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Last Updated: Jan 10, 2023
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दिल संबंधी रोग होने पर न खाएं ड्राई फ्रूट्स:
Dr. Ashish SharmaAyurvedic Doctor • 19 Years Exp.M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
आधुनिक लाइफस्टाइल ने हार्ट अटैक जैसी बीमारी को आम बना दिया है। इससे बचने के लिए आपको विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
हार्ट अटैक से कैसे बचे?
यदि हम कोलेस्ट्रॉल का स्तर 130 मिलिग्राम/डीएल से कम और ट्रायग्लिसराइड्स का स्तर 100 मिलिग्राम/डीएल से नीचे बनाए रखते हैं तो हार्ट अटैक की आशंका नहीं रहती।
क्या करना चाहिए जब दिल संबंधी रोग का पता हार्ट अटैक के बाद चले?
हार्ट अटैक की पहले से पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है जिससे हार्ट की मांसपेशियों को बचाया जा सके। अधिकतर मामलों में रोगी को छाती में तेज दर्द या सांस फूलने की समस्या होती है। रोगी को तुरंत ही अस्पताल ले जाएं और डॉक्टरों को जितना शीघ्र हो सके ब्लॉकेज को कम करने का प्रयास करना चाहिए।
बिना तेल के खाना पकाने की अवधारणा क्या है?
ट्रायग्लिसराइड का दूसरा नाम तेल है जो धमनियों में अवरोध उत्पन्न करता है। तेल का कोई स्वाद नहीं होता लेकिन भोजन पकाने के लिए उसमें तेल मिलाया जाता है। वसा की हमारी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए प्रकृति ने सभी खाद्य पदार्थ जैसे चावल, गेहूं, दालें, फल व सब्जियों को वसा यानी ट्रायग्लिसराइड से भरपूर बनाया है।
दिल संबंधी रोग मेे सूखे मेवे खाने चाहिए?
सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता में 50 फीसदी से अधिक तेल होता है। नारियल और मूंगफली में 40% से अधिक तेल या ट्रायग्लिसराइड होता है। कई दिल संबंधी रोग विशेषज्ञ मरीजों को गलत सलाह देते हैं कि इनमें वसा नहीं होती है। कुछ इन्हें खाने की अनुमति यह कहकर देते हैं कि यह शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं या इनमें ओमेगा-3 ऑयल होता है लेकिन वे यह नहीं बताते कि सूखे मेवों में 40-64 फीसदी तक ट्रायग्लिसराइड भी होता है जिससे रक्त में इस तत्व का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए दिल के रोगियों के लिए सभी सूखे मेवे प्रतिबंधित हैं। किशमिश, मुनक्का, खजूर और खुमानी में लगभग तेल की मात्रा शून्य होती है। दिल संबंधी रोगी इनका प्रयोग कर सकते हैं बशर्ते उन्हें डायबिटीज न हो।
हार्ट अटैक से कैसे बचे?
यदि हम कोलेस्ट्रॉल का स्तर 130 मिलिग्राम/डीएल से कम और ट्रायग्लिसराइड्स का स्तर 100 मिलिग्राम/डीएल से नीचे बनाए रखते हैं तो हार्ट अटैक की आशंका नहीं रहती।
क्या करना चाहिए जब दिल संबंधी रोग का पता हार्ट अटैक के बाद चले?
हार्ट अटैक की पहले से पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है जिससे हार्ट की मांसपेशियों को बचाया जा सके। अधिकतर मामलों में रोगी को छाती में तेज दर्द या सांस फूलने की समस्या होती है। रोगी को तुरंत ही अस्पताल ले जाएं और डॉक्टरों को जितना शीघ्र हो सके ब्लॉकेज को कम करने का प्रयास करना चाहिए।
बिना तेल के खाना पकाने की अवधारणा क्या है?
ट्रायग्लिसराइड का दूसरा नाम तेल है जो धमनियों में अवरोध उत्पन्न करता है। तेल का कोई स्वाद नहीं होता लेकिन भोजन पकाने के लिए उसमें तेल मिलाया जाता है। वसा की हमारी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए प्रकृति ने सभी खाद्य पदार्थ जैसे चावल, गेहूं, दालें, फल व सब्जियों को वसा यानी ट्रायग्लिसराइड से भरपूर बनाया है।
दिल संबंधी रोग मेे सूखे मेवे खाने चाहिए?
सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता में 50 फीसदी से अधिक तेल होता है। नारियल और मूंगफली में 40% से अधिक तेल या ट्रायग्लिसराइड होता है। कई दिल संबंधी रोग विशेषज्ञ मरीजों को गलत सलाह देते हैं कि इनमें वसा नहीं होती है। कुछ इन्हें खाने की अनुमति यह कहकर देते हैं कि यह शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं या इनमें ओमेगा-3 ऑयल होता है लेकिन वे यह नहीं बताते कि सूखे मेवों में 40-64 फीसदी तक ट्रायग्लिसराइड भी होता है जिससे रक्त में इस तत्व का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए दिल के रोगियों के लिए सभी सूखे मेवे प्रतिबंधित हैं। किशमिश, मुनक्का, खजूर और खुमानी में लगभग तेल की मात्रा शून्य होती है। दिल संबंधी रोगी इनका प्रयोग कर सकते हैं बशर्ते उन्हें डायबिटीज न हो।