Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Feb 11, 2015
BookMark
Report

Profile Image
Dr. Ritesh MahajanAyurvedic Doctor • 17 Years Exp.CCP, MBA, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
हमारे अपने स्वदेशी शास्त्र आयुर्वेद में शरीर को निरोगी रखने के लिए वसंत ऋतु में पंचकर्म विधि से वमन करवाने को बहुत महत्व दिया गया है.
प्र. वमन क्या है?
उ. शरीर में इकट्ठे हुए दोषों को पहले स्नेहन और स्वेदन से कोष्ठ में लाकर, उल्टी के द्वारा बाहर निकालने की प्रक्रिया को वमन कहते हैं.
प्र. वमन के क्या फायदे हैं?
उ. वमन करने से शरीर में जमा हुआ कफ निकलने से एलर्जी, अस्थमा, नज़ला-जुकाम, पुरानी खाँसी, माइग्रेन, एसिडिटी, भूख ना लगना, थायरॉइड, भारीपन, डाइयबिटीस, कोलेस्टरॉल, त्वचा के रोग, गठिया, डिप्रेशन, सुस्ती जैसी बीमारियों में बहुत लाभ मिलता है. यदि किसी को यह रोग नही है, तो कफ निकल जाने से, इन रोगों की होने की संभावना भी नही रहती.
प्र. वमन कब करवाना चाहिए?
उ. रोग की अवस्था के अनुसार तो वमन कभी भी करवाया जा सकता है. लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से वसंत ऋतु में वमन करना बहुत महत्वपूर्ण है. वसंत ऋतु में प्राकृतिक रूप से कफ बढ़ता है. ऐसे में यदि पहले की कफ का शोधन कर लिया जाए, तो रोग नही होते.
प्र. क्या वमन केवल रोगी के लिए ही है?
उ. नही, ऐसा बिल्कुल नही है. यदि स्वस्थ व्यक्ति वमन करवाता है, तो उसे कफ जनित रोग नही होते. इसलिए रोगी से भी ज़्यादा स्वस्थ व्यक्ति को इसकी ज़रूरत है.
chat_icon

Ask a free question

Get FREE multiple opinions from Doctors

posted anonymously

TOP HEALTH TIPS

doctor

View fees, clinc timings and reviews
doctor

Treatment Enquiry

Get treatment cost, find best hospital/clinics and know other details