शुक्राणु बढ़ाने वाला आहार, स्पर्म बढ़ाने के उपाय - Sperm-enhancing diet, sperm-based remedies!
पुरुष का शुक्राणु ही निषेचन करता है, और यदि पुरुष में शुक्राणु का ही उत्पादन न हो तो पुरुष नपुंसकता होना लाजिमी है. प्रति मिली लीटर वीर्य में शुक्राणुओं की सामान्य संख्या 20 मिलियन होनी चाहिए. पर यदि यह संखा 15 मिलियन से कम हो जाये तो इसे कम शुक्राणु कहा जाता है. वीर्य में शुक्राणुओं की संखा कम होने को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं. आगे हम शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के उपाय के बारे में चर्चा करेंगे.
शुक्राणु बढ़ाने के उपाय
लहसुन: - शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने वाले आहार में लहसुन एक मुख्य आहार माना जाता है. लहसुन में एल्लिसिन नामक यौगिक पाया जाता है जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ रक्त के परिसंचरण में भी सुधार करता है. इसके अलावा लहसुन में सेलेनियम भी पाया जाता है जो शुक्राणुओं की गतिशीलता को बेहतर बनाता है. इसलिए शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए लहसुन का सेवन करना चाहिए.
दमियना: - दमियना एक प्रकार की जड़ी-बूटी है. यह शुक्राणुओं की घटती संख्या को रोककर इसे बढ़ाने के लिए उपयोगी है. इसके उपयोग के लिए चौथाई चम्मच दमियना की सुखी पत्ती को एक कप गर्म पानी में डालकर 5 से 10 मिनट तक उबालना चाहिए. इसके बाद इसे छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर नियमित रूप से दिन में तीन बार करके कुछ महीने तक पीना चाहिए. पर ध्यान रखना चाहिए कि इसके सेवन के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श ले लेना जरूरी है.
व्यायाम: - स्वस्थ शुक्राणु के उत्पादन के लिए व्यायाम भी महत्वपूर्ण है. साइकिलिंग को छोड़कर बाहरी शारीरिक गतिविधियां व भार प्रशिक्षण इस समस्या में काफी फायदेमंद होता है. पर इसके लिए ज्यादा व्यायाम भी सही नहीं है. ज्यादा व्यायाम से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है.
ट्रिबुलस टेर्रेस्ट्रिस: - ट्रिबुलस टेर्रेस्ट्रिस एक आयुर्वेदिक दवाई है. यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने व शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उपयोगी है. यह हार्मोन का स्तर बढ़ाने में भी मदद करता है. इसके सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लेना चाहिए.
सॉ पालमेत्तो: - सॉ पालमेत्तो एक जड़ी-बूटी है जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है. कुछ महीनों तक दिन में दो बार 160 मिलीग्राम सॉ पालमेत्तो का जूस पीना चाहिए. पर इसके सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श ले लेना चाहिए, उसके बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.
ग्रीन टी: - ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होती है जो शुक्राणु कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले कणों को बेअसर कर देते हैं. इसके अलावा ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन गेलेट भी पाया जाता है जो शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार कर कर उसकी गतिशीलता बढ़ाती है.
अश्वगंधा: - अश्वगंधा शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में व इसकी गतिशीलता बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा अश्वगंधा स्वस्थ टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन भी बढ़ाता है. एक गिलास दूध में आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर दिन में दो बार करके कुछ महीने तक पीना चाहिए. अश्वगंधा के जड़ का जूस भी पिया जा सकता है. पर अश्वगंधा का सेवन से पहले चिकित्सकीय परामर्श लेना जरूरी है.
माका जड़: - माका जड़ एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है. यह शुक्राणुओं के उत्पादन व इसके गतिशीलता को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह हार्मोन संतुलन में भी मदद करता है. इसे पानी में, प्रोटीन शेक में या अपने भोजन में मिलाकर सेवन किया जा सकता है. एक से तीन ग्राम माका जड़ का सेवन रोज दिन में दो बार करके कुछ माह तक करना चाहिए.
पैनेक्स जिंसेंग: - पैनेक्स जिंसेंग का आमतौर पर इस्तेमाल तनाव से दूर रहने के लिए चाइनीज दवाइयों में किया जाता है. पर टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के साथ ही शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने व इसकी गतिशीलता बढ़ाने में भी यह उपयोगी होता है. इस गुण के कारण शुक्राणु बढ़ाने के लिए भी पैनेक्स जिंसेंग का उपयोग होता है. इसे कोरियन जिंसेंग भी कहा जाता है.
नोट
यहाँ दी गयी जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक दवाई मात्र जानकारी के लिए दी गयी है. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवाई के इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से उचित परामर्श ले लें.