Shankhpushpi (Convolvulus Pluricaulis) Benefits And Side Effects In Hindi - शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान
जब भी एकाग्रता या दिमागी क्षमता बढ़ाने की बात आती है तब शंखपुष्पी के लाभ की बात की जाती है. वानस्पतिक नाम कोनोवुल्लुस प्लुरिकालिस वाली शंखपुष्पी के फुल, पत्ते, टहनी और जड़ सभी का प्रयोग हम औषधीय उपचारों के लिए करते हैं. 1-4 सेमी लम्बे पत्तियों वाले शंखपुष्पी के पौधे लगभाग 1 फुट ऊँचे होते हैं.लाल, नीला और सफ़ेद रंग वाले शंखपुष्पी में सबसे अच्छा सफ़ेद रंग के फूलों वाले शंखपुष्पी को माना जाता है. आइए शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान को जानें.
1. एकाग्रता बढ़ाए
आजकल कई ऐसे कारण मौजूद हैं जिनसे हमारे अन्दर चिड़चिड़ापन आ जाता है. ऐसे में शंखपुष्पी आपको ध्यान एकाग्र करने में आपकी मदद करती है. इसके लिए आपको 250 मिग्रा शंखपुष्पी पाउडर, 500 मिग्रा ब्राह्मी, 125 मिग्रा मुक्ता भस्म और 30 मिग्रा अभ्रक भस्म को मिलाकर इसका सेवन करने से ध्यान में एकाग्रता आती है.
जब आप चिड़चिड़ापन के साथ आक्रामकता, पसीना और बेचैनी आदि भी महसूस कर रहे हैं तो इसके लिए 250 मिग्रा शंखपुष्पी पाउडर, मुक्ता भस्म, प्रवाल पिष्टी, गिलोय सत्व और 500 मिग्रा मुलेठी का ठीक से मिक्स किया हुआ मिश्रण दिन में दो बार दूध, पानी या शहद के साथ लें.
2. भूख बढ़ाए शंखपुष्पी
ये तब और ज्यादा प्रभावी होती है जब भावनात्मक विशेषताओं से एनोरेक्सिया नर्वोसा जिसे भूख की हनी भी कहते हैं, हो जाए. शंखपुष्पी में पाए जाने वाले भूख और पाचन के उत्तेजक गुण आपकी भूख की समस्या को ठीक करते हैं.
3. मेमोरी लॉस से बचाए
मेमोरी लॉस एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के अंदर संज्ञानात्मक गड़बड़ीयां होने लगती है. जैसे कि मनोभ्रंश के कारण. इसमें मस्तिष्क की कोशोकाएं क्षति की ओर जाती हैं. यह मनोभ्रंश की स्थिति को सुधारने के के लिए तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं में सुधार करने के साथ ही ये प्रगतिशील डिमेंशिया में मदद करते हैं.
4. अतिसंवेदंशिलता से बचाए
250 मिग्रा शंखपुष्पी पाउडर, 125-125 मिग्रा मुक्त भस्म, प्रवाल पिष्टी, अभ्रक भस्म और 50 मिग्रा रजत भस्म का संयोजन हमें अतिसंवेदंशिलता की समस्या ने निजात दिलाता है.
5. गर्भपात को रोके
कई महिलाओं में गर्भाशय के संरचनाओं के कारण बार-बार गर्भपात की समस्या देखने को मिलती है. इसके लिए जरुरी है कि गर्भाशय को मजबूत करें ताकि अनचाहे गर्भपात को रोका जा सके. 1.5 ग्राम शंखपुष्पी और अश्वगंधा पाउडर 3 महिना तक लेने से गर्भपात रुकता है.
6. मानसिक थकान में राहत
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक थकान का होना एक आम समस्या है. कई बार अधिक काम करने के कारण, पढ़ाई, कम्पूटर पर लगातार देर तक काम, याद रखने वाले काम इनसे भी मानसिक थकान का अनुभव होता है.
जाहिर है मासिक थकान का सीधा सम्बन्ध मस्तिष्क से है. ऐसे में मस्तिष्क को ज्यादा से ज्यादा उत्साहित करने की जरुरत होती है. और शंखपुष्पी ये काम बखूबी करता है. इसके लिए एक चम्मच शंखपुष्पी पाउडर को पानी के साथ दिन में दो बार लें.
7. तनाव से मुक्ति
तनाव से मुक्ति पाने के लिए कई लोग शंखपुष्पी का इस्तेमाल करते हैं. हलांकि मस्तिष्क के हार्मोन पर्वर्तनों पर शंखपुष्पी के प्रभाव का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है. लेकिन शंखपुष्पी मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को बढ़ाता है. इससे लोग अच्चा और सचेत महसूस करने लगते हैं.
8. सरदर्द में भी करे मदद
सरदर्द के कई कारण हैं. लम्बे समय तक पढ़ाई, मानसिक थकान, मानसिक कार्यभार, मानसिक तनाव आदि के कारण होने वाले सरदर्द में शंखपुष्पी से काफी राहत मिलती है. ये मस्तिष्क के परेशान नसों को शांत करके आपका हेडेक कम करती है.
9. खुद में खोए रहने से बचाए
व्यक्ति का आत्मकेंद्रित हो जाना भी एक बीमारी है. खासकरके बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. इसे दूर करने के लिए 250 मिग्रा शंखपुष्पी पाउडर, 100-100 मिग्रा ब्राह्मी, अश्वगंधा और मंडूकपर्णी एवं 50-50 मिग्रा जटामांसी और मुक्त भस्म एवं 25 मिग्रा अदरक का भस्म मिलाकर पिने से लाभ मिलता है.
शंखपुष्पी के नुकसान
रक्त चाप की समस्या वाले लोगों को इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.