Hing Benefits And Side Effects In Hindi - हींग के फायदे और नुकसान
हिंग भारतीय में आयुर्वेदिक औषधीयों में एक जाना-पहचाना नाम है. इसके इस्तेमाल से आप कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल दवाओं के रूप में तो होता ही है खाना बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. हींग में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, नियासिन और कैरोटीन आदि पोषक तत्वों में प्रचुर है. हींग पारंपरिक दवा में एक प्रमुख स्थान भी रखता है. इसके स्वास्थ्य लाभ का श्रेय इसके एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक, एंटी-ऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, शामक, मूत्रवर्धक और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों को जाता है. आइए हिंग के फायदे और नुकसान को जानें.
1. पेट के विकारों को दूर करने में
हींग विभिन्न प्रकार की पेट की समस्याओं का इलाज करने के लिए एक अति उत्तम उपाय है. इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी एवं एंटीफ्लैटुलेंट जैसी विशेषताएँ पाई जाती हैं. आपको बता दें कि ये विशेषताएँ हमारे पेट से संबंधित कई समस्याओं जैसे कि पेट में कीड़े होना, गैस बनना, अपच होना, पेट का फूलना, एवं इर्रिटेबल आंत्र सिंड्रोम इत्यादि परेशानियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह भोजन विषाक्तता के उपचार में भी उपयोगी माना जाता है.
2. कैंसर के उपचार में
क्योंकि हींग एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है, यह शरीर को फ्री-रेडिकल क्षति से बचाने में मदद करता है. अध्ययनों से पता चलता है कि हींग का एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण घातक कोशिकाओं के विकास को रोक शरीर का कैंसर से बचाव करने में मदद करता है. हींग के कई यौगिकों में कैंसर का इलाज करने या उसके विकास को रोकने की क्षमता है.
3. श्वसन प्रणाली के लिए
हींग के विस्मयकारी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक प्रभाव के कारण, हींग अक्सर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, शुष्क खांसी, काली खांसी और सर्दी जैसी श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा, यह एक श्वसन उत्तेजक के रूप में कार्य करता है, जो सीने में पीड़ा उत्पन्न कर रही कन्जेशन से राहत प्रदान करता है और यह कफ का निष्कासन करने में बहुत उपयोगी है.
4. शिशुओं के लिए
नवजात शिशुओं में शूल दर्द या पेट दर्द बहुत ही आम बात है. हींग गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट की लाइनिंग म्यूकस मेम्ब्रेन को शांत कर शिशुओं को शूल दर्द से राहत दिलाने में मददगार है. पेट में दर्द का इलाज करने के लिए हींग का उपयोग करने से पहले इस बात को सुनिश्चित करें कि कहीं आपका बच्चा गैस से पीड़ित तो नहीं या फिर उसे कुछ अन्य समस्या तो नहीं है. यदि आपके बच्चे का पेट टाइट और फूला हुआ लग रहा है, तो वह गैस से त्रस्त हो सकता है.
5. कान और सरदर्द को कम करने में
हींग के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बायोटिक गुण संक्रमण प्रेरित कान के दर्द से राहत प्रदान करने में सहायक साबित हो सकते हैं. आम तौर पर होने वाले सरदर्द या माइग्रेन के कारण आपके सिर दर्द होने पर, हींग निश्चित रूप से आपकी समस्या को हल कर सकता है. अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग सिर में रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जो बदले में सिर दर्द को कम करती है.
6. कीड़े के काटने का उपचार
हींग मधुमक्खियों और ततैया जैसे कीट के काटने और डंक के उपचार में भी बहुत फायदेमंद है. यह दर्द और सूजन से राहत देता है और जहरीले प्रभाव को भी कम करने में मदद करता है. हींग पाउडर और पानी की मदद से एक पेस्ट तैयार कर लें. प्रभावित क्षेत्र पर एक लेप के रूप में इसे लगा लें. इसे सूखने दें और फिर पानी की सहायता से इस पेस्ट को धो लें.
7. नपुंसकता का इलाज
हींग का इस्तेमाल पुरुषों के लिए नपुंसकता या स्तंभन दोष के इलाज के लिए भी किया जा सकता है. एक-चौथाई हींग के चमच्च को घी में फ्राई कर लें. फ्राई करने के पश्चात गैस बंद कर दें और उसमें बरगद के पेड़ के ताजे लेटेक्स का आधा चम्मच और थोड़ा-सा शहद मिलाएं. रोजाना सुबह 40 दिन के लिए एक बार इस मिश्रण का सेवन करें.
8. दांत दर्द में लाभकारी
हींग के एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण, हींग दांत दर्द और उनमें हुए संक्रमण को कम करने में मदद कर सकता है. यह मसूड़ों से खून निकलना और दंत क्षय के उपचार में भी सहायता का हाथ बढ़ाता है.
हींग के नुकसान
- हींग के अत्यधिक सेवन से आपके होंठों में असामान्य सूजन हो सकती है.
- हींग का सेवन गैस या दस्त जैसी समस्यायें या आपको पेट में जलन महसूस हो सकती है.
- कुछ लोगों में हींग के सेवन से त्वचा पर रैशेस भी उत्पन्न हो सकते हैं.
- इस जड़ी-बूटी का ज्यादा उपयोग सिर दर्द एवं चक्कर का कारक भी बन सकता है.
- जो लोग उच्च या निम्न रक्त चाप से पीड़ित है उन्हें हींग खाने से बचना चाहिए.
- गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को हींग के सेवन से बचना चाहिए.