क्या है बाइपास सर्जरी? - Kya Hai Bypaas Surgery?
बाइपास सर्जरी हृदय से संबंधित सर्जरी है और एक बेहद जटिल सर्जरी है. जब हृदय की मांसपेशियों में ब्लड की आपूर्ति करने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो इस स्थिति में ह्रदय की बाइपास सर्जरी की जाती है. पूरे बॉडी से ब्लड (जो ऑक्सीजन युक्त नहीं होता) की आपूर्ति करना ह्रदय का कार्य होता है. इस ब्लड को फिर लंग में भेजा जाता है जहां यह ऑक्सीजन के साथ मिलता है. इसके बाद यह ब्लड हार्ट द्वारा सभी ऑर्गन में पंप किया जाता है. यह शरीर के सभी कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. ब्लड और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के बिना, शरीर का कोई ऑर्गन सामान्य रूप से कार्यवाही नहीं कर सकता है. अगर यह सही तरह से काम नहीं करता है, तो कई गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं. सर्जरी का मुख्य कार्य मरीज के ही बॉडी से ली गयी ब्लड वेसल्स, जिसे कृत्रिम रूप से ह्रदय से जोड़ा जाता है, के सहायता से हार्ट में ब्लड की आपूर्ति करना है. इस प्रकार धमनी का क्षतिग्रस्त हिस्सा 'बाइपास' होता है और हृदय की मांसपेशियां सामान्य रूप से कार्य कर पाती हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम बाइपास सर्जरी के बारे में जानें.
बाईपास सर्जरी की क्या आवश्यकता है?
ह्रदय की बाइपास सर्जरी निम्न स्थिति में करवाने की जरुरत पड़ सकती है.
आर्टेरीयोस्केलेरोसिस- कई तरह के स्वास्थ्य कारणों से धमनियों की दीवारें मोटी और सख्त हो सकती हैं. यह आर्टेरीयोस्केलेरोसिस के रूप में जाना जाता है. धमनी की दीवारों के अंदर प्लाक (कोलेस्ट्रॉल वसा, कैल्शियम और ब्लड में अन्य पदार्थों के साथ मिलकर प्लाक का निर्माण कर सकते हैं) जमा होते हैं. मोटी हुई दीवारें धमनियों के लुमेन को पतली कर देती हैं. जिसके परिणामस्वरूप लुमेन पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है जो ब्लड फ्लो को रोक देता है. कोरोनरी धमनी की एक या सभी शाखाएं ब्लॉक हो जाती हैं. यह स्थिति ब्लड में हाई लेवल के कोलेस्ट्रॉल से पैदा हो सकती है.
रिकरेंट एंजाइना पेक्टोरिस-
एनजाइना में सीने में अचानक दर्द महसूस हो सकता है. यह हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त ब्लड की पर्याप्त आपूर्ति की कमी के कारण होता है. यह दर्द अचानक से हो सकता है जो दाँत, जबड़े, हाथ, उंगलियों में अनुभव किया जा सकता है. यह दिल की मांसपेशियों में अवरुद्ध ब्लड आपूर्ति का लक्षण हो सकता है. यह कोरोनरी धमनी की क्षति का परिणाम हो सकता है.
साँस लेने में तकलीफ-
कोरोनरी धमनी की क्षति के अन्य संकेतों में सांस फूलना या सांस लेने में समस्या भी हो सकता है. अगर हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ब्लड आपूर्ति नहीं हो पा रही है, तो वे आसानी से कमज़ोर हो सकती है. इसके अलावा हल्के शारीरिक गतिविधि से भी श्वास में समस्या हो सकती है. सांस लेने में तकलीफ की गंभीरता कोरोनरी धमनी की क्षति पर निर्भर करती है.
आर्टेरीज (धमनी की सूजन)-
आर्टेरीज एक ऐसी स्थिति है जो बॉडी के किसी आर्टरी को प्रभावित कर सकती है. सूजन के कारण प्रभावित धमनी की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इस स्थिति से कोरोनरी धमनी प्रभावित हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप इसकी क्षति हो सकती है.
अन्य विधियों की विफलता
कोरोनरी धमनी के हर ब्लॉकेज को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती. कुछ समय, डॉक्टर मरीज को शारीरिक व्यायाम करने, आहार का पालन करने या दवाइयां लेने के लिए कह सकता है. थोड़े गंभीर मामलों में, एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता हो सकती है. यदि ये सभी विधियां विफल हो जाती हैं, तो सर्जरी की जा सकती है.
क्या है बाईपास सर्जरी के प्रक्रिया?
इस सर्जरी को बहुत सावधानी और सजगता के साथ करना चाहिए. इस सर्जरी को करने के लिए कई प्रकार हैं. हालाँकि इन्हें करने के कुछ विधि सामान्य हैं. ओपन सर्जरी छाती की हड्डी के बिलकुल ऊपर छाती के बीच में एक चीरा काटता है. इसके बाद छाती की हड्डी को हटा कर अलग कर दिया जाता है. सर्जन मरीज़ के शरीर से एक ग्राफ्ट (चुना हुआ) निकलता है जो डैमेज कोरोनरी आर्टरी को बाइपास करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ग्राफ्ट को कोरोनरी धमनी से इस प्रकार सिला जाता है जिससे यह ब्लड के अबाधित प्रवाह के लिए एक और मार्ग का निर्माण करता है. धमनी का क्षतिग्रस्त अंग अब ब्लड को ह्रदय की मांसपेशियों तक पहुँचाने का कार्य नहीं करता है. छाती की हड्डी को वापस वास्तविक जगह पर लगा दिया जाता है और चीरे को सिल दिया जाता है. यह बाइपास सर्जरी का पारम्परिक तरीका है और इसे ओपन सर्जरी भी कहते हैं.