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Last Updated: Feb 16, 2023
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काली गाजर खाने के फायदे और नुकसान

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Dr. Ganesh PalhadeAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS), M.Sc - Clinical Research
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गाजर का नाम सुनते ही हमें लाल लाल गाजर का ध्यान आता है। सर्दियों में गाजर का हलवा हर घर में खाया जाता है। गाजर के बहुत से गुण होते हैं पर शायद कुछ लोग नहीं जानते होंगे कि गाजर सिर्फ लाल ही नहीं होती है। काली गाजर भी गाजर का एक प्रकार है जो बहुत ही गुणकारी है। कई बार गाजर गहरे जामुनी रंग में कुछ लोगों को कुछ अचंभित करती है।

काली गाजर या काली गाजर तुर्की, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में सबसे अधिक पाई और खाई जाती है।  पश्चिम देशों में में लोग यह मानते हुए बड़े हुए हैं कि गाजर हमेशा नारंगी रही है, लेकिन 16 वीं शताब्दी में नारंगी गाजर के पारंपरिक होने से बहुत पहले, काली गजर एशिया और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में मौजूद थी।

काली गजर का रंग मुख्य रूप से एंथोसायनिन की उच्च सांद्रता के कारण होता है। दूसरी ओर, नारंगी और पीली गाजर में बीटा-कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है। काली गाजर का एक अनूठा स्वाद होता है और इसमें एक सूक्ष्म मसालेदार स्वाद के साथ-साथ एक अप्रत्याशित मिठास है। इस लेख में हम काली गाजर और उसके  खाने के फायदे के साथ ही उसके कुछ नुकसान के बारे ममें जा सकेंगे।

काली गाजर में कौन से पौषक तत्व

कच्ची काली गाजर में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं: प्रोटीन, फाइबर, आयरन,पोटैशियम, सोडियम, शुगर, कैल्शियम, कार्बो हायड्रेट और बहुत कम मात्रआ में वसा

काली गाजर के फायदे

काली गाजर गुणों से भरपूर है। पाचन सुधारने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने और यहां तक की कैंसर से बचाने जैसे विशेषज्ञ गुण भी काली गाजर में पाए जाते हैं।

पाचन में सुधार करती है

काली गाजर आहार फाइबर में अत्यधिक उच्च है जो शरीर के समग्र पाचन तंत्र में सुधार करती है। यह गैस, पेट फूलना, एसिडिटी , मतली, कब्ज और दस्त के इलाज में मदद करती है। काली गजर से बना 'कांजी' नामक एक किण्वित पेय स्वस्थ आंत गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है

काली गजर का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसमें शक्तिशाली गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और वायरल दोनों संक्रमणों पर हमला करते हैं और आपको सर्दी और फ्लू से बचाते हैं। विटामिन सी से भरपूर होने के कारण, यह श्वेत रक्त कोशिकाओं की गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करता है जो हमारे शरीर को हानिकारक बीमारियों और अन्य बाहरी वस्तुओं से बचाती हैं।

कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है

एंथोसायनिन के अविश्वसनीय रूप से उच्च स्तर की उपस्थिति के कारण, एक यौगिक जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होता है, काली गजर आपके शरीर को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ एक उत्कृष्ट बढ़ावा देती है। एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को खत्म करने और शरीर में कैंसर की गतिविधि को बेअसर करने में मदद कर सकते हैं

मोतियाबिंद रोकती है

गाजर अपने बीटा-कैरोटीन की आपूर्ति के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है, जो दृष्टि स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जाना जाता है। एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हुए, बीटा-कैरोटीन आपके मैक्युलर डी जेनरेशन के जोखिम को कम करने और मोतियाबिंद के विकास को धीमा करने में सक्षम है।

नज़र के चश्मे से मुक्ति दिलाती है

अगर आप अपने चश्मा लगाने वाले व्यक्तित्व से खुश नहीं हैं तो आपको काली गाजर की शरण में जाना चाहिए। अपने साथी नारंगी गाजर की तरह, काली गाजर भी दृष्टि के लिए अच्छी होती है। वे ग्लूकोमा और रेटिनल सूजन वाले लोगों को लाभ पहुंचाते हैं और आंखों की ओर रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसके कई बार दृष्टि में सुधार आता है।

सूजन से लड़ने में मदद करता है

काली गजर शरीर में सूजन से लड़ने में मदद कर सकता है और इस प्रकार, कई बीमारियों और बीमारियों के जोखिम को रोकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, काली गाजर जैसे बैंगनी खाद्य पदार्थ यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं।

कुछ न्यूरोलॉजिकल रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं

एक शोध में बताया गया है कि नियमित रूप से काली गाजर खाने से अल्जाइमर जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के जोखिम को कम करने में सकारात्मक लाभ हो सकता है। काली गाजर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंथोसायनिन सहित कई घटक इन स्थितियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है

काली गाजर फाइबर से भरपूर होती है, जो कब्ज, सूजन और पेट फूलने जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करती है।

काली गाजर के अन्य स्वास्थ्य लाभ:

  • तंत्रिका स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती है
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है
  • आंत के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है
  • विटामिन ए से भरपूर
  • मोटापे से लड़ती है

काली गाजर के नुकसान

काली गाजर में मौजूद बहुत से यौगिकों की वजह से काली गारज कुछ लोगों को सूट नहीं करती है। यानी उन्हें काली गाजर के सेवन से परेशानी होती है। इन परेशानियो में शामिल हैं-

त्वचा का रंग बदलना

कुछ लोगों को काली गाजर खाने से त्वचा के रंग में बदलाव आने की शिकायत देखी गयी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसकी वजह काली गाजर में पाए जाने वाले कुछ यौगिक हैं। इनकी वजह से ही कुछ लोगों को स्किन डी कलरेशन की समस्या होती है। 

मधुमेह की दवा लेने वाले सतर्क रहें

मधुमेह से पीड़ित और मधुमेह की दवाई खा रहे लोगों को काली गाजर के प्रयोग से बचना चाहिए। दरअसल काली गाजर में एंथोसायनिन नाम का यौगिक होता है। ये बहुत से फायदों के साथ ही एंटीडायबिटिक भी होता हैष। इसका मतलब हुआ कि ये रक्त में ब्लड शुगर के स्तर को कम कर देते हैं। ग्लूकोज का स्तर घट जाता है। ऐसे मे अगर कोई दवा ले रहा है और उसने काली गाजर के सेवन कर लिया तो उसे लो शुगर की खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ सकता है।  इस  प्रभाव होता है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को और कम कर सकता है।

पेट को नुकसान

काली गाजर को स्टोर करने के लिए केमिकल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे मे अगर इसे बिना धुला डायरेक्ट खा लिया जाय तो इसके भंडारण में उपयोग किए गए हानिकारक केमिकल पेट में जाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

गैस की समस्या

काली गाजर के साथ एक समस्या ये भी पाई गयी है कि इससे गैस बन सकती है। इसके साथ ही यह भी पाय गया है कि ये नारंगी गाजर की तरह सुपाच्य नहीं होती यानी इसको अगर जरुरत से ज्यादा खा लिया जाय तो फिर इसकी वजह से पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है।

एलर्जी

काली गाजर में एंथोसायनिक समेत कई यौगिक पाए जाते हैं। ऐसे में काली गाजर के किसी तत्व से अगर किसी को एलर्जी होती है, तो काली गाजर खाने से ये एलर्जी बढ़ने की आशंका हो सकती है।

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