पहली बार गर्भधारण के टिप्स - Pahli Baar Garbhdharan Ke Tips!
जाहीर है कोई भी काम पहली बार करने पर हम उसके अभ्यस्त नहीं होते. इसलिये इस दौरान कई नए अनुभव और नई बातों से सामना होता है. पहली बार गर्भधारण प्रत्येक महिला के लिए एक विशेष अवस्था होती है, जिससे वो अंजान होती हैं. इसलिए उन महिलाओं के लिए कई बातें असहज करने वाली या अजीब लगने वलयी हो सकती हैं. कई बार इस ये अवस्था आपके मन में आपके आसपास के लोगों के द्वारा दी गई सलाह व अन्य कई सारी बातों के कारण काफी भ्रम पैदा कर सकती हैं. आइए इस लेख के माध्यम से पहली बार गर्भधारण के टिप्स बताएं ताकि इस विषय में जागरूक बन सकें.
पहली बार गर्भधारण पर खानपान के टिप्स-
गर्भधारण से पहलें आपको किस तरह के कार्य करना है व आपको क्या डाइट प्लान अपनाना चाहिए, इन सब बातों को जानना बहुत महत्वपूर्ण हैं. यह गर्भवती माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह स्वस्थ रूप से गर्भधारण करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा, जब आप पहली बार गर्भधारण कर रही हैं तो इसके लिए नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें ताकि किसी भी प्रकार के असामान्य परिस्थिति से बच सकें और बच्चे को जन्म देते समय किसी प्रकार की समस्या ना आएं. अधिक वजन और मोटापे के कारण मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के उच्च दर के जोखिम आमतौर पर परिणाम के रूप में सामने आते है. गर्भधारण के दौरान आपको यह सलाह दी जाती है कि एक दिन में आपको कम से कम 300 केलोरी से ज्यादा लेना चाहिए. इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि यह आहार दो लोगो के लिए लिया जा रहा है.
संतुलित आहार सूची-
गर्भावस्था के समय अपने डाइट प्लान के बारे में अपने आहार विशेषज्ञ से सलाह लें. आमतौर पर, डाइट प्लान गर्भवती महिला के बॉडी मास इन्डेक्स पर आधारित होती है. डाइट प्लान का पालन करना से गर्भधारण को आरामदायक बनाता है.
अवश्य कराएं ये टेस्ट्स-
गर्भवती होने से पहलें कुछ टेस्ट करन२भि बहुत महत्वपूर्ण है जिसमे थैलीसीमिया, ब्लड, शुगर, एनीमिया जैसे टेस्ट शामिल है. इस टेस्ट के कराने से आप कई तरह के अवांछित परेशानियों से बच सकती है. इसके अलावा, पहली प्रेग्नेंसी के लिए आपकी उम्र कम से कम 20 वर्ष की उम्र होनी चाहिए.
पहली बार गर्भधारण के उपयोगी टिप्स-
1. गर्भधारण के दौरान सेहतमंद खाना बहुत जरुरी है. इस स्थिति में निर्देशित कैलोरी और पौष्टिक आहार का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है. जैसे- अनाज, हरी सब्जि़यां, फल, बिना चर्बी का मीट, कम फट वाले दूध.
2. इस परिस्थिति में गर्भवती महिलायों को जरुरी मात्रा में आयरन, कैल्सियम, फोलिक एसिड, विटामिन ए एवं बी-12 की जरूरत होती है.
3. इसके साथ ही गर्भधारण के दौरान आपके डाइट में प्रयाप्त पानी और शारीर के तापमान को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.
शारीरिक कार्यों से संबन्धित टिप्स-
1. गर्भवती महिलायों को सभी प्रकार के निर्धारित दिशानिर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए.
2. इस स्थिति में किसी भी प्रकार के मुश्किल शारीरिक अभ्यास या अधिक वजन उठाने से बचना चाहिए.
3. इसके बजाए कुछ तरह के सामान्य शारीरिक कार्य कर सकती हैं.
4. अपने रोजाना शारीरिक गतिविधियों के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
5. धुम्रपान एवं शराब का सेवन से परहेज करें.
6. गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार की शारीरिक जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए.
जब आप पहली बार गर्भधारण करने की योजना बना रही है तो इसके लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए. जब आप पूरी तरह से स्वस्थ है तभी आप बच्चे के बारे में सोचें और जरूरी चेकअप करा लें. गर्भधारण के दौरान स्मोकिंग करना या शराब का सेवन करने से होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे बच्चा कमजोर पैदा हो सकता है. धुम्रपान और शराब की निर्भरता गर्भपात का कारण भी बन सकती है. इसी तरह शराब पीने वाली महिलाओं के लिए भ्रूण संबंधी अनियमित लक्षणों का विकास होता है.
जरूरी है नियमित डॉक्टरी जाँच-
गर्भवती होने से पहलें ब्लड टेस्ट जरुर करवाएं, इससे मां और पिता के ब्लड ग्रुप का पता लगाया जाता है. यदि माँ का आरएच फैक्टर निगेटिव है और पिता का आरएच फैक्टर पॉजिटिव है तो इस स्थिति में बच्चे को गर्भ में ही पीलिया होने का खतरा होता है. गर्भधारण के नौ महिनों के दौरान महिलाएं विभिन्न प्रकार के परिवर्तन से गुजरती हैं. कुछ प्रमुख बदलाव जैसे योनि में खून आना, सुजन, सिरदर्द, गांठ, शरीर के तापमान का बढ़ना और उल्टी इत्यादि, अगर यह समस्याएं लम्बे समय तक रहती है तो गाइनीकोलाजिस्ट को चेक करवाएं.
सेक्स करने से संबंधित टिप्स-
आमतौर पर महिलाओं को गर्भवती होने का पता चलने पर शुरू के दो महीने तक सेक्स करने से बचना चाहिए और गर्भावस्था के अन्तिम एक महीने में भी सेक्स से दूर रहना चाहिए. परेशानियों से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है.