एंडोमेट्रिओसिस एंड प्रेगनेंसी - Endometriosis And Pregnancy!
एंडोमैट्रियोसिस, आमतौर पर कई महिलाओं में होने वाली एक विशिष्ट स्वास्थ्य समस्या है. ये समस्या तब उत्पन्न होती है जब किसी महिला के गर्भाशय की भीतरी सतह से कोशिकाएं शरीर के दूसरे अन्य हिस्सों में बढ़ने लगती हैं. गर्भावस्था में एंडोमैट्रियोसिस होने पर यह समस्या का कारण बन सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम एंडोमैट्रयोसिस और प्रेग्नेंसी के संबंध को जानें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके.
क्या है एंडोमैट्रयोसिस?
एंडोमैट्रियोसिस के कारण से महिलाओं में दर्द, अनियमित ब्लीडिंग और गर्भवती होने में परेशानी होती है. एंडोमैट्रियोसिस, उन कोशिकाओं की असामान्य वृद्वि है, जो कि यूटेरस के अंदर बनती हैं और यह असामान्य इसलिए भी हैं क्योंकि यह यूटेरस के बाहर विकसित होती हैं और महिलाओं में कई स्वास्थय जोखिमों का कारण बनती हैं. एंडोमैट्रियल कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर स्थित होती है. एंडोमैट्रियल सेल्स हर महीने महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान निकलती हैं. एंडोमैट्रियोसिस सेल्स अपने आप गर्भाशय के बाहरी टिश्यू से मिलती हैं जिसे एंडोमैट्रियोसिस ट्रांसप्लांट कहते हैं. ये ट्रांसप्लांट आमतौर पर ओवरी, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय के बाहरी सतह, पेल्विक कैविटी पर होता है. यह वैजाइना, सर्विक्स, ब्लैडर और पेल्विक में अन्य स्थानों पर पाया जाता है. कभी-कभी एंडोमैट्रियोसिस ट्रांसप्लांट पेल्विक के बाहर, लीवर पर या लंग और दिमाग के पास भी हो सकता है.
एंडोमैट्रयोसिस और प्रेग्नेंसी में संबंध-
एंडोमैट्रयोसिस की शिकार महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है और उनकी ओवरी डैमेज हो सकती है, जिसकी वजह से महिलाओं में गर्भवती होने में परेशानी होती है. लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं इस समस्या के साथ स्वतः ही बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के प्रेग्नेंट हो जाती हैं. जिन महिलाओं में प्रेंग्नेंट होने में समस्या होती है वे सर्जरी का मदद लेती है. लेकिन अगर सर्जरी से भी वे प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं तो उनके लिए अन्य विकल्प जैसे इन्ट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन व इन विट्रो फर्टिलाइजेशन का विकल्प बना रहता है.
लक्षण-
एक महिला की ओवरी से हर महीने कई हार्मोन्स का उत्पादन होता है जिससे गर्भाशय की कोशिकाओं में सूजन और मोटापा आ जाता है. जब आप मासिक धर्म में होती हैं तो आपका शरीर गर्भ अस्तर (एंडोमैट्रियम) से इन कोशिकाओं को हटाता है. अगर एंडोमैट्रियल कोशिकाओं गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होती है या बढ़ती है तो आप एंडोमैट्रिओसिस से पीड़ित हो जाती हैं. एंडोमैट्रियोसिस एक सामान्य समस्या है, जो कभी कभी आपके परिवार में किसी को भी हो सकता है. आमतौर पर इसका पता 25-35 साल की उम्र में चलता है. यह समस्या संभवत: उस समय शुरु होती है जब नियमित पीरियड होता है.
जोखिम कारक-
जब आपके परिवार में आपकी मां और बहन इस समस्या से ग्रस्त हों तो एंडोमैट्रिओसिस की समस्या और बढ़ जाती है. यह बीमारी एक महिला से दूसरी महिला में आसानी से विकसित हो सकती है. एंडोमैट्रियोसिस के विकसित होने की संभावना तब बढ़ भी जाती है जब आप में निम्नलिखित में से कोई लक्षण होते हैं.
1. एंडोमैट्रियोसिस की समस्या के कारण कई महिलाओं को कम उम्र में ही पीरियड आने शुरु हो सकते हैं.
2. कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि एंडोमैट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को बच्चे नहीं होते हैं.
3. जल्दी-जल्दी पीरियड्स होना और 7 दिनों से ज्यादा तक रहना.
इसके कारण कई महिलाओं में हार्मोंस के बंद होने की समस्या भी देखी गई है. जिससे पीरियड्स के दौरान ब्लड का बहाव रुक जाता है.
ऐसी किसी भी स्थिति में समय से डॉक्टरी सहायता लें. क्योंकि यह समस्या पारिवारिक इतिहास पर भी निर्भर करती है, इसका कोई इतिहास होने पर पहले से सचेत रहें और सभी जरूरी सावधानियां बरतें.