Late Periods Problem In Hindi - पीरियड मिस या लेट होने के कारण
पीरियड्स, जिसे हिंदी में महावरी या मासिक धर्म भी बोला जाता हैं, यह महिलाओं को हर महीने होने वाली एक प्राकृतिक प्रकिया है, जिसका सामना हर महिलाओं को हर 28 दिन में करना पड़ता है। वहीं बहुत से महिलाओं और किशोरियों को लेट पीरियड प्रॉब्लम या कहे मासिक धर्म देरी या असमय आते हैं। शादीशुदा या किसी के साथ रिश्ते रखने वाली महिलाओं के जब पीरियड्स देर से आते हैं, तो उनमे से अधिकतर की सोच यही होती हैं कि कही वह प्रेगनेंट तो नहीं है ?
हालांकि, ऐसा कुछ होता नहीं हैं, उम्र और लाइफस्टाइल के कारण हमारे शरीर में बहुत से बदलाव आते रहते हैं। पीरियड्स लेट या मिस हो जाना उसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। काफी सारे मामलों में देखा गया है कि जिन महिलाओं या युवतियों ने किसी से कोई संबंध नही बनाया होता है, लेकिन फिर भी उनके पीरियड्स की साइकिल बदल जाती हैं। इसका कारण हमारे शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी होते हैं।
इसके अलावा हमारी जीवनशैली में हुए बदलाव भी इसका एक कारण होते है। जैसे - ज्यादा स्ट्रेस, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज, वजन कम होना या ज्यादा वजन बढ़ना आदि इसमें शामिल है। यह कुछ कारण है जो आपके हॉर्मोन स्तरों को प्रभावित कर, आपके पीरियड्स साइकिल में बदलाव ला सकते हैं।
अगर वैज्ञानिक नजरिए से समझने की कोशिश करें तो महिलाओं में हर माह ओवुलेशन होता है, जिसमें पीरियड्स के 28 दिन की साइकिल के दौरान 12वें या 14वें दिन पर ओवरी से अंडा जारी होता है। अगर ओवुलेशन समय पर नही हो पाता है तो इससे पीरियड्स चक्र पर प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण पीरियड्स लेट प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता हैं। अगर आपको यह समस्या होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
पीरियड का लेट होना कई कारणों पर निर्भर करता है जैसे कि :
1. गर्भावस्था
अगर आपने हाल ही में असुरक्षित यौन संबंध बनाए है, तो हो सकता है प्रेगनेंसी के कारण आपके पीरियड न आए।
सोल्यूशन: तुरन्त प्रेगनेंसी की जांच कराएं।
2. पीरियड्स साइकिल की शुरुआत
जब पीरियड्स साइकिल शुरू होते है तो जरुरी नहीं की हर महिला में यह चक्र नियमित हो, मतलब कुछ में वो समय से होगा और कुछ में नहीं। कई लड़कियों में शुरुआत के सालों में पीरियड में अनियमितता होती है, जो की बाद में धीरे धीरे ठीक हो जाती है।
सोल्यूशन: अगर आपका पीरियड हाल ही में शुरू हुआ है, तो आपको ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है। डॉक्टर से संपर्क कर सारी जानकारी साझा करें।
3. वजन का बढ़ना
मोटापे की वजह से शरीर में हॉर्मोन्स सही ढंग से कार्य नहीं कर पाते है, जिसके कारण पीरियड्स लेट होने की समस्या हो सकती है।
सोलुशन: नियमित एक्सरसाइज, सही डाइट और अच्छे लाइफस्टाइल को अपना कर अपना वजन कंट्रोल करें।
4. अंडर वेट होना
कुछ लडकियां और महिलाएं बहुत दुबली पतली होती हैं और वजन का सामान्य से कम होना भी पीरियड की परेशानियों के लिए जिम्मेदार होता है क्योंकि उनका शरीर उचित मात्रा में एस्ट्रोजन नहीं बना पाता है, जिस कारण उनका ओवुलेशन नहीं हो पाता है।
सोल्यूशन: व्यायाम और अच्छी डाइट के जरिए कम वज़न और लेट पीरियड की समस्या से छुटकारा पाएं।
5. सही खान पान का न होना या कमी
कुछ महिलाओं में ईटिंग डिसऑर्डर जैसे एनोरेक्सिया या बुलिमिया पाया जाता है। ऐसे में सही पोषण की कमी का असर उनके पीरियड पर पड़ता है, जिससे पीरियड लेट प्रॉब्लम पैदा हो जाती है।
सोल्यूशन: शरीर के साथ जो भी करें, एक्सपर्ट की राय और शरीर जरूरत के अनुकूल ही करें।
6. खिलाडी या डांसर होना
अकसर खिलाडी और डांसर आपना स्टैमिना और परफॉरमेंस बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा प्रैक्टिस कर लेती हैं। शरीर के जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल का विपरीत प्रभाव उनके एस्ट्रोजन हॉर्मोन के लेवल पर पड़ता है, जिसके फलसवरूप ऐसी लड़कियों या महिलाओं को अमेनोररहीया यानि पीरियड देर से होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
सोल्यूशन: सही पोषण युक्त डाइट और कुछ दिन आराम करके माहवारी को फिर से सामान्य करने की कोशिश करें।
7. ज्यादा एक्सरसाइज
कुछ महिलाएं आकर्षक शरीर पाने के लिए जरुरत से ज्यादा व्यायाम करती हैं। ऐसी महिलाओं को अनियमित पीरियड प्रॉब्लम की समस्या हो जाती है।
सोल्यूशन: जरुरत से ज्यादा व्यायाम करने से बचें
8. गर्भनिरोधक गोलियां लेना
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन भी मासिक चक्र को डिस्टर्ब कर सकता है।
सोल्यूशन: जितना हो सके गर्भ निरोधक गोलियों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
9. थाइरोइड की प्रॉब्लम
कई बार हमें थाइरोइड की परेशानी होती है और हमें उसका पता भी नहीं चलता है। दोनों हाइपो-थयरोइडिस्म और हाइपर-थयरोइडिस्म होना, आपकी पीरियड्स साइकिल को प्रभावित कर सकता है।
सोल्यूशन: पीरियड लेट होने की वजह जानने के लिए अपना थाइरोइड टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
10. हार्मोनल लेवल का असंतुलन
PCOS के अलावा कुछ शारीरिक रोग या मानसिक तनाव होने का असर शरीर के हार्मोनल के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिसके फलसवरूप आपका पीरियड लेट हो सकता है।
सोल्यूशन: हॉर्मोन को संतुलित बनाए रखने का प्रयास करें।
11. रजोनिवृत्ति
जो महिलाएं रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज़ की ओर बढ़ रही होती हैं, उनमें पीरियड मिस और लेट होने की प्रॉब्लम आम होती हैं। ऐसी महिलाओं में मासिक स्त्राव और मासिक चक्र की आवर्ती पर काफी असर पड़ता है।
सोलुशन: रजोनिवृत्ति के आसपास की आयु हैं, तो ज्यादा चिंता न करें।
12. दवाइयों का सेवन
थाइरोइड, कैंसर, कीमोथेरेपी, डिप्रेशन, मासिक रोगों के लिए दी जाने वाली दवाइयां और स्टेरॉइड्स आदि कुछ ऐसी दवाइयां हैं, जो आपके मासिक चक्र को प्रभावित कर सकती हैं।
सोल्यूशन: बीमारी के ठीक होने तक ऐसी समस्या पर धैर्य रखें और अगर ज्यादा समय तक सुधार ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
13. तनाव और चिंता
मानसिक तनाव, चिंता, घरेलू झगड़े, भावनात्मक बदलाव, अवसाद आदि का असर सीधा हॉर्मोनल स्तर पर पड़ता है, जिसके कारण आपके शरीर के हॉर्मोन्स के कार्य प्रभावित होते हैं। हॉर्मोन्स का चेंज होना आपके दिमाग के हाइपो-थैलेमस नाम के हिस्से को प्रभावित करता है। यह हिस्सा आपके मासिक चक्र को नियंत्रित करता है।
सोल्यूशन: मानसिक तनाव, बात-विवाद, डिप्रेशन, चिंता आदि से बचना चाहिए और मैडिटेशन, योगा को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए।
14. स्केड्यूल बदलने या सफर करना
कई बार ऑफिसियल टाइम बदलने, परीक्षा के दौरान ज्यादा देर जागने, सफ़र का प्रभाव आपके स्केड्यूल, खान पान, नींद, बॉडी क्लॉक, दिमाग आदि को प्रभावित करता है, जिसके कारण आपका पीरियड लेट हो सकता है।
सोल्यूशन: नींद पूरी लेना, नियमित एक्सरसाइज, सही डाइट आदि से आप पीरियड को नियमित कर सकते हैं।