Shareer Me Kamzoori Ke Kaaran - शरीर मे कमजोरी के कारण
हमारा शरीर एक बेहद जटिल मशीन जैसा ही है. इसमें कई बार शारीरिक कमजोरी के रूप में कुछ खामियां भी आ जाती है. ये भारत जैसे विकासशील देशों में एक आम समस्या है. यहाँ लोगों को इस विषय में जागरूक किए जाने की आवश्यकता है कि उन्हें कितनी कैलोरी या अन्य घटकों की जरुरत है. क्योंकि आम तौर पर देखा यही जाता है कि हम अपने दैनिक जीवन में अपने लिए आवश्यक कैलोरी का पता नहीं होता है. इसके अलावा हमारी बदलती हुई जीवनशैली भी कमजोरी के लिए जिम्मेदार है. कमजोरी के कारण ही हमें थकान का भी अनुभव होता है. हम इस मुद्दे को इस बदलती जीवनशैली में हर कोई थकान या कमजोरी का सामना करता है. मांसपेशियों में शारीरिक कमजोरी का सीधा संबंध थकान से है. आइए समझें कि शारीरिक कमजोरी आखिर है क्या और इसके क्या कारण हैं.
शरीर में कमजोरी किसे कहेंगे?
शारीरिक कमजोरी दरअसल शरीर में थकावट की एक भावना है. इसके अंतर्गत कमजोरी का अनुभव करने वाला व्यक्ति अपने शरीर को ठीक तरीके से संचालित करने में सफल नहीं होता है. इसके अलावा कुछ लोग अपने शरीर के किसी विशेष हिस्से में कमजोरी का अनुभव करते हैं, जैसे कि हाथ या पैर. वहीं कुछ लोगों को पूरे शरीर की कमजोरी का अनुभव हो सकता है, जो आमतौर पर इन्फ्लूएंजा या हेपेटाइटिस जैसी बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण का परिणाम होता है. आइए अब शारीरिक कमजोरी के कारणों के बारे में जानें.
1. बुखार या फ्लू
आम तौर पर ऐसा होता है कि बुखार या फ्लू के दौरान मांसपेशियों और जोड़ों में बहुत दर्द होता है, जो शारीरिक कमजोरी का कारण बनता है. ये बहुत अस्थायी होता है फ्लू का असर खत्म होते ही आप ठीक महसूस करने लगते हैं.
2. थायराइड का ठीक से काम न करना
कई बार ऐसा होता है जब आपका थायरॉयड ठीक से काम नहीं करता है. ऐसे में थायराइड आपको परेशान या थका हुआ महसूस करा सकता है. इस दौरान आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और आपका वजन घट या बढ़ सकता है.
3. नींद में कमी
यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपको बता दें कि अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है. जरूरत से कम नींद लेना शारीरिक कमजोरी और कमजोरी का कारण बन सकता है. आपके शरीर के हर भाग को अच्छी नींद की जरूरत है. पर्याप्त नींद से आपके शरीर के बॉडी बार्ट रिपेयर होते हैं.
4. पीरियड्स के दौरान
महिलाओं के लिए मासिक धर्म का समय कई परिवर्तन लाता है. इस दौरान रक्त का अत्यधिक निकलना भी शारीरिक कमजोरी का कारण है. ये भी अस्थायी होता है क्योंकि कुछ दिनों में ये समाप्त हो जाता है.
5.तनाव या अवसाद
तनाव या चिंता के दौरान भी व्यक्ति सीधे थकान और कम ऊर्जा का अनुभव करता है. लेकिन ये वास्तविक कमजोरी नहीं है. चिंता लेने से कुछ लोग अपने अंगों में सुन्नता या कमजोरियों की भावनाओं में उतार-चढ़ाव देखा जाता है.
6. शुगर
शुगर के दौरान इसके मरीज को कई समस्याओं से जुझना पड़ता है. जब आपका मधुमेह नियंत्रित होता है, तो आपको थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ये शुगर का लक्षण भी साबित हो सकता है.
7. दिल की विफलता के कारण
कोंजेस्टिव हार्ट फेल्योर के कारण भी आपको थकान और कमजोरी जैसी समस्या से जुझना पड़ता है. दिल की विफलता के लक्षणों में थकान, मतली, खाँसी, हल्केपन, और भूख की हानि शामिल हैं. इसलिए कमजोरी में ज्यादा समस्या होने पर चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है.
8. विटामिन बी-12 की कमी
शरीर को काम करने के लिए विटामिन बी 12 महत्वपूर्ण है, जिन लोगों के पास विटामिन बी 12 की कमी है उन्हें थकावट महसूस हो सकता है और ऊर्जा की कमी भी देखने को मिलेगा. विटामिन बी 12 की कमी का सीधा जुड़ाव शारीरिक कमजोरी से है.
दूर करने के उपाय
यदि आपको ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो आपको चिकित्सक से संपर्क करें. लेकिन यदि ये छोटे रूप में है तो इसके लिए स्वास्थ्य की देखभाल करना एक अच्छा निवारक उपाय है. इसके अलावा तरल पदार्थ का सेवन कीजिए और नियमित रूप से कसरत करने से आपकी कमजोरी से उबरने में मदद मिल सकती है और इसे रोक भी सकते हैं.