सपने में रोने का उपचार - Sapne Mein Rone Ka Upchar!
बीमारियों के कई प्रकार हैं. सपने में रोना भी एक बीमारी ही है. दरअसल कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं जिनका हमें पता नहीं चलता है या फिर ऐसा भी हो सकता है कि हम इन बीमारियों को सामान्य मान कर चल रहे हों. सपने में रोने की बीमारी भी एक ऐसी ही बीमारी है जिसका पता हमें दूसरे व्यक्तियों से ही हल सकता है. सोते समय कई बार लोग डरावने सपनों से डरकर अचानक उठ जाते हैं. बच्चे इस कारण एकदम से उठकर घबराहट में रोने व कांपने लगते हैं. ऐसा कभी कभार होना सामान्य है लेकिन लगातार होना नाइटमेयर डिसऑर्डर कहलाता है. मेडिकली यह एक तरह का मानसिक विकार है. जिसका इलाज सही समय पर होना चाहिए. जानें इसके बारे में- बुरे सपने के बाद यद जिंदगी में कभी न कभी सभी को बुरे सपने आते हैं जो थोड़ी देर या पूरे दिन के लिए जहन में रहते हैं. लेकिन यदि व्यक्ति को बार-बार ऐसे सपनों के आने के बाद सोने से खौफ होने लगे तो यह एक मानसिक विकार बनकर उभरता है. इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर या पेरासोम्निया भी कहते हैं. इस बीमारी का पता चलते ही इसके उपचार के लिए चिकित्सक क अवश्य दिखाना चाहिए. आइए इस लेख के माध्यम से हम सपने में रोने की बीमारी के उपचार को समझें ताकि इस विषय में जागरूक बन सकें.
सपने में रोने का कारण-
किसी भी वर्ग के व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है. इन सपनों से व्यक्ति की नींद तो टूट ही जाती है लेकिन इसके साथ ही कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं. ऐसा कुछ सेकंड से लेकर मिनटों तक होने के बाद सामान्य हो जाता है –
1.सपने में रोने वाला व्यक्ति अचानक हड़बड़ाहट के साथ उठता है.
2.नाइटमेयर डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति के अंदर घबराहट भी दिखाई पड़ता है.
3.इस तरह से अचानक उठने के कारण इसकी धड़कनें बी तेज हो जाती हैं.
4.इन लोगों को अक्सर गहरी-गहरी सांस लेने जैसी तकलीफें होने लगती हैं.
इन उपायों को अपनाकर सपने में रोने से बच सकते हैं-
इन कमियों को दूर करें: - प्रमुख कारण इस डिसऑर्डर के कई कारण हो सकते हैं. जैसे स्लीप एप्निया, पूरी नींद न लेना, डरावनी फिल्में, उपन्यास, किताबें आदि बार-बार देखना या पढऩा, जीवन में कुछ बुरी घटनाओं का होना, लगातार तनाव या डिप्रेशन बने रहने से भी बुरे सपने आते रहते हैं.
चैन की नींद सोएँ: - कई बार हम किसी बात के उलझन या परेशानी में ही सो जाते हैं. किसी भी प्रकार के तनाव में सोने से बचें. सोते समय कई बार लोग डरावने सपनों से डरकर अचानक उठ जाते हैं. बच्चे इस कारण एकदम से उठकर घबराहट में रोने व कांपने लगते हैं. ऐसा कभी कभार होना सामान्य है लेकिन लगातार होना नाइटमेयर डिसऑर्डर कहलाता है.
शराब और धूम्रपन से रहें दूर: - शराब व धूम्रपान की लत से भी ऐसा होता है. कई बार इस लत को छुड़ाने की प्रक्रिया के दौरान भी बुरे सपने आते हैं. जांच व इलाज यदि एक हफ्ते से ज्यादा या लगातार डरावने सपने आते हैं तो डॉक्टर पॉलिसोम्नोग्राफी टैस्ट करवाते हैं. इसमें नींद के दौरान शरीर में होने वाले बदलावों पर नजर रखते हैं. इलाज के तौर पर एंटीडिप्रेशन दवा और नशीली चीजों से परहेज के निर्देश देते हैं.