कफ का आयुर्वेदिक इलाज - Kaf Ka Ayurvedic Ilaj!
कफ एक ऐसी समस्या है जिससे शायद ही कोई बचा हो. ये कभी भी किसी को भी हो सकता है. हलांकि सामान्य तौर पर ये ज्यादा गंभीर बिमारी नहीं है लेकिन कई बार ये दुसरे रोगों का संकेत भी हो सकता है इसलिए सावधान रहना आवश्यक है. जहां तक बात है इसके होने के कारणों की तो ये निश्चित नहीं है. आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको कफ के आयुर्वेदिक और इसके होने के कारणों को जानें.
क्या है कफ होने के कारण?
* यह रोग अधिकतर गलत-खान पान के कारण से होता है क्योंकि गलत तरीके से खाने पीने से शरीर में * दूषित द्रव जमा हो जाता है जिसके कारण यह रोग व्यक्ति को हो जाता है.
* यह रोग अत्यधिक ठंड लगने, ताजी हवा में सांस लेने से तथा अच्छी आदतों के कारण से हो जाता है.
* अधिक ठंडे पदार्थ का भोजन में अधिक उपयोग करने के कारण भी यह रोग हो सकता है.
* शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण भी सर्दी रोग हो सकता है.
* शरीर में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण भी सर्दी हो जाता है.
* जब किसी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा छींकने पर उसकी बून्दे किसी स्वस्थ व्यक्ति पर पड़ती है तो यह * रोग स्वस्थ व्यक्ति को भी हो जाता है. क्योंकि यह रोग खांसने तथा छींकने से अधिक फैलता है.
ये हैं कफ के लक्षण
* यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसकी नाक से पानी बहने लगता है तथा उसके सिर में भारीपन
* महसूस होने लगता है. रोगी व्यक्ति को हलका बुखार तथा शरीर में दर्द व थकान भी होती है.
* जब इस रोग की शुरूआत होती है तो रोगी व्यक्ति को ठंड लगने लगती है तथा उसके गले में खराश होती है और नाक बहने लगती है.
* इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति को गले में या सीने में खांसी उठती है, तथा कभी-कभी तो यह बारी-बारी से उठती है.
* इस रोग से पीड़ित रोगी को सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है तथा रोगी व्यक्ति की आवाज भारी हो जाती है और अधिक बोलने-खाने पीने में परेशानी होने लगती है.
कफ दूर करने के घरेलू उपचार-
1. तुलसी पत्ता और अदरख
तुलसी और अदरख कफ के उपचार के लिए सार्वाधिक लोकप्रिय औषधियों में से एक हैं. इसका प्रमुख कारण है इससे तुरंत राहत मिलना. इसका लाभ लेने के लिए आपको एक कप गर्म पानी में तुलसी की पांच-सात पत्तियों को डालकर उसमें अदरक का एक टुकडालें और उसे कुछ देर तक उबालें. फिर जब पानी आधा रह जाए तो इस काढ़े को चाय की तरह धीरे-धीरे पिएं. ये कफ के लिए काफी कारगर है. इसके अलावा आप सर्दी के ठीक न होने तक सुबह-शाम अदरक के साथ शहद भी चूस सकते हैं.
2. गुनगुने पानी से गलाला करना
आपकी नाक बंद होने पर या गले में खराश होने पर आप गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक डालकर गलाला करने का उपचार भी आजमा सकते हैं. ये एक सुलभ और प्रभावी तरीका है क्योंकि इससे विषाणुओं का प्रकोप कम होता है.
3. काली मिर्च और हिंग
कफ के दौरान आयुर्वेदिक में आप काली मिर्च और हिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप 3 – 4 काली मिर्च को पीसकर उसमें थोड़ी पीसी हुई हिंग मिलाएं और फिर इसमें एक छोटी कली गुड़ की डालकर इसकी गोली बना लें. इन गोलियों को आप सुबह शाम नियमित रूप से लें.
4. आजवाईन
आजवाइन का इस्तेमाल भी आयुर्वेदिक के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको नियमित रूप से सुबह शाम आजवाइन को गुनगुने पानी के साथ लेना होगा. इससे कफ में काफी राहत मिलता है.
5. जीरा, इलायची, दालचीनी और काली मिर्च
कफ के दौरान जब आपकी नाक बंद हो जाती है तब आप जीरा, इलायची, दालचीनी और काली मिर्च की एक समान मात्रा लेकर किसी स्वच्छ सूती कपड़े में बाँध कर सूंघने से काफी राहत मिलती है. इसे बार-बार सूंघने से आपको छींक आएगी और आपकी बंद नाक खुल जाएगी.
6. दालचीनी और जायफल
दालचीनी और जायफल के संयुक्त इस्तेमाल से भी आप कफ को दूर कर सकते हैं. इसके लिए आपको दालचीनी और जायफल की एक समान मात्रा को पिस कर इसे दिन में दो बार खाना होगा. इससे आपको काफी राहत मिल सकती है.
7. लौंग और गेहूं की भूसी
यदि आप लौंग और गेहूं की भूसी का इस्तेमाल करना चाहें तो इसके लिए आपको 5 लौंग और 10-15 ग्राम गेहूं की में थोड़ा नमक मिलाकर पानी में उबालें. अब इस काढ़े का सेवन करें. इससे भी आपको लाभ मिलेगा.