भगन्दर के लक्षण - Bhagandar Ke Lakshan!
भगंदर नली के आकार में होने वाला संक्रमण है, जो त्वचा और पाचन तंत्र के आखिर के द्वार यानी गुदा के बीच हो जाता है. ज़्यादातर भगंदर गुदा ग्रंथि में संक्रमण के परिणाम होते हैं जो त्वचा तक फैल जाते हैं. लक्षणों में दर्द, सूजन और गुदा से खून या मवाद का रिसाव शामिल हैं. भगंदर में गुदा के अंदर और गुदा के आसपास की जगह पर सूजन होती है. गुदा नलिका बड़ी आंत का अंतिम भाग है और लगभग 4 सेमी लंबा होता है जो गुदा नलिका के निचले सिरे पर बाहर की ओर खुलता है जिसके माध्यम से मल पास होता है. भगंदर एक बहुत ही दुख और तकलीफ देने वाला रोग होता है जिसमें अत्यधिक दर्द होने के कारण रोगी बहुत अधिक परेशान और दुखी हो जाता है. मुख्य रूप से भगंदर 2 प्रकार की होती है - आंतरिक और बाहरी. आंतरिक भगंदर वो होती है जो गुदा नलिका के अंदर 2-3 सेंटीमीटर ऊपर होती है. आंतरिक भगंदर आम तौर पर पीड़ारहित होती है क्योंकि ऊपरी गुदा नलिका में कोई दर्द तंत्रिका फाइबर नहीं होता है. बाहरी भगंदर वो है जो गुदा नलिका के 2-3 सेंटीमीटर नीचे होती है. इसमें छोटे छोटे मस्से होते हैं जो गुदा की बाहरी परत पर होते हैं. बाहरी भगंदर दर्दनाक होती है क्योंकि गुदा नलिका के निचले हिस्से में दर्द तंत्रिका फाइबर होते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम भगंदर के लक्षणों को हम ठीक से समझ सकें ताकि इस विषय में जागरूकता फैले और लोग इससे निपट सकें.
भगंदर के लक्षण-
1.इस बीमारी में आपकी त्वचा लाल हो जाती है और उसमें सूजन भी आ जाती है.
2.बैंगनी उभरी हुई नसें इस दौरान आपके त्वचा के ऊपर से दिखाई देती हैं.
3.भगन्दर रोग उत्पंन होने के पहले गुदा के निकट खुजली की भी शिकायत होती है.
4.हडि्डयों में सुई जैसी चुभन का अनुभव भी इस दौरान आम है.
5.इसके लक्षणों में गुदा से खून या मवाद का रिसाव शामिल हैं.
6.नासूर के आकार और स्थान के आधार पर, योनि से बदबूदार स्राव भी होता है.
7.इस दौरान योनि से दस्त होने की संभावना भी हो सकती है.
8.दर्दनाक मल त्याग जिससे मलाशय या गुदा को चोट पहुंच सकती है. मल त्याग के दौरान ब्लीडिंग होना. गुदा से एक बलगम जैसा स्राव निकलना.
9.गुदा के पास एक दर्दनाक सूजन या गांठ या मस्से होता है. गुदा क्षेत्र में निरंतर खुजली या रुक रुक कर हो सकती है.
10. गुदा नलिका की परत के भीतर नसों में होने वाले परिवर्तन और भगंदर बनने का कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि यह माना जाता है कि कई मामलों में गुदा के अंदर और आसपास बढ़ता दबाव इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है.
क्या है भागंदर का कारण?
1. कब्ज-
कब्ज के कारण मल त्याग करते समय ज़ोर लगाने के कारण गुदा की नसों के अंदर और आसपास दबाव पड़ने के कारण भगंदर होता है. इसलिए जब भी आपको कब्ज की समस्या हो तो जल्दी से जल्दी इसका इलाज करें
2. गर्भावस्था-
गर्भावस्था के दौरान भगंदर आम होते हैं. यह संभवतया गर्भ में बच्चे की वजह से पड़ने वाले दबाव के कारण होती है. इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में परिवर्तन भी इसका एक कारण हो सकता है.
3. अधिक उम्र-
बूढ़े होने के कारण गुदा नलिका के अंदर के भाग के कमजोर पड़ जाने से भगंदर होता है.
4. आनुवंशिक-
कुछ लोगों में भगंदर की बीमारी आनुवंशिकता के कारण भी होती है. आनुवंशिक कारणों में भगंदर गुदा क्षेत्र में नसों की कमजोरी के कारण हो सकती है.
5. अधिक वजन उठाना-
अधिक बोझ उठाते समय साँस रोकने से गुदा पर शारीरिक तनाव पड़ता है जो नसों की सूजन का कारण बन सकता है जिससे भगंदर की शुरुआत हो सकती है. इसके अलावा अधिक समय तक खड़े रहने और बैठे रहना भी भगंदर का कारण हो सकता है. खांसी, छींकने और उल्टी के कारण भगंदर और भी खराब हो सकती है.