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Last Updated: Apr 01, 2019
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गर्भाशय कैंसर के लक्षण - Symptoms Of Uterus Cancer!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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जब गर्भाशय की आंतरिक परत की कोशिकाएं आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती हैं, तो उस स्थिति में गर्भाशय का कैंसर होता है. इसे बच्चेदानी का कैंसर भी कहते हैं. यह कोशिकाएं वृद्धि करके शरीर के अन्य भागों में भी कैंसर फैला सकती हैं. यह आकार और संरचना में नाशपाती जैसा होता है. जन्म लेने से पहले बच्चे महिलाओं के गर्भ के इसी भाग में रहते हैं. गर्भाशय में 2 मुख्य भाग होते हैं : गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का निचला भाग है जो योनि में खुलता है. गर्भाशय के ऊपरी हिस्से को कॉर्पस कहा जाता है. यद्यपि गर्भाशय ग्रीवा भी गर्भाशय का ही हिस्सा होती है. जब लोग गर्भाशय के कैंसर के बारे में बात करते हैं, तो उनका मतलब कॉर्पस में कैंसर ही होता है न कि गर्भाशय ग्रीवा में. बच्चेदानी के कैंसर का प्रमुख लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव या स्पॉटिंग है. एंडोमेट्रियल कैंसर का सही कारण अभी तक अज्ञात है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एस्ट्रोजन का उच्च स्तर इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है. इससे ग्रस्त महिलाओं का उपचार अधिकतर सर्जरी द्वारा ही किया जाता है.

गर्भाशय कैंसर के लक्षण

गर्भाशय के कैंसर का सबसे आम लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव या स्पॉटिंग है. हालांकि यह ज़रूरी नहीं ये लक्षण प्रदर्शित होने पर आप कैंसर से ही पीड़ित हों. इनके कई और कारण भी हो सकते हैं इसलिए डॉक्टर से अवश्य सलाह लें.

गर्भाशय कैंसर के अन्य लक्षण निम्नलिखित हैं :

* रजोनिवृत्ति के बाद योनि से सफेद पानी आना.

* मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव होना या पीरियड्स का सामान्य से अधिक समय तक जारी रहना.

* अत्यधिक रक्तस्राव होना, लंबे समय तक रक्तस्राव होना या 40 से ज़्यादा की उम्र में अधिक रक्तस्राव होना.

* पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना. सेक्स में अधिक दर्द होना.

गर्भाशय कैंसर के जोखिम कारक निम्नलिखित स्थितियों में आपको गर्भाशय कैंसर होने की सम्भावना होती है : आयु और रजोनिवृत्ति एंडोमेट्रियल कैंसर के अधिकांश मामले महिलाओं में होते हैं, जो 60 से 70 साल के बाद होते हैं. वास्तव में जब आप इस आयु सीमा में आती हैं या रजोनिवृत्ति से गुज़र चुकी हैं तो इस उम्र में आपको गर्भाशय का कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी में एस्ट्रोजन हार्मोन मौजूद होता है लेकिन प्रोजेस्टेरोन नहीं. जिससे एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम बढ़ता है. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कभी-कभी रजोनिवृत्ति के इलाज के लिए उपयोग की जाती है. देर में रजोनिवृत्ति होना अगर रजोनिवृत्ति अधिक उम्र में होती है तो भी गर्भाशय कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है. हार्मोनल परिवर्तन शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के स्तर में असुंतलन के कारण भी गर्भाशय कैंसर की सम्भावना रहती है. क्योंकि इस स्थिति में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है और कैंसर का कारण बनती है.

गर्भाशय कैंसर से बचाव

आप एंडोमेट्रियल कैंसर से बचाव नहीं कर सकतीं लेकिन उसके होने की सम्भावना पर ज़रूर नियंत्रण रख सकती हैं. शरीर का वज़न नियंत्रित रखें क्योंकि शरीर की वसा कोशिकाएं एस्ट्रोजेन बनाती हैं. यदि आप सक्षम हैं तो स्तनपान करायें. यह ओवुलेशन और एस्ट्रोजेन गतिविधि को कम करने में मदद करता है. असामान्य रक्तस्राव का तुरंत उपचार लें. नियमित रूप से व्यायाम करें. यह आपके वजन को नियंत्रित रखने और एस्ट्रोजन का स्तर कम करने में मदद करता है. फलों और सब्ज़ियों का अधिक से अधिक सेवन करें.
 

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