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Last Updated: Aug 19, 2020
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दालचीनी के घरेलू उपाय - Daalchini Ke Gharelu Upay!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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प्राचीन काल में दालचीनी को इतना अनमोल औषधि माना जाता था कि यह सोने से भी ज्यादा महंगी थी. आप इसे बाज़ार में सूखे ट्यूबलर या फिर दालचीनी पाउडर के रूप में खरीद सकते है. इसमें एक मनमोहक सुगंध के साथ-साथ एक मीठा-सा और उष्म स्वाद भी है. दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड, सिनामाइल एसीटेट और सिनामाइल मद्य नामक सक्रिय घटक होते हैं. साथ ही इसमें शक्तिशाली रोगाणुरोधी, एंटी-इंफ्लेमेटरी, संक्रामक विरोधी और एंटी-क्लोटिंग गुण होते हैं. यह एंटी-ऑक्सिडेंट, पॉलीफेनोल और मैंगनीज, लोहा और आहार फाइबर इत्यादि खनिजों का भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत है. यह सभी आवश्यक पोषक तत्व आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा यह शुगर, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड और एमिनो एसिड का एक प्राकृतिक स्रोत है. आइए इस लेख के माध्यम से दालचीनी के घरेलू उपयोग के बारे में जानें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके.

1. डायबिटीज को नियंत्रित रखे-

दालचीनी टाइप-2 डायबिटीज पर सकरात्मक प्रभाव डालता है. यह बॉडी की इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया को बढ़ावा देता है और इस प्रकार ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाये रखने में शरीर की सहायता करता है. नियमित रूप से प्रति दिन डेढ़ चम्मच से कम दालचीनी लेने वाले टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर का लेवल कम पाया गया है. दालचीनी को दूध में डाल लें तो यह मिश्रण भी डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है.

2. कोलन में सुधार-
दालचीनी में मौजूद फाइबर, कैल्शियम और मैंगनीज मिनरल का संयोजन कोलन की कार्यक्षमता में प्रभावी सुधार ला सकता है. पित्त के निकास से, फाइबर कोलन सेल्स की डैमेज को रोकने में सहायक होता है, जिससे पेट के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है. दस्त और कब्ज सहित आई.बी.एस के लक्षणों से राहत पाने में आहार फाइबर बहुत उपयोगी है.

3. श्वसन संक्रमण का इलाज-
आप श्वसन संक्रमण का स्पर्धी मुकाबला करने में दालचीनी की मदद करने के लिए नींबू का रस भी मिला सकते हैं. गल शोथ से छुटकारा पाने के लिए, पिसी हुई दालचीनी के एक या दो चम्मच का सेवन ग्रीन टी या फिर सेब की मदिरा के साथ करें.

4. दिमाग की कार्यशीलता बढ़ाए-
दालचीनी की मनभावन सुगंध सूंघ भर लेने से दिमाग सक्रिय हो जाता है. दालचीनी की सुगंध संज्ञानात्मक प्रसंस्करण को बढ़ा देती है और ध्यान, स्मरण शक्ति और कार्यशील स्मृति से संबंधित मस्तिष्क के कामकाज में काफी सुधार ला सकती है. जो लोग परीक्षा की चिंता या घबराहट से चिंतित हैं, वे मन को शांत रखने के लिए दालचीनी से बनी हुई चाय पी सकते हैं.

5. कैंसर से बचाए-
दालचीनी कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार को कम कर सकती है. टेक्सास विश्वविद्यालय में किए गए शोध के अनुसार, दालचीनी शरीर में कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि को कम करती है और जब आहार में इसे नियमित रूप से शामिल किया जाये, तो यह कैंसर को रोकने में मदद करती है.

6. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए-
दालचीनी आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स और एल.डी.एल. के स्तर को काफी कम कर सकती है, जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है. दालचीनी में मौजूद सक्रिय संघटक कोशिकाओं की चीनी को चयापचय करने की क्षमता को 20 गुना तक बढ़ा देते हैं. अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, एक दिन में एक बार दालचीनी पाउडर को अपने कॉफी में या अपने दलिया पर छिड़क कर इसका सेवन करें.

7. परिसंचरण में प्रभावी-
दालचीनी में कौमारिन नामक एक यौगिक होता है जिसमें रक्त को पतला करने वाले गुण निहित हैं. इससे पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार आता है. हालांकि, यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि बहुत अधिक कौमारिन लिवर की कार्यशीलता पर प्रभाव डाल सकता है और उसे क्षति भी पहुंचा सकता है.

8. चकत्तेदार अध: पतन के उपचार में-
दालचीनी शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से धन्य है जो मस्तिष्क के आंतरिक ऊतकों की निरंतर सूजन को कम करती है. इसके इस प्राभाव से कई न्यूरोलॉजिकल विकारों से शरीर को सुरक्षा मिलती है. दालचीनी के शक्तिशाली और प्राकृतिक घटकों में अल्जाइमर्स, पार्किंसंस, मल्टीपल स्केलेरोसिस, मस्तिष्क ट्यूमर और मेनिन्जाइटिस सहित विभिन्न प्रकार के न्यूरॉइडजनरेटिव रोगों की शुरुआत को या फिर उन्हें पूर्णत रोकने की क्षमता है.

9. गठिया के दर्द को कम करने में-
दालचीनी ने गठिया दर्द से जुड़े साइटोकिन्स को कम करने के लिए सकरात्मक प्रभाव दिखाए हैं. मरीजों को सुबह-शाम शहद के एक चम्मच के साथ दालचीनी पाउडर का आधा चम्मच मिलाकर खाने से एक हफ्ते के बाद गठिया के दर्द में काफी राहत मिली और वे एक महीने के भीतर दर्द के बिना चल-फिर भी पा रहे थे.

10. हृदय की रक्षा-
दालचीनी के विभिन्न एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, यह दिल और उसके आसपास की धमनियों को नुकसान और संक्रमण से बचाने में बहुत प्रभावी है. दालचीनी के उपयोग से शरीर को 'खराब' कोलेस्ट्रॉल से लड़ने में मदद मिलती है, जिसमें कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो जाता है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी आंतरिक ऊतकों में सूजन को ठीक करने और दिल के दौरे और बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं.

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