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Last Updated: Jul 29, 2020
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Safed Daag Treatment In Hindi - सफेद दाग में परहेज

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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सफ़ेद दाग त्वचा की समस्या है जिसमें आपके त्वचा पर किसी भी जगह सफेद धब्बे उभरने लगते हैं. इसे ल्यूकोर्डमा या विटिलाइगो के नाम से भी जाना जाता है. इसमें शरीर के विभिन्न भागों की त्वचा पर सफेद दाग बनने लग जाते हैं. यह इसलिए होता है क्योंकि त्वचा में वर्णक (रंग) बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, इन कोशिकाओं को मेलेनोसाइट्स कहा जाता है.

सफेद दाग रोग श्लेष्मा झिल्ली (मुंह और नाक के अंदर के ऊतक) और आंखों को भी प्रभावित करते हैं. सफेद दाग के संकेत और लक्षण में त्वचा का रंग खराब हो जाना, या सफेद हो जाना, शरीर के किसी भी भाग की त्वचा पर दाग पड़ जाना. ये सफेद दाग शरीर में सिर्फ एक भाग पर भी हो सकते हैं या कई भागों में अलग-अलग फैल सकते हैं.

इसके ठोस कारण के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया, हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्व: प्रतिरक्षा प्रणाली की एक स्थिति होती है. उनके अनुसार सफेद दाग तब होते हैं, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से त्वचा की कुछ कोशिकाओं को नष्ट कर देती है.

क्या है सफेद दाग का उपचार - Safed Daag Ka Upchar in Hindi

सफेद दाग रोग में अनुवांशिकी घटक होते हैं, जो एक परीवार में एक व्यक्ति से दूसरों में भी फैल सकते हैं. सफेद दाग कई बार अन्य चिकित्सा स्थितियों से भी जुड़े होते हैं, जिसमें थायरॉयड रोग भी शामिल हैं. इस बात को निर्धारित नहीं किया जा सकता कि ये सफेद दाग एक ही जगह पर रहेंगे या अन्य भागों में भी फैल जाएंगे. सफेद दाग कोई दर्दनाक बीमारी या रोग नहीं है, और ना ही इसमें स्वास्थ्य से जुड़े कोई अन्य दुष्प्रभाव हैं. हालांकि, इसमें भावनात्मक और मनोवैज्ञानिकी परिणाम हो सकते हैं.

कई चिकित्सा उपचार इसकी कठोरता को कम तो कर सकते हैं मगर इसका इलाज करना काफी कठिन है. सफेद दागों पर रोकथाम पाने के लिए कोई तरीका नहीं मिल पाया है. ऐसा कोई घरेलू नुस्खा भी नहीं है जिससे इसका उपचार या रोकथाम की जा सके, लेकिन प्रभावित त्वचा पर सन स्क्रीन का प्रयोग या डाई आदि का प्रयोग करके दिखावट में सुधार किया जा सकता है.

भारत में सफेद दाग रोग की स्थिति

डर्मेटोलॉजिकल के प्रसार के मामले 9.25 प्रतिशत और विटिलाइगो के प्रसार के मामले 9.98 प्रतिशत थे. इनमें से स्थिर प्रकार के विटिलाइगो के मामले 65.21 प्रतिशत आंके गए और जिन लोगों के निचले होठ के नीचे दाग (म्यूकोसल विटिलाइगो) थे उनकी संख्या 75 प्रतिशत थी. शरीर के निचले भागों में सफेद दाग का होना विटिलाइगो की शुरूआत का सबसे सामान्य संकेत होता है.

विटिलाइगो से ग्रसित लोगों में ज्याादतर लोग 40 साल की उम्र से पहले इस बीमारी से ग्रसित हो चुके जाते, और इनकी आधी संख्या के करीब लोग 20 साल की उम्र से पहले विटिलाइगो का शिकार बन जाते हैं.

सफेद दाग में परहेज़ - Safed Daag Mein Parhej in Hindi

सफ़ेद दाग की समस्या उत्पन होने पर या जब आपको पता चल जाता है कि आपको ये समस्या है तब आप कुछ सावधानियां बरतकर इसके प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इसमें आपको कुछ फलों का परहेज करना लाभकारी साबित होता है. इन फलों में संतरा, करौंदा, सीताफल, अमरूद, सूखा आलूबुखारा, काजू, तरबूज, खरबूज आदि. इन फलों से परहेज करके आप सफेद दाग को फैलने से रोकने में कुछ हद तक कामयाब हो सकते हैं.

इन सब्जियों का हबी करें परहेज - Hari Sabji Ka Kare Safed Daag Mein Parhej

सफेद दाग में फलों के साथ-साथ कुछ सब्जियां का भी आपको इस्तेमाल कम या नहीं करना चाहिए. इन सब्जियों में बैंगन, लाल सोराल, अजमोद, पपीता, नींबू, टमाटर आदि. ऐसा करने से आप इसके प्रभाव को फैलने से रोक सकेंगे.

इसके अलावा आप इमली, लहसुन और दूध उप्तपाद जैसे: दूध दही या छेना छाछ गैर-शाकाहारी खाद्य पदार्थ जैसे: मछली लाल मीट बीफ (गांय का मांस) अन्य खाद्य पदार्थ जैसे: जंक फूड चॉकलेट कॉफी सोढ़ा बाइ कार्ब कार्बोनेटिड पेय पदार्थ चिकनी, तीखी और मसालेदार चीजें जैसे, अचार आदि से भी परहेज करें ताकि सफेद दाग की समस्या से प्रभावी ढंग से निपट सकें.

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