Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Jul 03, 2020
BookMark
Report

Side Effects of Refined Oil in Hindi - रिफाइंड तेल के नुकसान और विकल्प

Profile Image
Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
Topic Image

रिफाइंड तेल के बारे में लोगों के बीच आम राय ये है कि इससे कम नुकसान होता है. जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि जैसा विज्ञापनों में दिखाया जाता है वो सिक्के का सिर्फ एक पहलू है. सिक्के का दूसरा पहलू जो कि स्याह है, कोई नहीं दिखाता है. रिफाइंड तेल पिछले 20 -25 वर्षों से हमारे देश में आया है. आज ये कई विदेशी कंपनियों के लिए कमाने का एक अच्छा स्त्रोत है.

अपने फायदे के लिए इन लोगों ने टेलीविजन विज्ञापनों और कई अन्य तरीकों से इसका खूब प्रचार किया. लेकिन जब इसपर भी बात बनती नहीं दिखी तो इन्होंने डॉक्टरों के माध्यम से इसके तथाकथित फायदे गिनवाने शुरू कर दिए. तब डॉक्टरों ने अपने प्रेस्क्रिप्शन में रिफाइन तेल लिखना शुरू कर दिया कि तेल, सफोला का खाना या सनफ्लावर का खाना. जबकि उन्हें ये कहना चाहिए कि घानी से निकला हुआ शुद्ध सरसों का तेल खाओ, तिल का खाओ या मूंगफली का खाओ. अचानक से ही एक हल्ला होने लगता है कि आपकी सेहत का ध्यान रखने, रिफाइन तेल आ गया है. हम बिना किसी जांच और रिपोर्ट को ना देखते हुए बस इसका उपयोग करने लगते हैं. आइए देखें कि रिफाइंड तेल के नुकसान क्या-क्या हैं.

रिफाइंड तेल के नुकसान - Side Effects of Refined Oil in Hindi

रिफाइन तेल बनाते समय जिस तरह के केमिकल इस्तेमाल हो रहे हैं वह हमारे शरीर को अन्दर से कमजोर बनाते जा रहे हैं. काई बार तो इसको बनाने में एक खास तरह का साबून भी उपयोग में लाया जा रहा है. जिसकी वजह से हमारा पेट अक्सर खराब रहने लग सकता है. सफोला के तेल को प्रयोगशाला में जांचा गया, सूरजमुखी तेल के अलग-अलग ब्रांड का टेस्ट किया गया. इसमें से जैसे ही आप चिपचिपापन निकालेंगे, बास को निकालेंगे तो वो तेल ही नहीं रहता. ऐसा करने से तेल के सारे महत्वपूर्ण घटक निकल जाते हैं और डबल रिफाइन में कुछ भी नहीं रहता, वो छूँछ बच जाता है.

दुर्भाग्य से उसी को हम खा रहे हैं इसलिए तेल के माध्यम से जो कुछ पौष्टिकता हमें मिलनी चाहिए वो मिल नहीं रहा है. तो आप शुद्ध तेल खाएं तो आपमें अच्छा कोलेस्ट्राल बढ़ेगा और जीवन भर ह्रदय रोगों की सम्भावना से आप दूर रहेंगे. तो शायद अब आप समझ गये होंगे कि आखिर क्यों हमारे पूर्वज शुद्ध सरसों का तेल खाने में उपयोग करते थे तभी उन दिनों दिल की समस्या इतनी कम होती थी.

रिफाइंड तेल के विकल्प - Alternative of Refined Oil in Hindi

प्राकृतिक पदार्थों का कोई विकल्प नहीं है. यानी आपके सहत्त के लिए सबसे बेहतर विकल्प यही है कि आप शुद्ध तेल खाइए, तिल का, सरसों का, मूंगफली का, तीसी का, या नारियल का. अब आप कहेंगे कि शुद्ध तेल में एक तो बास बहुत आती है और दूसरी ये कि शुद्ध तेल में चिपचिपाहट बहुत होती है. कई शोधों से पता चला है कि तेल का चिपचिपापन ही उसका सबसे महत्वपूर्ण घटक है. यानी तेल में से जैसे ही चिपचिपापन निकाल दिया जाता है तो पता चलता है कि ये तो तेल ही नहीं रहा. मतलब ये कि तेल में जो बास आ रही है वो उसका प्रोटीन कंटेंट है. शुद्ध तेल में प्रोटीन बहुत है, दालों के बाद जो सबसे ज्यादा प्रोटीन है वो तेलों में ही है. जहां तक सवाल है तेलों में बास की तो आपको बता दें कि वो उसका ऑर्गेनिक कंटेंट है

प्रोटीन के लिए. 4 -5 तरह के प्रोटीन हैं सभी तेलों में, जैसे ही हम तेल में से बास निकालेंगे उसका प्रोटीन वाला घटक गायब हो जाता है और चिपचिपापन निकाल देने पर उसका फैटी एसिड गायब. अब ये दोनों ही चीजें निकल गयी तो फिर वो तेल किस काम का? वो तो बस पानी है, जहर मिला हुआ पानी. और ऐसे रिफाइन तेल के खाने से कई प्रकार की बीमारियाँ होने की संभावना प्रबल होती है. जैसे घुटने दुखना, कमर दुखना, हड्डियों में दर्द, ये तो छोटी बीमारियाँ हैं, सबसे खतरनाक बीमारी है, हृदयघात, पैरालिसिस, ब्रेन का डैमेज हो जाना, आदि. पूरे मनोयोग से रिफाइन तेल खाए जाने वाले घरों में ये समस्या आप पाएंगे. जिनके यहाँ इसका इस्तेमाल हो रहा है उन्ही के यहाँ स्ट्रोक और दिल के दौरे की समस्याएं ज्यादा हैं.

chat_icon

Ask a free question

Get FREE multiple opinions from Doctors

posted anonymously

TOP HEALTH TIPS

doctor

Book appointment with top doctors for Staying Healthy treatment

View fees, clinc timings and reviews
doctor

Treatment Enquiry

Get treatment cost, find best hospital/clinics and know other details