Potassium Benefits, Sources , Side Effects In Hindi - पोटेशियम के स्रोत, फायदे और नुकसान
पेठा का वैज्ञानिक नाम 'बेनिनकेसा हिस्पिडा' है. इसे कूष्मांड, भतुआ, कोंहड़ा आदि नामों से भी जाना जाता है. इसकी सबसे पहले खेती दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में की गई थी. लेकिन अब इसे सारे एशिया में उगाया जाता है. इस फल को खाने पकाने के लिए उपयोग किया जाता है. इससे भारत में एक मिठाई भी बनाई जाती है, जिसे पेठा कहते हैं. यह सफेद मोम के साथ हरे रंग वाला पौधा होता है. इस फल का छिलका पतला होता है. इसमें अंदर रसदार और मीठा गूदा होता है जो आमतौर पर फ्लैट, अंडाकार और सफ़ेद और पीले भूरे रंग के बीज के साथ होता है. पेठा में विटामिन बी 1 और बी 3 और विटामिन सी पाया जाता है. पेठा में आपको आयरन, तांबा, सोडियम, कैल्शियम, जस्ता, फास्फोरस, मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियमएवं सेलेनियम इत्यादि खनिजों की प्रचुरता होती है. यही नहीं इसके पोटेशियम से समृद्ध होने के कारण यह ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए भी काफी मददगार होता है. पेठा के फायदे और नुकसान निम्लिखित हैं.
1. बढ़ाए ऊर्जा को
शरीर की रिपेयर और विकास के लिए यह आवश्यक है कि पोषक तत्वों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाए. जिससे कि स्वस्थ चयापचय हो सके. रिबोफ्लेविन भी थायराइड और अधिवृक्क की उचित गतिविधि का रखरखाव करता है.
2. वजन कम करने में
फाइबर में अधिक और कैलोरी में अपेक्षाकृत कम होने के कारण सब्जी में इसके सेवन से आपको आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है. खनिजों और पोषक तत्वों का समृद्ध मिश्रण भी मांसपेशियों की वृद्धि और एक मजबूत चयापचय को बढ़ावा देकर वजन घटाने का काम करता है.
5. कैंसर के उपचार में
इसमें मौजूद विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में मुक्त कण, प्रदूषक और विषाक्त तत्वों के कारण होने वाले नुकसान को रोकता है. मुक्त कण शरीर में तब बनते हैं जब भोजन तम्बाकू, धुआं या विकिरण के संपर्क में होता है. मुक्त कण ही कैंसर और गठिया जैसे स्वास्थ्य रोगों में योगदान देता है.
4. आंखों के उपचार में
विटामिन बी 2 नेत्र रोग जैसे केरेटोकोनस, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा को रोक सकता है. शोध में पाया गया है कि रिबोफ्लेविन के सेवन के बीच के संबंध को नेत्र विकारों को कम करने में मदद करती है.
6. सर्दी और फ्लू
विटामिन सी शरीर के प्रतिरक्षा कार्यों को बढ़ावा देती है जो सर्दी, खांसी और फ्लू के वायरस को रोकती है. पेठे में मौजूद विटामिन सी की फेफड़ों के संक्रमण और निमोनिया की संभावना को कम कर देती है.
7. मस्तिष्क के लिए
आयरन ऑक्सीजन को मस्तिष्क के लिए परिवहन में मदद करता है जो मस्तिष्क कार्यों का समर्थन करता है. तथ्य यह है कि मस्तिष्क शरीर में 20% ऑक्सीजन का उपयोग करता है. लोहे की कमी के कारण मानसिक समस्या और स्मृति को नुकसान पहुंचता है. लोहे की कमी शिशुओं और बच्चों में सीखने की कठिनाइयों का कारण हो सकता है.
8. माइग्रेन के उपचार में
पेठा में पाया जाने वाला विटामिन बी 2 माइग्रेन की वजह से उत्पन्न सिरदर्द को ठीक करता है. टामिन बी 2 के सेवन के साथ अर्धशिशि, दर्द और लक्षणों की आवृत्ति कम हो जाती है जो पेठा में पाया जाता है.
9. हृदय को स्वस्थ रखने में
इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा के अवशोषण को कम करके पित्त को समाप्त करता है जो कोलेस्ट्रॉल से बनता है. इसलिए, यह शरीर से समग्र कोलेस्ट्रॉल भंडार को कम करके हृदय को स्वस्थ रखता है. इसमें मौजूद विटामिन सी के कारण ये स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है.
10. पाचन के कार्यों में
पेठा अपने आहार फाइबर की बदौलत पाचन के कार्यों को बढ़ाता है. यह मल को पाचन तंत्र के माध्यम से पारित करने में सहयोग करता है. यह पाचन रोग जैसे कोलन कैंसर, डाइवर्टिक्युलाइटिस और आंतो की सूजन को रोकता है.
पेठा के नुकसान
- मोटे लोगों को इसका उपयोग सीमित अवधि के लिए, कम मात्रा में करना चाहिए.
- इसलिए सर्दियों में इसका उपयोग करना ठीक नहीं है.
- मिठाई के रूप में है, तो अपच के दौरान इसका सेवन उचित नहीं है.