Gharelu Nuskhe for Skin Allergy - त्वचा के चकत्ते (स्किन रैशेस) ठीक करने के घरेलू उपचार
गर्मियों में होने वाली समस्याओं में से एक है त्वचा में होने वाले चकत्ते. अक्सर गर्मियों में ही इन समस्याओं का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है. गर्मी में तेज धूप व खूब पसीना के कारण स्वभावतः शरीर के कई भागों में पसीना होने के कारण त्वचा में कई तरह की समस्याएँ जैसे कि जलन होना, खुजली होना या त्वचा का लाल होना इत्यादि नजर आने लगती हैं. इसी तरह के कई अन्य लक्षण भी इसके साथ ही उभरने लगते हैं. इनमें से कई लक्षण तो स्पष्ट नजर आते हैं जैसे कि त्वचा में लालिमा का नजर आना या कई बार सूजन का होना, त्वचा के कुछ हिस्से में जलन महसूस होना और इसके साथ ही विषाणुओं के संक्रमण के कारण आपके त्वचा पर लालिमा लिए हुए छोटे-छोटे दाने अथवा चकत्ते नजर आ सकते हैं. आपको बता दें कि स्किन में रैशेज आने के कई कारण होते हैं जैसे कि चेचक, मिजल्स, रुबेला एवं हर्पिस इत्यादि विषाणुओं के संक्रमण के कारण हो सकते हैं. लेकिन कई बार इसके होने कारण किसी दवा विशेष से रिएक्शन, कॉस्मेटिक्स, अनियमित आहार, साबुन, अथवा कोई इत्र भी हो सकती है. हालांकि कई बार ये स्वतः ही ठीक भी हो जाते हैं लेकिन फिर भी आपको इसे किसी चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिए. आइए इस लेख के माध्यम से हम त्वचा के चकत्तों या स्किन रैशेज को ठीक करने वाले घरेलु उपचारों के बारे में जानें.
त्वचा में चकत्ते होने के कारण
चिकनपॉक्स या चेचक
चेचक एक प्रकार का विषाणुओं से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है. इसके शुरुवात आपके छाती या पीठ पर किसी हिस्से में खुजली जैसा महसूस होता है. उसके बाद लाल या पारदर्शी फुंसियाँ या फोड़े जैसी संरचनाएं दिखने लगती हैं. इसके साथ ही आपको इस दौरान बुखार एवं गले में खराश की भी समस्या हो सकती है.
रूबेला
विषाणुओं से होने वाले संक्रमणों में एक रूबेला भी है. ये संक्रमण शिशुओं, युवाओं और वयस्कों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है. इसके लक्षणों में भी त्वचा पर लाल चकत्तों का आना देखा जाता है. इस बीमारी को खसरा के नाम से भी जाना जाता है. इसके अन्य लक्षणों में आपको नाक बहना, सिर दर्द, गले में खराश और बुखार के साथ ही सूजन इत्यादि नजर आते हैं.
पित्ती उठना
कई बार को लोगों में ये भी देखा गया है कि उन्हें एलर्जी की वजह से अचानक ही पित्ती उठने लगती है. आपको बता दें कि पित्ती उठने के दौरान आपकी त्वचा गुलाबी रंग की हो जाती है और इसके साथ ही उसमें जलन और सूजन भी होते हैं.
दवा का साइड इफेक्ट या रिएक्शन
अक्सर ऐसा भी देखा गया है कि किसी अङ्ग्रेज़ी दवा के रिएक्शन होने से भी त्वचा पर लाल चकत्ते अथवा लाल दाने नजर आने लगते हैं. कई बार तो इसका दुष्प्रभाव अत्यंत घातक भी हो सकता है. इस दौरान आपकी त्वचा बैंगनी रंग की हो जाती है. ऐसा अन्य कई कारणों से भी हो सकता है जैसे कि कपड़ों के डाई, विषैले पौधों से संपर्क, बालों में रूसी, घमौरी, एक्जिमा, कीड़ों द्वारा काटा जाना, सोरयसिस एवं हेयर डाई इत्यादि.
रैशेज से छुटकारा पाने के लिए आसान घरेलू उपाय
रैशेज जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में ऑलिव ऑयल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके इस्तेमाल से आपको तुरंत राहत महसूस होता है. एलर्जी के कारण होने वाले जलन या खुजली आदि को खत्म करने में ऑलिव ऑयल बहुत लाभदायक है.
कॉड लिवर ऑयल एवं विटामिन ई
इन दोनों का मिश्रण बनाकर यदि आप रैशेज पर मालिश करके इसको रात भर यूं ही छोड़ दें तो सुबह तक आपको इसका प्रभाव दिखेगा और रैशेज खत्म हो जाएंगे.
तुलसी पत्ता और ऑलिव ऑयल पैक
तुलसी जी के पत्ते का रस निकालकर उसमें काली मिर्च, लहसुन, नमक और ऑलिव ऑयल को मिलकर इसे रैशेज पर लगाने से भी आपको काफी राहत मिलती है.
विनेगर एवं शहद
इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको शहद में एक चम्मच विनेगर मिलाकर इसे एक ग्लास पानी में मिलाएँ. फिर इसको रैशेज पर लगाएँ और राहत महसूस करें.
स्किन रैशेज के दौरान सावधानियां
1. जिन लोगों को स्किन रैशेज की समस्या हो वो लोग साबुन के बदले क्लिंजर का इस्तेमाल करें.
2. स्किन रैशेज के दौरान शरीर पर इस्तेमाल के लिए गर्म पानी के बदले आपको गुनगुने पानी को उपयोग में लाना चाहिए.
3. इस दौरान आपको कॉस्मेटिक्स या किसी तरह के लोशन का उपयोग नहीं करना चाहिए. वहाँ तो विषेशरूप से नहीं जहां पर रैशज हुये हैं.
4. जिन्हें भी ऐसी समस्या है उनको त्वचा को ज्यादा खुजलाना या नोचना नहीं चाहिए.
5. इसके पीड़ितों को को टाईट फिटिंग वाले कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जितना हो सके आपको ढीला कपड़ा पहनना चाहिए.
6. इस दौरान आपको सूती के वस्त्र या फिर मुलायम कपड़े पहनने चाहिए जो कि पसीने सोख सकें.
7. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना भी आपको ऐसी समस्याओं से बचा सकता है.
8. स्किन रैशेज के दौरान आपको प्रीक्ली हिट पाउडर को उपयोग करना चाहिए.
9. इस दौरान आपको ठंडी चीजों या मसालेदार व तैलीय पदार्थों को खाने से बचना चाहिए.
10. इसमें आप पर्याप्त पानी पियें और तेज़ धूप में निकलने से बचें.
नोट: - यदि आपको ज्यादा परेशानी का अनुभव हो या कोई अन्य परेशानी होने लगे तो आपको तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.