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Last Updated: Oct 23, 2019
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Khujli Ke Karan In Hindi - खुजली के कारण

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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खुजली एक ऐसी बिमारी है जिसके शिकार कभी न कभी सब लोग रहे होंगे. ये एक ऐसी बिमारी है जिसके कारण आदमी कई बार तनाव में रहने लगता है. इसकी ख़ास बात ये है कि खुजलाते समय आपको बहुत आनंद आता है. लेकिन इससे बिमारी का प्रभाव बढ़ता है. इसके अलावा जब खुजली की तलब लगती है तो आप इसपर नियंत्रण भी नहीं कर पाते हैं. बार-बार खुजलाने से त्वचा का वह हिस्सा उभरकर मोटा हो सकता है, उससे खून बह सकता है या वह हिस्सा संक्रमित हो सकता है. खुजली वाली त्वचा एक असहज रूप से होने वाली जलन की अनुभूति है, जिसमें आपको खुजलाने की इच्छा होती है. इसे शुष्क त्वचा, चर्म रोग, गर्भावस्था और दुर्लभ रूप से कैंसर सहित कई विकारों के साथ जोड़ा जा सकता है.

यह समस्या वृद्धों में सामान्य है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ त्वचा शुष्क होने लगती है. खुजली एक ऐसी समस्या है, जो हर कोई अनुभव करता है और इसके लक्षण सीमित (शरीर के एक हिस्से तक) या पूरे शरीर में या कई अलग-अलग हिस्सों में हो सकते हैं. आपकी खुजली वाली त्वचा के कारण के आधार पर यह अलग-अलग दिखाई दे सकती है या लाल या खुरदरी भी हो सकती है. इसपर सूजन या फफोले होने की सम्भावना भी बनी रह सकती है. मॉइस्चराइजिंग, खुजली रोकने वाले उत्पादों का उपयोग करने और ठंडे पानी से नहाने से खुजली में राहत मिलती है. खुजली वाली त्वचा से लंबे समय के लिए राहत पाने हेतु इसके कारणों की पहचान और उपचार करने की आवश्यकता होती है. खुजलीदार त्वचा के उपचार में दवाएं, गीली पट्टियां और लाइट थेरेपी शामिल हैं. आइए खुजली होने के संभावित कारणों की पड़ताल करें और इसके बार में जानें.

1. आंतरिक रोग
खुजली वाली त्वचा एक अंतर्निहित बीमारी का लक्षण हो सकती है. इनमें लिवर रोग, किडनी की विफलता, एनीमिया (खून की कमी), थायराइड की समस्याएं और कैंसर जैसे कि ल्यूकेमिया और लिम्फोमा शामिल हैं. खुजली आमतौर पर पूरे शरीर को प्रभावित करती है. बार-बार खुजलाने वाले हिस्सों को छोड़कर बाकी त्वचा सामान्य दिख सकती है.
2. सूखी त्वचा
यदि आप सूजी हुई लाल त्वचा या खुजली वाले हिस्से में कुछ अन्य आकस्मिक परिवर्तन नहीं देखते हैं, तो सूखी त्वचा (एक्सरोसिस) एक संभावित कारण है. शुष्क त्वचा आमतौर पर अधिक आयु या पर्यावरणीय कारकों का परिणाम होती है, जैसे – एयर कंडीशनिंग या सेंट्रल हीटिंग का लम्बे समय तक उपयोग और बहुत अधिक नहाना या कपडे धोना.
3. तंत्रिका संबंधी विकार
खुजली होने के कई कारणों में से एक तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली स्थितियां भी हैं. जैसे कि मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस, डायबिटीज मेलिटस, तंत्रिकाओं का संकीर्ण होना और दाद – खुजली पैदा कर सकते हैं.
4. त्वचा की स्थिति और चकत्ते
खुजली वाली त्वचा की कई स्थितियां, जैसे – एक्जिमा (त्वचाशोथ), सोरायसिस (विचर्चिका), स्केबीज़ (एक प्रकार का चर्म रोग), जूँ, चिकन पॉक्स और शीतपित्त. खुजली आमतौर पर विशिष्ट हिस्सों को प्रभावित करती है और अन्य लक्षणों के साथ होती हैं, जैसे कि त्वचा का लाल होना और जलन या सूजन और छाले.
5. दवाएं
कई ऐसी दवाएं हैं जिनकी वजह से भी खुजली की बिमारी हो सकती है. एंटीबायोटिक, एंटी फंगल दवाओं या नारकोटिक दर्द की दवाओं के होने वाले विपरीत प्रभाव से बहुत अधिक चकत्ते और खुजली हो सकती है.
6. जलन और एलर्जी
ऊन, रसायन, साबुन और अन्य पदार्थ त्वचा में जलन और खुजली उत्पन्न कर सकते हैं. कभी-कभी पॉइज़न इवी या सौंदर्य प्रसाधन एलर्जी का कारण बनते हैं. खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी भी त्वचा की खुजली का कारण हो सकती है.
7. गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाएं त्वचा में खुजली का अनुभव करती हैं, खासकर पेट और जांघों पर. इसके अलावा खुजली वाली त्वचा की स्थिति, जैसे कि डर्मेटाइटिस (त्वचाशोथ) गर्भावस्था के दौरान गंभीर हो सकती है.
 

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