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Last Updated: Nov 25, 2022
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Vitamin D Benefits, Sources and Side Effects in Hindi - विटामिन डी के स्रोत, फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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आजकल ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जा रही है. क्योंकि हम इस आवश्यक विटामिन को प्राप्त करने के लिए प्रयास नहीं करते. जबकि विटामिन डी को प्राप्त करना सबसे आसान है. जैसे ही आप धूप के संपर्क में आते हैं या आपकी त्वचा धूप के संपर्क में आती है तो हमारे शरीर में विटामिन डी की निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. विटामिन डी दरअसल वसा में घुलनशील प्रो हारमोंस का एक समूह है जो कि शरीर की वसा में इकट्ठा होता है. विटामिन डी की भूमिका हमारे शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के स्तर को बनाए रखने में काफी महत्वपूर्ण है. विटामिन डी, स्टेरॉयड के रूप में हाथों से कैल्शियम को हड्डियों में पहुंचाने का काम करता है. विटामिन डी को 5 भागों में बांट सकते हैं - विटामिन डी-1, विटामिन डी-2, विटामिन डी-3, विटामिन डी-4 और विटामिन डी-5. इन सभी विटामिनों का हमारे शरीर के स्वास्थ्य में बहुत बड़ा योगदान होता है. विटामिन डी, कैल्शियम के अवशोषण, प्रतिरक्षा प्रणाली की सुचारू देखभाल और हड्डियों एवं कोशिकाओं के संपूर्ण विकास व नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा विटामिन डी शरीर के अंगों में आने वाले सूजन को भी कम करने में मददगार है. आइए विटामिन डी के स्रोत, फायदे और नुकसान पर प्रकाश डालें: 

  • विटामिन डी के स्रोत: विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत है धूप. यदि आपकी त्वचा धूप के संपर्क में रहती है तो विटामिन डी के निर्माण की प्रक्रिया स्वतः प्रारंभ हो जाती है. इसके अलावा दूध, अंडे के पीले भाग, टमाटर, हरी सब्जियां, माल्टा, शलजम, पनीर, नींबू इत्यादि के सेवन से हमारे शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति होती रहती है.
  • विटामिन डी के फायदे: विटामिन डी और शरीर के लिए आवश्यक विटामिन में से एक है. विटामिन डी हमारे शरीर में सीरम, कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में काफी मददगार है. विटामिन डी आंत से खनिजों का शोषण करके हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है. हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी विटामिन डी अत्यंत आवश्यक है. विटामिन डी की आवश्यकता हमारे शरीर में संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मांस पेशियों एवं नसों के लिए बहुत ज्यादा जरूरी अवयव है. हृदय रोग और उच्च रक्तचाप की समस्याओं में भी विटामिन डी अपनी भूमिका निभाता है. इसकी सहायता से मधुमेह और मस्तिष्क कार्यों में भी हमें मदद मिलती है.
  • अधिक मात्रा में विटामिन डी लेने से नुकसान: विटामिन D हमारे शरीर के लिए जितना ज्यादा आवश्यक है. उतना ही नुकसानदेह भी साबित हो सकता है यदि इसे सही मात्रा में न लिया जाए. दरअसल यह एंटीऑक्सिडेंट्स के रूप में भी काम करता है. और कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है. आवश्यकता से अधिक विटामिन डी का सेवन हमारे लिए हानिकारक साबित होता है. जब हम विटामिन डी का अधिक सेवन कर लेते हैं तो हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा में वृद्धि हो जाती है. इस वजह से कई प्रकार की समस्याएं जैसे की भूख की कमी, बार-बार पेशाब आना, कमजोरी, दिल के दौरे का खतरा और कई अन्य नुकसान नजर आ सकते हैं. आइए इसके नुकसान पर एक नजर डालते हैं.
  • बच्चों में: इसके नुकसान के रूप में बच्चों में बच्चों की की मांसपेशियों में ऐंठन, चिड़चिड़ापन, देर से खड़ा होना और चलना, कमजोरी, घुमावदार पैर, सांस लेने में दिक्कत आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
  • वयस्कों में: विटामिन डी के नुकसान वयस्कों में हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द के रूप में सामने आता है. मांस पेशियों में कमजोरी, थकान और पसीना आना, सीढ़ी चढ़ने में परेशानी, बेचैनी, मनोबल में कमी आना, बालों का झड़ना, दांतों का कमजोर होना आदि हैं. साँसों का फूलना, शुगर, उच्च रक्तचाप, श्वसन, संक्रमण, कब्ज, दस्त आदि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

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