रीढ़ की हड्डी में दर्द - Reedh Ki Haddee Mein Dard!
रीढ़ की हड्डी प्रत्येक इंसान के शरीर का आधार होती है. इसलिए इसमें दर्द होने पर हमें कई अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए आवश्यक है कि आप रीढ़ के हड्डी में होने वाले दर्द को गंभीरतापूर्वक लें. इसके उचित उपचार के लिए प्रयास करें. आपको बता दें कि रीढ़ के हड्डी में दर्द का कारण इसमें उत्पन्न ट्यूमर भी हो सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द कारण और इसके उपचार के तरीके जानें.
रीढ़ की हड्डी में दर्द का कारण
रीढ़ की हड्डी में दर्द हर आयु के लोगों को प्रभावित करते हैं, परन्तु अधिकतर ये रोग युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में अधिक देखे जाते हैं. रीढ़ की हड्डी में दर्द असामान्य कोशिकाओं के ढेर होते हैं जो रीढ़ की हड्डी, इसकी सुरक्षा परतों, या रीढ़ की हड्डी को आवरित करने वाली परत की सतह पर विकसित होते हैं. स्पाइनल ट्यूमर्स नियोप्लाज्म नामक नए ऊतकों की अस्वाभाविक वृद्धि हैं.अधिकतर कैन्सरस सेल्स रीढ़ की हड्डी में दर्द सेकंडरी होते हैं, जिसका अर्थ है कि ये शरीर के अन्य भाग में फैलते हैं. रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर से ग्रस्त चार में से एक व्यक्ति में ये ब्रेन या रीढ़ की हड्डी में भी फ़ैल जाता है. ये सेकंडरी ट्यूमर अधिकतर फेफड़ों के कैंसर या स्तन कैंसर का परिणाम होते हैं.
जब रीढ़ की हड्डी में दर्द हो तो क्या खाएं
पीठ दर्द वाले लोगों को विटामिन बी 12 तथा बी 3 की पर्याप्त मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है. विटामिन बी 12 तंत्रिका और चयापचय स्वास्थ्य को बनाए रखता है तथा विटामिन बी 3 हड्डियों के स्वास्थ्य के रखरखाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लोग विटामिन बी 12 को दूध, मछली और दही जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं. वहीं सुबह सुबह-सुबह सूरज के संपर्क में रहने से, विटामिन डी 3 की दैनिक आवश्यकता पूरी हो जाती है. इसके अलावा पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को मशरूम, अंडे और बी कॉम्प्लेक्स विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए.
इससे निपटने के लिए किस तरह का व्यायाम करना चाहिए?
जी हां, पीठ दर्द में बिल्कुल व्यायाम किया जा सकता है. ये मांसपेशियों की कार्यप्रणाली में सुधार करता है और शरीर में रक्त के समुचित प्रवाह को बढ़ाता है. लेकिन कमर दर्द की स्थिति में कौंन सा व्यायाम किया जाए, इसके लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. व्यायाम के इलावा ऐसे में कुछ योग आसान जैसे, उत्तानासन,पश्चिमोत्तानासन तथा भुजंगासन आदि भी कर सकते हैं.
रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है. इसमें किसी प्रकार की समस्या होने से हम सहज महसूस नहीं करते हैं. रीढ़ की हड्डी और गर्दन में होने वाली समस्या के कई कारण हो सकते हैं. बढ़ता वजन या फिर मोटापा होने से रीढ़ की हड्डी पर काफी असर डालता है. यही नहीं जो लोग धूम्रपान करते हैं या फिर पीठ के सहारे भारी चीज उठाते हैं, उन्हें भी रीढ़ की हड्डी में समस्या होती है.
डॉक्टरों का मानना है कि अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो आप इस समस्या से बच सकते हैं. इसके लिए यह जरूरी है कि आप नियमित तौर पर व्यायाम करें. अगर आप अपने ऑफिस में कुर्सी पर करीब आठ घंटे बैठते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि सही तरीके से बैठे. बैठते समय सिर और पीठ सीधी रखें. आपके जूते सही नाप के होने चाहिए. ज्यादा टाइट जूते भी आपके स्पाइन के लिए खतरनाक हो सकते हैं.
हर व्यक्ति अपने दिन का एक तिहाई समय अपने बिस्तर पर सो कर गुजारता है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप जो गद्दा इस्तेमाल करते हैं, वह सही हो. इसके अलावा आपका आहार भी पौष्टिक होना चाहिए. दिन में कम से कम तीन बार खाना जरूर खाना चाहिए ताकि आप पूरी तरह से स्वस्थ्य रहें. इसके अलावा यह जरूरी है कि आप सिगरेट न पीएं. यह भी सीधा रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है. अगर आप इन बातों का ध्यान रखें तो आपकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह से स्वस्थ्य रह सकती है.