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Last Updated: Jun 16, 2020
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खून की कमी - Khoon Ki Kami!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी है. इस पानी का ज्यादातर हिस्सा हमारे शरीर में खून के रूप में उपस्थित है. रक्त ही हमारे शरीर में वो महत्वपूर्ण माध्यम है जो कई जरुरी पोषक तत्वों और कई अन्य चीजों को विभिन्न अंगों तक पहुँचाने का काम करता है. यदि खून न हो हो या खून की कमी हो जाए तो हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगेंगी. हिमोग्लोबिन, हमारे शरीर में मौजूद रक्त का सबसे महत्वपूर्ण भाग है. हमारे शरीर में कई खनिज पाए जाते हैं. आयरन उनमें से ही एक है.

आयरन का काम है हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करना. लाल रक्त कोशिकाएं हिमोग्लोबिन का निर्माण करती हैं. हिमोग्लोबिन हमारे शरीर में प्राण वायु ऑक्सिजन को फेफड़ों से लेकर हमारे खून में पहुंचाता है. फिर रक्त में संचरण करते हुए ऑक्सिजन शरीर के अन्य हिस्सों में जाता है. लेकिन जब हमारे शरीर में आयरन की कमी होती है तब लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी आती है और इससे हिमोग्लोबिन में भी कमी आ जाती है. इस अवस्था में हमारे शरीर में ऑक्सिजन की भी कमी हो जाती है जिसे हम एनीमिया या खून की कमी कहते हैं. इसमें हमें थाकान और कमजोरी महसूस होने लगता है.

एनीमिया के लक्षण-

  • थकान होना
  • त्वचा का पीला पड़ना
  • आंखों के नीचे काले घेरे
  • चक्कर आना
  • सीने में दर्द
  • लगातार सिर में दर्द
  • तलवे और हथेलियों का ठंडा पड़ना
  • शरीर में तापमान की कमी


कौन होता है आसानी से इसका शिकार?
यदि ध्यान न रखा जाए तो प्राकृतिक कारणों से महिलाएं इसकी आसान शिकार बन जाती हैं. दरअसल पीरियड्स और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में प्राकृतिक रूप से कई ऐसे परिवर्तन होते हैं जिनसे महिलाओं में एनीमिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है. गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल व फाइबर आदि की आवश्यकता होती है. जबकि इस दौरान रक्त में लौह तत्वों की कमी होने से शारीरिक दुर्बलता बढ़ सकती है. जबकि पीरियड्स के दौरान खून ज्यादा निकल जाने के कारण भी एनीमिया की आशंका बढ़ जाती है. स्तनपान कराने वाली माताओं को भी एनीमिया होने का खतरा रहता है. लड़कियों में अक्सर डाइटिंग का क्रेज देखने को मिलता है. वजन कम करने के लिए डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसकी शिकार हो सकती हैं. कुछ अन्य कारणों से भी महिलाओं या पुरुषों में हो सकता है जैस पाइल्स या अल्सर के कारण भी एनीमिया हो सकता है. अब तो पर्यावरण में मौजूद हानिकारक तत्व भी एनीमिया का कारण बन रहे हैं.

बचने के उपाय-
एनीमिया अपने आप में कोई बिमारी नहीं है बल्कि इसके कारण कई अन्य बीमारियाँ हो सकतीं हैं. इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना अत्यंत आवश्यक है. इसको ठीक होने में कम से कम छह महीने का समय लगता है. यदि आप एनीमिया से बचना चाहते हैं तो आपको मांस, अंडा, मछली, किशमिश, सूखी खुबानी, हरी बीन्स, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे आयरन से परिपूर्ण आहार आदि का सेवन अवश्य करना चाहिए. आयरन युक्त आहार तभी प्रभावी है जब उसके साथ विटामिन सी का भी सेवन किया जाता है. विटामिन-सी के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लें.

इन आहारों से होती है खून में वृद्धि-
कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनका इस्तेमाल रक्तवर्धन के लिए किया जा सकता है. इनके इस्तेमाल से भी आप एनीमिया के जोखिम को कम कर सकते हैं.
1. चुकंदर -
यह आयरन का अच्छा स्त्रोत है. इसको रोज खाने में सलाद या सब्जी के तौर पर शामिल करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती.

2. हरी पत्तेदार सब्जी - पालक, ब्रोकोली, पत्तागोभी, गोभी, शलजम और शकरकंद जैसी सब्जियां सेहत के लिए बहुत अच्छी होती हैं. वजन कम होने के साथ खून भी बढ़ता है. पेट भी ठीक रहता है.

3. सूखे मेवे - खजूर, बादाम और किशमिश का खूब प्रयोग करना चाहिए. इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है.

4. फल - खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है. अनार खाना एनीमिया में काफी फायदा करता है. प्रतिदिन अनार का सेवन करें.

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