वानस्पतिक नाम ब्रायोनिया लैसिनोसा वाले शिवलिंगी बीज के फायदे कितने महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ये बांझपन को भी दूर करता है. प्रजनन शक्ति बढ़ाने के अलावा भी इसमें कई अन्य गुण जैसे रक्त मेन लिपिड के स्तर को कम करना, रोगाणुओं का नाश करना, सूजन कम करना, फंगसरोधी, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाना और दर्दनिवारक के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है. स्वाद में कड़वा लगाने वाले शिवलिंगी बीज के फ़ायदे निंलिखित हैं.
1. बुखार में
बुखार को कम करने में शिलिंगी बीज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शिवलिंगी के पत्तों का सेवन बुखार में अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है. शिवलिंगी के पत्तों में पैरासेटामॉल जैसे ज्वरनाशी गुण पाए जाते हैं. आप चाहें तो इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं. आपको बता दें कि शिवलिंगी बीज में पीड़ा-नाशक प्रभाव भी देखा जाता है.
2. वजन कम करने में
बॉडी मॉस इंडेक्स को सही करने और शरीर के वजन को कम करने में शिवलिंगी बीज की सकारात्मक भुमिका है. इसके लिए इसमें पाया जाने वाला ग्लुकोमानन जिम्मेदार है. अपना मोटापा कम करने के लिए आपको शिवलिंगी बीज को नियमित रूप से और सही मात्रा में इस्तेमाल करना जरुरी है.
3. बांझपन को दूर करने में
कई महिलाओं में बांझपन की समस्या देखने को मिलती है. प्रजनन का सीधा संबंध अंडाणु और शुक्राणु से है. विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में बांझपन अंडे की कम संख्या या गुणवत्ता के कारण हो सकती है. इस तरह की स्थिति के लिए कोई बीमारी या चोट लगना जिम्मेदार हो सकती है. स्वाभाविक रूप से ये समस्या बढ़ती उम्र के साथ आती है.
शिवलिंगी बीज ओवेरियन रिज़र्व जैसी ओवुलेशन से निजात पाने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है. दरअसल ये पीरियड्स को नार्मल करता है. हलांकि इस विषय में अभी भी काफी शोध किया जाना बाकी है ताकि इसका और प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जा सके.
4. कब्ज में शिवलिंगी बीज के फायदे
शिवलिंगी के बीज में ग्लुकोमानन नाम का एक पानी में घुलनशील प्राकृतिक फाइबर पाया जाता है. इसलिए ये पानी को अवशोषित करके आंत में मल त्याग की प्रक्रिया को बेहतर करता है. इस प्रकार ये कब्ज के उपचार में फायदेमंद साबित होता है. कब्ज आदि समस्याएं, हमारे शरीर में कई अन्य समस्याओं को भी जन्म देती हैं. इसलिए इसका ये अतिरिक्त फायदा है कि आप अनावश्यक बिमारियों से बच जाते हैं.
5. यौन ऊर्जा बढ़ाने के लिए
यदि आप शिवलिंगी बीज का उचित मात्रा में सेवन करें तो ये पुरुष के यौन अंगों जैसे वृषण, अधिवृषण और प्रोस्टेट आदि के वजन में वृद्धि करता है. यही नहीं ये शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाकर शुक्राणु कोशिकाओं में फ्रक्टोज की मात्रा भी बढ़ाते हैं. जिससे कि शुक्राणु द्रव के पोषण के स्तर में सुधार होता है. कुल मिलाकर ये आपकी यौन ऊर्जा में वृद्धि करते हैं.
6. गर्भाशय के लिए फायदेमंद
आयुर्वेद के अनुसार शिवलिंग बीजों को पुत्र जीवक बीज के साथ मिलाकर इसका पाउडर लेने से गार्भाशय की मांसपेशियों में मजबूती आती है. शिवलिंग बीज महिलाओं को गर्भवती होने में भी उनकी सहायता करता है. इसके लिए अप इस पाउडर को उस गाय के दूध के साथ मिलाएं जिसने बछड़े को जन्म दिया हो. इसे सुबह-शाम खाली पेट लेने से आपको इसका लाभ मिलता है.
क्या है शिवलिंगी का नुकसान
शिवलिंगी के बीज का वैसे तो कोई खास नुकसान नहीं देखा गया है. लेकिन कुछ आम सावधानियां जो कि सभी दवाओं को लेने में बरतनी चाहिए, उन्हें जरुर फॉलो करें. शिवलिंगी बीज से बनी दवाओं को जरूरत से ज्यादा मात्रा में न लें. जब भी किसी बीमारी के लिए शिवलिंगी बीज का इस्तेमाल करना हो तो किसी आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य लें.