थायराइड डाइट चार्ट- थायराइड फूड लिस्ट - Thyroid Diet Chart - Thyroid Food List!
आपने बहुत से लोगों को सुना होगा कि वह थायराइड से ग्रसित है, जिस कारण उनका वजन कम नही होता या उन्हें रोजाना दवाई खानी पड़ती है. साथ ही काफी सारे परहेज़ करने पड़ते है आदि. मानव शरीर बहुत सारे अंगों से बना है जिनमें से एक महत्वपूर्ण अंग गला है. जिसके अंदर थाइराइड नाम की ग्रंथि गले के अगले-निचले हिस्से में स्थित होती है जो तितली के आकर की होती है. अगर आसान शब्दों में समझने की कोशिश करें तो इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण एक साथ नहीं दिखते है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती हैं. ऐसे में थायराइड डाइट चार्ट बहुत ही मदद करता है.
दुनियाभर में यह ऐसी बीमारी बन चुकी है जिससे बहुत से लोग परेशान हैं. खराब लाइफस्टाइल और अनुचित खान-पान के कारण थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कई गुना अधिक होता है. ऐसी परिस्थिति में थायराइड डाइट चार्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर वैज्ञानिक नजरियें से समझने की कोशिश करें तो यह मेटाबोलिज्म से संबंधित बीमारी है. जिसमें स्ट्रेस, डिप्रेशन, सोने की समस्या, कोलेस्ट्रोल और हार्ट बीट बढ़ना जैसी समस्या होती हैं. आपको बता दें कि साइज़ में छोटी सी लगने वाली ये ग्रंथि हमारे बॉडी को स्वास्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
थायराइड ग्लैंड के ठीक से कार्य न करने से हार्मोन का स्त्राव प्रभावित होता है. लेकिन यहाँ यह जानना भी जरुरी है कि थायराइड ग्रंथि का कम या ओवर एक्टिव होना भी समस्या का कारण बनता है. लाइफ स्टाइल और खान-पान में होने वाली अनियमितता ही थायराइड की समस्या उत्पन्न करती है. इसका मतलब है कि यदि आप अपने लाइफ स्टाइल और खाने को लेकर थोड़ी सावधानी बरतें तो थायराइड की समस्या से बचा जा सकता है. इसके लिए आपको थायराइड डाइट चार्ट निर्धारित कर देते हैं जिससे आप थायराइड को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं.
थायराइड पीड़ितों के लिए थायराइड डाइट चार्ट
1. आयोडीन युक्त आहार:
थायराइड रोगियों को खाने-पीने में आयोडीनयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए. मतलब ऐसे आहार जिसमे थायराइड की भरपूर मात्रा पाया जाता हो. इसका मतलब ये है कि आयोडीन की मात्रा थायराइड की क्रियाशीलता को प्रभावित करती है. समुद्री जीवों में आयोडीन बहुत ज्यादा पाया जाता है. सी फिश और समुद्र की सब्जियों में भरपूर मात्रा में आयोडीन होती है.
2. बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीज:
ऐसे आहार जिसमें आयरन और काॅपर भरपुर मात्रा में हों, इनकें सेवन से थायराइड के फंक्शन में मदद मिलती है. आयरन पाने के लिए अपने डाइट में काजू, बादाम और सूरजमुखी के बीज खाना चाहिए. यह थायराइड ग्लैंड की क्रियाशीलता में वृद्धि करता है.
3. आयरन की भूमिका:
आयरन प्राप्त करने के लिए हरी और पत्तेदार सब्जियों से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता है. विशेष रूप से पालक में आयरन की भरपूर पायी जाती है. तो आयरन प्राप्त करने के लिए अपने थायराइड डाइट चार्ट में हरी सब्जियों को शामिल करना न भूलें।
4. पनीर और हरी मिर्च:
थायराइड रोगियों के लिए अपने थायराइड डाइट चार्ट में पनीर और हरी मिर्च के साथ टमाटर को जरुर शामिल करना चाहिए। यह थायराइड ग्लैंड के लिए बहुत कारगर सिद्ध होगा।
5. साबुत अनाज:
आटे की तुलना में साबुत आनाज में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और फाइबर होता है.आनाज खाने से बॉडी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है. पुराना ब्राउन राइस, जई, जौ, ब्रेड, पास्ता और पोपकोर्न अधिक खाना चाहिए. तो अपने थायराइड डाइट चार्ट में इन सभी आहारों को शामिल करना न भूलें.
6. मछली:
नाॅन वेज खाने को मछली जरुर खाना चाहिए, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में आयरन मौजूद होता है. ऐसे तो सभी मछलियों में आयोडीन पाटा जाता है, लेकिन सी फिश में भरपूर मात्रा में आयोडीन होता है. इसलिए सी फिश जैसे, सेलफिश और झींगा खाना चाहिए, जिसमें अधिक मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. ट्यूना सामान, मैकेरल, सार्डिन, हलिबेट, हेरिंग और फ्लाउंडर, ओमेगा- 3 फैटी एसिड के समृद्ध आहार है. आप इन सभी आहरों को अपने थायराइड डाइट चार्ट में अवश्य शामिल करें.
7. दूध और दही:
दूध और दही में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. दही खाने से बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है. प्रोबायोटिक्स थायराइड मरीजों को इंटेस्टाइनल को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है.
8. मुलेठी:
मुलेठी थायराइड मरीजों को अवश्य सेवन करना चाहिए. इसमें ऐसे पोषक तत्त्व मौजूद होते है जो थायराइड ग्रंथियों को संतुलित करने में मदद करता है थकन को मिटाता है. इसलिए मुलेठी को अपने थायराइड डाइट चार्ट में जरुर शामिल करें और नियमित रूप से सेवन करें.
9. सोया:
सोया मिल्क, टोफू या सोयाबीन में ऐसे रसायन तत्त्व पाए जाते है जो हार्मोन को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करते हैं. लेकिन इसका साथ आपको आयोडीन की मात्रा को भी नियंत्रित रखना होगा.