माइक्रोवेव ओवन के नुकसान - Microwave Oven Ke Nuksan!
समय व मेहनत के बचत कराने वाले माइक्रोवेव ओवन के नुकसान भी हैं. जी हाँ, माइक्रोवेव ओवन का भोजन खाना बीमारी को न्योता देना ही है. आज के इस युग में माइक्रोवेव का चलन काफी बढ़ गया है. लोग भोजन गर्म करने, केक बनाने व भोजन जल्द पकाने के लिए माइक्रोवेव का इस्तेमाल जोर-शोर से कर रहे हैं. कितने लोगों की जीवनशैली तो ऐसी हो गई है कि माइक्रोवेव ओवन के बिना उन्हें किचन का काम करना असंभव सा लगता है. माइक्रोवेव में भोजन पकाने या गरम करने में समय व मेहनत की बचत तो होती है, पर इसके कई नुकसान भी हैं. माइक्रोवेव में खाना पकाने से भोजन के पोषक तत्व में कमी आ जाती है. इसके अलावा भी माइक्रोवेव के कई नुकसान हैं. आगे हम इन्हीं नुक़सानों पर चर्चा करगें.
1. कम भोजन की पौष्टिकता व अन्य कई प्रकार के नुकसान-
माइक्रोवेव हाई रेडियशन से भोजन को बहुत ही अधिक ताप पर पकाता है इसलिए भोजन के अधिकांश पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा माइक्रोवेव के ऊर्जा रूपी विकिरण किरणें खाद्य पदार्थ के भीतर रासायनिक व आण्विक बंधनें तोड़ देती है और उनकी मौलिक जीवनीय व जैव रासायनिक संरचना बिगाड़ देती है. परिणामस्वरूप ये स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
2. कई प्रकार का बीमारी होना-
माइक्रोवेव में तैयार किए गए भोजन के उपयोग से व्यक्ति में बैक्टीरिया व विषाणु जनित रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है. व्यक्ति को जन्मजात विकलांगता या अन्य गंभीर बीमारी हो सकती है. माइक्रोवेव के खाद्य पदार्थ के सेवन से व्यक्ति को पाचनतंत्र संबंधी विकार हो सकते हैं. व्यक्ति को मोतियाबिंद हो सकती है.
3. त्वचा में झुर्री व जल्द बुढ़ापा आना-
माइक्रोवेव ओवन में अत्यंत कम समय में ही कच्चे, पकाये हुये या फ्रीज किए हुये सब्जी के मौलिक कण टूट जाते हैं और प्री रेडिकल बन जाते हैं. परिणामस्वरूप इसके प्रयोग से कोशिका के बाहरी दीवार कमजोर हो जाते हैं. जिसके कारण त्वचा में झुर्रियाँ आ जाती हैं व बुढ़ापा जल्द आ जाता है.
4. कैंसर होने वाले विषाक्त पदार्थ का बनना-
माइक्रोवेव की किरणें दूध व दाल में कैंसर के कारक को उत्पन्न कर सकते हैं. इसके अलावा जब माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन में कुछ पकाते या गरम करते हैं तो प्लास्टिक के बर्तन विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं जो प्लास्टिक के बर्तन में रखे खाद्य पदार्थ में मिल जाते हैं. ये विषाक्त पदार्थ कैंसर के कारण बनते हैं. इसके अलावा माइक्रोवेव में बनाये जाने वाले मांसाहारी व्यंजन में डी-नाइट्रोसोडीइथेनोलमाइन नामक तत्व उत्पन्न होते हैं, जो कैंसर का कारक है. इतना ही नहीं माइक्रोवेव में सब्जी पकाने से सब्जी में उपस्थित कैंसररोधी तत्व बहुत ही अधिक मात्रा में नष्ट भी हो जाते हैं.
5. रक्त की रचना में परिवर्तन हो सकता है-
माइक्रोवेव में गर्म किए गए दूध और सब्जियों के सेवन से लाल रक्त कण की मात्रा घट जाती है और श्वेत रक्त कण की मात्रा बढ़ जाती है. इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ता है. रक्त की रचना में इस परिवर्तन से शरीर को नुकसान पहुंचता है.
6. माँ के दूध के पोषक तत्व नष्ट हो जाता है-
माइक्रोवेव में यदि माँ का संरक्षित दूध रखा जाता है और इसे गरम किया जाता है तो दूध से लाइसोजाइम नामक महत्वपूर्ण रोगाणुनाशक एंजाइम की सक्रियता कम हो जाती है, जिस कारण इसके पोषक तत्व व दूध में बैक्टीरिया से लड़ने वाले जो तत्व होते हैं वे नष्ट हो जाते हैं.
7. विटामिन बी12 की कमी हो जाती है-
मछली, लीवर इत्यादि जिसमें बीटामिन बी12 भरपूर मात्रा में रहती है, जब इन्हें माइक्रोवेव में पकाया जाता है तो इसमें से विटामिन बी12 अत्यधिक ताप के कारण नष्ट हो जाते हैं.
8. हृदय की धड़कन बदल सकती है-
माइक्रोवेव से विकिरण उत्सर्जित होती है, जिससे हृदय की धड़कन पर प्रभाव पड़ सकती है. यदि यदि हृदय की धड़कन असामान्य हो जाये या सीने में दर्द की समस्या हो जाये तो माइक्रोवेव ओवन में खाना बनाना बंद कर देना चाहिए.
9. मस्तिष्क के उत्तक, स्मरण शक्ति व हार्मोन्स पर प्रभाव-
यदि माइक्रोवेव ओवन का भोजन रोज खाया जाये तो इससे मस्तिष्क के उत्तक में लंबे समय तक के लिए या स्थायी नुकसान पहुँच सकता है. माइक्रोवेव में पकाये भोजन रोज खाने से व्यक्ति के स्मरण शक्ति, बौद्धिक क्षमता व एकाग्रता कमजोर हो सकती है. इतना ही नहीं रोज माइक्रोवेव के भोजन करने पर महिला व पुरुष दोनों में हार्मोन्स के निर्माण पर भी प्रभाव पड़ सकता है.