लेजर लाइट की मदद से उन्हें नष्ट किया जाता है.
बायोलोजिकल थेरेपी
यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है.