Guggal's Advantages And Disadvantages - गुग्गुल के फायदे और नुकसान
गुग्गुल के फायदे हमें कई रोगों से निजात दिलाते हैं. यह बहुत अधिक गर्मी के दौरान पौधे द्वारा उत्सर्जित एक गोंद राल होती है. इसे प्राप्त करने के लिए, मुख्य तने में गोलाई में कट लगाया जाता है. इससे निकलने वाला सुगंधित तरल पदार्थ एक सुनहरे भूरे रंग या लाल भूरे रंग में सुखकर तेजी से ठोस हो जाता है. इसके पौधे को कम्फोरा मुकुल के नाम से जाना जाता है. यह एक पौधा है इसलिए इसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं होती है बस 4-5 फीट तक की ऊंचाई तक ही बढ़ता है. कांटेदार शाखाओं से युक्त गुग्गुल विश्व में उत्तरी अफ्रीका के साथ ही मध्य एशिया तक होते हैं. परंतु उत्तरी भारत में इसकी उपलब्धता सार्वाधिक है. गुग्गुल स्वाद में कड़वी और तासीर में गर्म होती है. यह कफ, पित्त और वात तीनों दोषों को सामान्य रखने में मददगार होता है. तो आइये गुग्गुल के फायदे और नुकसान को जानते हैं.
1. शुगर के उपचार में
शुगर के उपचार में इसकी सकारात्मक भुनिका होती है. दरअसल गुग्गुल रक्त शर्करा के उच्च स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा पुरानी गुग्गुल में रक्त शर्करा को कम करने वाले गुण भी मौजूद होते हैं.
2. महिलाओं की परेशानियों में
गुग्गुल महिलाओं की कई परेशानियों जैसे कि बांझपन और मासिक धर्म के विकारों में इस्तेमाल की जाती है. आयुर्वेद में इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं.
3. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में
गुग्गुल में रक्त को शुद्ध करने और इसे फिर से जीवंत करने का गुण होता है. इसलिए यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर का सकता है. ये शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार और लिपिड स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है. कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के लिए एक प्राकृतिक उत्पाद है.
4. मौखिक समस्याओं में
इसमें एंटीसेप्टिक और एस्ट्रिंजेंट गुण पाए जाते हैं. आप इसका उपयोग कमजोरी, पाइरिया आदि के इलाज कर सकते हैं. इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में दो ग्राम गुग्गल को पिघलाए और इसे माउथ वाश और गरारे करें.
5. वजन कम करने में
वजन कम करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार वजन बढ़ने का कारण है वात और कफ का संतुलन बिगड़ना. इसे ठीक करने के लिए गुग्गुल आ प्रयोग किया जाता है. इसके लिए आप गुग्गुल का प्रयोग करें.
6. पाचन को करे बेहतर
यह भूख और सामान्य पाचन तंत्र को भी बढ़ावा देने का काम करता है. अपच, सूजन और पेट फूलने से राहत देने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह लिवर विषाक्त पदार्थ को हटाकर इसके कायाकल्प का भी कार्य करता है.
7. जोड़ों के दर्द को करे कम
यह जोड़ों में दर्द और सामान्य सूजन को कम करने में मदद करता है. आयुर्वेद में बाहरी उपयोग में दर्द और सूजन को कम करने में यह उपयोगी होती है. इसका प्रयोग गठिया, कटिस्नायुशूल और जोड़ों के दर्द को दूर करने में किया जाता है.
8. श्वसन समस्याओं में
गुग्गुल फेफड़े के स्वास्थ्य को बढ़ाकर पुरानी खाँसी, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और तपेदिक के इलाज में बहुत उपयोगी साबित होती है. इसके अलावा यह मूत्र कैलकुली और सिस्टिटिस के उपचार के लिए भी उपयोगी साबित होती है.
9. त्वचा के लिए उपयोगी
त्वचा की विभिन्न परेशानियों को दूर करने में भी गुग्गुल का इस्तेमाल किया जाता है. अल्सर और घावों का इलाज करने के लिए गुग्गुल का प्रयोग नारियल के तेल में मिलाकर किया जाता है. प्रभावित त्वचा क्षेत्र पर उपयोग किया जाता है.
10. स्तंभन दोष के उपचार में
स्तंभन दोष के लिए गुग्गुल सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है. चूंकि यह वजन घटाने और मधुमेह में मदद करता है, इसलिए यह हर्बल दवाई स्तंभन दोष रोग में इस्तेमाल की जा सकती है. यह पुरुष कामेच्छा को बढ़ा देता है और यह शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है.
गुग्गुल के नुकसान
- इसलिए गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसके उपयोग से बचाना चाहिए.
- गुग्गुल थायरॉयड के कार्य को प्रभावित करता है इसलिए निष्क्रिय या अतिरक्त थायरॉयड में सावधानी से उपयोग करें.
- अधिक मात्रा में सेवन करना लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है.