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Last Updated: Oct 23, 2019
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Sweet Potato (Shakarkandi) ke Fayde in Hindi - शकरकंद के फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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शकरकंद के स्वाद के कारण ये ज्यादातर लोगों का पसंदीदा है. इसे कच्चा और पकाकर दोनों रूपों में खाया जाता है. कुछ लोग इसे आग में पकाकर भी खाते हैं. दुनिया भर में इसकी कई किस्में प्रचलन में हैं. लाल किस्म के शकरकंद के गूदे सूखे और ठोस होते हैं जबकि सफेद और पीले रंग के शकरकंद के गूदे में अधिक रस होता है. लाल किस्म के शकरकंद की सुगंध में एक विशेषता है जो उबलने पर और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन की उपस्थिति के कारण इसके मांस का रंग ज्यादातर लाल या नारंगी होता है जो इसको अधिक सुगन्धित बनाता है. आइए शकरकंद के फायदे और नुकसान को विस्तार पूर्वक जानें.
1. मधुमेह के उपचार में
अपने नाम के विपरीत मीठा आलू मधुमेह के लिए बहुत फायदेमंद है. यह इंसुलिन के उचित स्राव और कार्य में मदद करता है जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है. इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए यह फायदेमंद होता है. आप इसका सेवन कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन या चावल की जगह कर सकते हैं.
2. पेट के अल्सर के उपचार में
मीठा आलू पेट और आंतों के लिए सुखदायक होता है. इसमें मौजूस विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम पेट के अल्सर को ठीक करने में बहुत प्रभावी हैं. इसके अलावा मीठा आलू खाने से कब्ज और एसिड की समस्या नहीं होती है जिससे अल्सर की संभावना कम हो जाती है. शकरकंद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी अल्सर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
3. हाइड्रेटेड रखने में
शकरकंद में फाइबर पाया जाता है जो शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है. यह शरीर में जल संतुलन बनाए रखता है, आपको हाइड्रेटेड रखने और आपकी कोशिकाओं को अच्छे से काम करने में मदद करता है.
4. वजन बढ़ाने में
शकरकंद मीठे होते हैं और इसमें अच्छी मात्रा में स्टार्च के साथ साथ स्वस्थ विटामिन, खनिज और कुछ प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा वे पचाने में बहुत आसान होते हैं. इस प्रकार यह बहुत अधिक ऊर्जा प्रदान करते हैं और वजन बढ़ाने में बहुत फायदेमंद है. (और पढ़ें – थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं) जो लोग हाल ही में बीमार पड़े हों, कमजोर हों यह असामान्य रूप से पतले हो, उन्हें इसका सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए.
5. प्रतिरक्षा प्रणाली की मजबूती में
इसमें विटामिन सी, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन और फास्फोरस के साथ-साथ बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों और बीमारियों से बचाते हैं.
6. ब्रोंकाइटिस में
शकरकंद में मौजूद विटामिन सी, आयरन और अन्य पोषक तत्व ब्रोंकाइटिस के इलाज में मदद करते हैं. माना जाता है कि मीठा आलू शरीर को गर्म करने में सक्षम होता है. संभवतः यह अपनी मिठास और अन्य पोषक तत्वों के कारण शरीर के तापमान को प्रभावित करता है. मीठा आलू ब्रोन्काइटिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है साथ ही फेफड़े में जमा कफ को निकालने में मदद करता है.
7. पाचन में उपयोगी
आम आलू की तुलना में शकरकंद में अधिक फाइबर होता है. साथ ही इनमें मैग्नीशियम पाया जाता है. इन कारणों से ये पाचन के लिए काफी उत्कृष्ट खाद्य पदार्थ है. शकरकंद में स्टार्च पाया जाता है जो इन्हें पचने में मदद करती है. शकरकंद पेट और आंतों के लिए सुखदायक होते हैं. इसलिए इन्हें पचाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है और ये आपके पाचन को भी अच्छा रखते है.
8. कैंसर में
बीटा-कैरोटीन, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक पदार्थ शकरकंद के छिलके को रंग देने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन और विटामिन-सी विभिन्न प्रकार के कैंसर मुख्यतः बृहदान्त्र, आंतों, सैस्टेट, किडनी और अन्य आंतरिक अंगों के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद हैं.
9. गठिया के उपचार में
इसमें पाए जाने वाले बीटा-कैरोटीन, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स गठिया के इलाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. गठिया संबंधित दर्द को कम करने के लिए जिस पानी में शकरकंद को उबाला गया हो, उस पानी को जोड़ों पर लगाने से गठिया का दर्द कम हो जाता है. शकरकंद में आम आलू की तरह ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. शकरकंद में मौजूद बीटा-कैरोटीन, विटामिन-सी और मैग्नीशियम की उपस्थिति के कारण ये सूजन को कम करता.
10. लाभ अस्थमा के लिए
शकरकंद के सेवन से नाक, श्वासनली और फेफड़ों में कफ जमने का इलाज किया जा सकता है. जिससे अस्थमा से भी राहत मिलती है. शकरकंद के ये गुण इसमें मौजूद सुगंध के कारण होते हैं. इसलिए अस्थमा के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं.
शकरकंद के नुकसान
* इसमें ऑक्सलेट, कैल्शियम-ऑक्सलेट का निर्माण करके गुर्दे की पथरी का निर्माण करता है जो गुर्दे की पत्थर का सबसे आम रूप है.
* जिन लोगों का गुर्दा ख़राब हो और जिन्हें पित्ताशय की थैली के कार्य में परेशानी होती हो, उन्हें शकरकंद का सेवन चिकित्सक से परामर्श करके करना चाहिए.
* अगर आपका पेट जल्दी ख़राब हो जाता है तो यह आपके पेट के दर्द का कारण बन सकता है.
* अगर आपको मैनिटोल युक्त पदार्थों के प्रति एलर्जी है तो इसका सेवन नहीं करें.
* रोग प्रबंधन और रक्त शर्करा वाले व्यक्तियों को शकरकंद का सेवन सही तरीके से तैयार कर के करना चाहिए.

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