गर्भधारण कब होता है - Garbhdharan Kab Hota Hai!
गर्भधारण देखने में आसान और एक सामान्य प्रक्रिया लगता है लेकिन ये एक जटिल और अदभुत प्रक्रिया है. यह तब संपन्न होती है जब नर का शुक्राणु मादा के अंडे से संयोग करता है. कुछ महिलाओं में यह क्रिया बहुत जल्दी और कुछ में काफी समय के बाद होती है. गर्भाधान और गर्भावस्था को समझने के लिए, पुरुष और महिला के प्रजनन अंगों को जानना बहुत ज़रूरी है साथ ही यह भी जानना आवश्यक है कि महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म की इसमें क्या भूमिका रहती है. मासिक चक्र महिला हो मासिक धर्म होने के पहले दिन से गिना जाता है और मासिकधर्म के कुछ समय बाद उनमें ओवुलेशन की प्रक्रिया (अंडा निकलता है) होती है. उसके 12-14 दिन बाद फिर से उन्हें पीरियड्स होते हैं. यह चक्र सामान्यतः 28 दिन का होता है और कभी कभी कम या ज्यादा दिन का भी हो सकता है. आइए इसे विस्तार से समझें.
मासिक चक्र का योगदान-
जब अंडाशय से अंडा निकलता है तब ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है. यह प्रक्रिया हर महीने होती है. कभी कभी इस दौरान एक से अधिक अंडे भी निकलते हैं. इस समय गर्भाशय की दीवार मोती होने लगती है और गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद पदार्थ पतला हो जाता है जिससे इसमें से शुक्राणु आसानी से गुज़र सके. अंडा फैलोपियन ट्यूब में नीचे की और धीरे धीरे यात्रा करता है. अगर इस समय पुरुष और महिला ने संभोग किया है तो यह पर अंडा शुक्राणु से निषेचित हो सकता है. अब गर्भाशय की दीवार और भी ज्यादा मोटी हो जाती है क्योंकि अंडा निषेचन के बाद आरोपित होता है. लेकिन अगर अंडा निषेचित नहीं हुआ है तो यह मासिक धर्म के दौरान शरीर से बहार निकल जाता है. साथ ही दीवार भी पतली हो जाती है. आप अंडे को नहीं देख सकती क्योंकि यह बहुत ही सूक्ष्म होता है.
गर्भाधान के लिए उत्तम समय-
यदि महिलाओं में मासिक चक्र 28 दिनों का है तो ओवुलेशन का समय मासिक धर्म के 14वें दिन होता है, अगर मासिक चक्र का समय 21 दिनों का है तो ओवुलेशन 7वें दिन हो सकता है या फिर मासिक चक्र 35 दिनों का होता है तो महिलाएं मासिक चक्र के 21वें दिन ओवुलेशन करेंगी. ओवुलेशन प्रक्रिया पूरी तरह से मासिक चक्र पर निर्भर करती है. हालांकि ओवुलेशन कब होता है, यह पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. आप ओवुलेशन के दिन को पता करने के लिए ओवुलेशन प्रेडिक्शन किट या यूरिन बेस्ड एलएच किट्स का उपयोग कर सकती हैं जो आसानी से बाजार में उपलब्ध होती हैं. किसी भी मासिक चक्र के दौरान केवल छह दिन होते हैं जब महिला गर्भवती हो सकती है - ओवुलेशन के पहले 5 दिन और ओवुलेशन के बाद 24 घंटे. ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में 5 दिनों तक रह सकते हैं, और महिला का अंडा 12-24 घंटों के लिए ही रहता है.
प्रजनन अवधि-
संभोग के दौरान, जब पुरुष का शुक्राणु महिला के प्रजनन क्षेत्र में पहुंच जाता है है तो यह तीन से पांच दिनों से अधिक सक्रिय नहीं रहता है, इसलिए इन्हीं 5 दिनों में यह महिला के अंडे से संयोग करता है. अगर संयोजन के समय शुक्राणु महिला के अंडे के भीतर जाने में सफल हो जाता है तो निषेचन की क्रिया पूर्ण हो जाती है. इस क्रिया में लगभग 10 घंटे का समय लगता है. इसलिए ओवुलेशन के पहले के पांच दिन गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
गर्भधारण करने के लिए ओवुलेशन से एक या दो दिन पहले संभोग करने से शुक्राणु के पास अंडे तक पहुंचने और गर्भधान करने के लिए पर्याप्त समय होता है. इसके अलावा, ओवुलेशन वाले दिन संभोग करने की तुलना में ओवुलेशन के तीसरे या चौथे दिन पहले संभोग करने से गर्भ अधिक तीव्रता से धारण होता है. ओवुलेशन वाले दिन भी आप गर्भवती हो सकती हैं लेकिन पहले के चार दिन गर्भधारण की संभावनाएं अधिक होती हैं. उपर्युक्त कारणों की वजह से किसी भी स्त्री का प्रभावी प्रजनन समय ओवुलेशन के 2-4 दिन पहले का होता है.