Suhagrat in Hindi | सुहागरात
सुहागरात का नाम सुनते ही कि किसी भी नवदंपत्ति के मन में उत्तेजना, सिहरन, उत्सुकता जैसी भावनाएं घर करने लगती है। इंटरनेट एज में भी, जब सूचना क्रांति के दौर में जब हर विषय पर जानकारी का अगाध भंडार है, तब भी सुहागरात का विषय चेहरे पर मुस्कुराहट और मन में कई तरह के सवाल पैदा कर देते है। टीवी, मोबाइल, सोशल मीडिया या इंटरनेट पर सारी जानकारी जुटाने के बाद भी सुहागरात का अनुभव हर दंपत्ति का व्यक्तिगत होता है। सुहागरात के क्या होगा, क्या करना चाहिए, क्या हो तो अच्छा होगा, क्या नहीं करना चाहिए। ऐसे हजारों सवाल नवदंपत्ति के मन में होते हैं। इस लेख में हम ऐसे ही कुछ सवालों पर विमर्श करने वाले हैं।
नितांत व्यक्तिगत है यह अनुभव
दुल्हा हो या दुल्हन सभी ने अपने-अपने उन दोस्तों से सुहागरात के कई किस्से सुने हैं जिनकी हाल ही में शादी हुई है। वो बताते हैं उनकी पहली रात कैसी रही। लेकिन किस्सों को किस्सा ही रहने दें। हर कोई अपनी पहली रात को एक जैसा अनुभव नहीं कर सकता है! सुहागरात का अनुभव नितांत व्यक्तिगत और अनोखा होता है। इसलिए बिना किसी पूर्वाग्रह के एक साफ स्लेट पर शुरू करें और संभावनाओं के हर विकल्प खुले रखें। नए रिश्ते में एक साथ आपकी पहली रात उतनी ही खास होगी जितनी आपने हमेशा कल्पना की थी।
फिल्मों जैसी नहीं होती सुहागरात
फिल्मों में हमने जो देखा है, उसके अनुसार हम अक्सर अपनी कल्पना का निर्माण करते हैं। लेकिन हमारी असल जिंदगी रील लाइफ से अलग है। चीजें उतनी सरल नहीं हैं जितनी फिल्मों में दिखाई जाती हैं। हो सकता है कि आप जिस 'परफेक्ट' सुहागरात की कल्पना लेकर नए रिश्ते में प्रवेश कर रहे हैं वैसी पहली शादी आपको ना मिले। यह भी संभव है कि ऐसा पहली या एक रात में ना हो। या यह आपकी कल्पना से भी बेहतर हो सकता है। रियल लाइफ में रिश्तों के साथ आत्मीयता बढ़ती है। रील लाइफ में तीन घंटे में ही पूरी जिंदगी दिखाई जाती है ऐसे में फिल्मों के हिसाब से सुहागरात की कल्पना खुद के साथ ज्यादती है।
पहली रात पर भूखे ना रहें
अकसर भारत में शादी की रात से पहले पूरे दिन और कई दिन तक कई तरह के समारोह होते हैं। इन समारोहों में आपको ठीक से खाने का अवसर नहीं मिलता। दुल्हन के लिए नया रिश्ता, नया घर, नया माहौल ऐसे में खाने की इच्छा भी सामान्य नहीं रह जाती है। समारोह की व्यस्तता, खाने की अनिच्छा, समय की कमी से 99 प्रतिशत संभावना है कि आप और आपका साथी पहली रात को भूखे हो सकते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना बेहतर होता है कि आप या आपका साथी भूखें तो नहीं हैं। क्योंकि भूखे रहकर तो कुछ भी बेहतर नहीं होता है।
यह जरुरी नहीं कि आपको सबकुछ आता हो
जब शादी की पहली रात को बिस्तर पर परफॉर्म करने की बात आती है तो हम खुद को और यहां तक कि अपने पार्टनर को भी एक पायदान पर रख देते हैं। आपको यह समझने की जरूरत है कि चीजें हमेशा सही नहीं होती हैं और आपको कुछ नहीं भी पता है तो यह स्वाभाविक है। 'क्या होगा' के बारे में चिंता करने से चीजें बिगड़ती हैं। इसलिए खुद को दबाव से मुक्त करें और ये मानकर चलें कि अगर कुछ चीजों के बारे में पता नहीं है तो भी यह सामान्य बात है।
पहली रात से ज्यादा उम्मीदें न रखें
भारतीय शादियाँ व्यस्त और थकाऊ होती हैं। आप दोनों शायद पूरी शादी के दौरान होने वाले सभी समारोहों की वजह से नींद पूरी नहीं होती है। ऐसे में अपने खुद को रिलैक्स कराएं और बस आराम के बारे में सोचें। भारत के परिवार अति उत्साही हैं - हो सकता है कि वे आपका स्वागत करने के लिए बार-बार कमरे में आ जाएं। ऐसे में किसी तरह का गुस्सा करना उचित नहीं है। फिल्मों के हिसाब से एक बार कमरा बंद तो बंद नहीं हो सकता है। रिश्तेदारों से भरी पहली रात से बहुत उम्मीदें ना पालें। हो सकता है कि आपको निराशा हाथ लगे।
सेक्स नहीं भी किया तो कोई बात नहीं
शादी की पहली रात आपके और आपके साथी के लिए बेहद भावनात्मक होने के साथ-साथ एक विशेष अनुभव की होती है। ऐसे में अगर सेक्स किसी वजह से संभव नहीं हो सका तो भी कोई बात नहीं है। यह बिल्कुल ठीक है। जब तक आप दोनों एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं और क्या नहीं करते हैं। यह आपकी शादी की रात है, इसका आनंद लें जैसे आप इसे पसंद करते हैं।
असहज होना स्वाभाविक है
अपनी पहली शादी की रात में, आप एक नए कमरे में होंगे, एक बिल्कुल नई सेटिंग, नया माहौल, नए लोग, नए रिश्ते, नए विचार। हो सकता है कि आप इन परिस्थितियों में बहुत सहज महसूस न करें और यह महत्वपूर्ण है कि आप इस स्थिति के बारे में अपने साथी के साथ पहले ही चर्चा कर लें। ऐसे में असहज होना स्वाभाविक है।
प्रोटेक्शन ना भूलें
हम उन छोटी-छोटी बातों को भूल जाते हैं जिनका हमारे अपने विवाह समारोह के दौरान बड़ा प्रभाव पड़ता है। यदि आप दोनों अपनी शादी की रात प्रोटेक्शन का उपयोग करना चाहते हैं तो अपने साथी से बात करना आवश्यक है। यदि आप दोनों एक बात पर सहमत हैं, तो सुनिश्चित करें आपके पास प्रोटेक्शन हो।
पहली रात 'नहीं' कहना गलत नहीं
ध्यान देने वाली एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी शादी और पति होने के बाद भी बिस्तर पर जो कुछ भी होता है, वह सहमति से होना चाहिए। आपके पास हां कहने का विकल्प है और आपके पास ना कहने का विकल्प भी है - यह आपका निर्णय है और आपको इसके बारे में अपने साथी को मुखर होने की आवश्यकता है।
पहली रात सिर्फ हो बात तो कोई समस्या नहीं
आपकी पहली शादी की रात शायद आपके और आपके साथी के लिए सबसे खास रात होती है। इस रात सेक्स होना जरुरी नहीं हैं। यह आप दोनों का अंतरंग समय है। यह आप दोनों के सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि हर तरह से अंतरंग होने का समय है। अकसर अरेंज्ड मैरिज में जब जोड़े जो एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, इस विशेष रात का उपयोग आपको एक दूसरे को जानने में भी लगाना गलत नहीं है। यह भी उचित है कि आप दोनों रात भर बातें करें।
आपको नींद आती है तो घबराएं नहीं
आपके या आपके साथी के सो जाने की संभावना काफी अधिक है क्योंकि आप दोनों थके होंगे। शादी की तैयारियों उसकी परंपराओं में आप थक सकते हैं। शादी के कई दिन पहले से दूल्हा दुल्हन नींद को उतना महत्व नहीं देते हैं। ऐसे में अगर आपके साथी को नींद आ जाय तो ये स्वाभाविक है। इसमें बुरा मानने की जरुरत नहीं है। इसी तरह अगर आप नींद में हैं तो भी आपको ग्लानि में रहने में जरुरत नहीं है। आपके शरीर को आराम की बहुत जरुरत है। जिंदगी में आपको एक साथ कई और रातें मिलेंगी।