फंगल क्या है - Fungal Kya Hai!
फंगल दरअसल एक तरह का संक्रमण है जो कि कवक के माध्यम से फैलता है. फंगल नमी वाले मौसम में पनपने के लिए अनुकूलित होता है. मानसून भीषण गर्मी से तो हमें राहत दिलाता है, लेकिन बारिश का यह मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी लेकर आता है. बारिश के नमी भरे मौसम में हमारे त्वचा पर लाल चकत्ते, मुंहासे इत्यादि फंगल संक्रमण के ही प्रकार कहे जा सकते हैं. मानसून की शुरुआत के बाद फंगल संक्रमण के रोगियों की संख्या बढ़ जाती है. मानसून के दौरान फंगस पैदा करने वाले कवक आमतौर पर कई गुना तेजी से फैलते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम फंगल इन्फेक्शन पर एक नजर डालें.
फंगल कब और कैस फैलता है?
यह आमतौर पर पैर की उंगलियों के पोरों पर अथवा उनके बीच के हिस्सों पर या उन जगहों पर जहां बैक्टीरिया या यीस्ट इन्फेक्शन बहुत अधिक तेजी से होता है, वहां फैलते हैं. अक्सर मॉनसून के दौरान लोग हल्की बूंदा-बांदी में भीगने के बाद अपनी त्वचा को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन यही छोटी सी गलती कई बार फंगस इन्फेक्शन का कारण बन जाती है.
फंगल संक्रमण का साइड इफेक्ट्स और इससे बचाव का तरीका-
फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए यह बहुत जरुरी है की त्वचा को ज्यादा देर तक गीली ना रहे. यह समस्या जुलाई और अगस्त के महीने के दौरान ज्यादा देखी जाती है. स्कैल्प में होने वाले फंगल इन्फेक्शन के लक्षण सामान्य फंगल इन्फेक्शन से अलग होते हैं. आम तौर पर यह स्कैल्प पर छोट-छोटे फोड़ों, दानों या चिपचिपी लेयर के रूप में दिखाई देता है. आपको ऐसा कोई लक्षण नजर आए तो शीघ्र ही डॉक्टर की सहायता लें, अन्यथा समय पर इलाज नहीं करने पर यह आपके हेयरफॉल का बड़ा कारण बन सकता है.
* लहसुन-
लहसुन में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं इसलिए खाने में लहसुन के इस्तेमाल से फंगल इंफेक्शन का जोखिम कम हो जाता है. लहसुन के इस्तेमाल के लिए आप लहसुन की 3-4 कलियों को अच्छे से पीस लें और इसके पेस्ट को इंफेक्शन वाली साईट पर लगाएं. यदि आपने इंफेक्शन वाली साईट को ज्यादा खुजलाया है तो लहसुन लगाने से एक मिनट तक हल्की सी जलन हो सकती है लेकिन इससे ये इन्फेक्शन धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं.
* हल्दी-
हल्दी में भी एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इसके प्रयोग से भी फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाते हैं. इसके लिए आप इंफेक्शन वाली जगह पर कच्ची हल्दी को पीसकर लगा सकते हैं. अगर कच्ची हल्दी उपलब्ध नहीं है तो आप हल्दी पाउडर को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर इसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर इसे भी प्रभावित साईट पर लगा सकते हैं. हल्दी के इस्तेमाल से इंफेक्शन की वजह से होने वाले दाग-धब्बे भी मिट जाते हैं.
* ओलिव ऑयल-
ओलिव ऑयल बहुत प्रभावकारी होता है लेकिन इसके पत्तों में भी कई गुणकारी योगिक होते हैं. फंगल इंफेक्शन को ठीक करने के लिए जैतून के 5-6 पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे इंफेक्शन वाली साईट पर लगा लें. इस पेस्ट को त्वचा पर आधे घंटे तक लगा रहने दें और इसके बाद धो लें.
* एलोवेरा जेल-
फंगल इंफेक्शन में एलोवेरा जेल के इस्तेमाल से राहत मिल सकती है लेकिन इसके लिए फ्रेश पत्तियों का जेल अच्छा होता है. इसके लिए आप एलोवेरा के ताजे पत्ते को तोड़कर वर्टिकल रूप में काट लें और जेल वाले हिस्से को त्वचा पर सीधे ही रब करें. रब करने के बाद बचे हुए रेशों को त्वचा पर 30 मिनट तक रहने दें फिर गुनगुने पानी से धो लें.
* दही-
दही में एसिड होता है जो खराब बैक्टीरिया को मार देता है. हालांकि दही में पहले से ही बैक्टीरिया होते हैं लेकिन वो बैक्टीरिया हमारे बॉडी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. फंगल इंफेक्शन के लिए आप दही को इंफेक्शन वाली जगह पर कॉटन की सहायता से लगाएं और मसाज करें. इसके लिए ध्यान दें की इंफेक्शन वाली साईट को कभी भी हाथों से न छुएं, क्योंकि ये इंफेक्शन संक्रामक होता है.