प्रसव पीड़ा के लक्षण - Prasaw Peeda Ke Lakshan!
प्रसव एक बेहद जटिल प्रक्रिया है. जो की शुरूआत से ही महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव कर देता है और यह गर्भस्थ शिशु के बाहर आने तक चलता ही रहता है. इसलिए प्रश्न की शुरुआत कब होगी इसका सही सही अंदाजा लगा पाना थोड़ा मुश्किल है. हालांकि प्रसव पीड़ा की शुरूआत होने से पहले प्रसव की अवस्था इसकी शुरुआत और सक्रिय प्रस्ताव की अवस्था के दौरान कवि सारे विशेष बदलाव होते हैं. इन बदलावों की सहायता से आप जान सकते हैं कि आपका प्रसव और शिशु का जन्म कितना नजदीक है. इस बात की जानकारी आपको प्रसव से पहले होने वाली पीड़ा के आरंभिक अवस्था में भी आपको मिल सकती है.
आइए इस लेख के माध्यम से हम प्रसव पीड़ा के लक्षण पर एक नजर डालते हैं.
* प्रसव पीड़ा की शुरूआत होने से पहले जब आपको महावारी आती है. तो इस दौरान आपको एयरटेल और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की अनुभूति हो सकती है.
* प्रसव पीड़ा शुरू होने से पहले आपको दर्द भरी संकुचन का अनुभव हो सकता है. यह संकुचन नियमित और छोटे अंतराल पर लगातार होते रहते हैं आगे चलकर यह दर्द भरे संकुचन लंबे और प्रबल हो जाते हैं.
* इस दौरान पानी की थैली भी फट सकती है. क्योंकि एमनीओटिक द्रव का तेजी से बाहर यार साहब होने लगता है. जिससे कि आपकी झोली पड़ सकती है. यदि ऐसा होता है तो आपको तत्काल किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
* बुरे या खून के रंग जैसी श्लेष्मा भी प्रसव पीड़ा से पहले निकल सकते हैं यदि आपकी गर्भाशय की ग्रीवा पर लगा शैलेश में का डॉट बाहर आ जाता है. तो संभव है. कि आपका प्रस्ताव आपकी प्रसव का समय काफी नजदीक है. यह इस बात का संकेत है कि प्रसव की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है.
* कई महिलाओं में ऐसा भी देखा गया है. कि प्रसव सर पहले उनके पेट में गड़बड़ी शुरू हो जाती है. कई बार पेट की गड़बड़ी दस्त के रूप में भी देखने को मिलती है. या नहीं प्रसव से पहले होने वाला दर्द भी प्रसव पीड़ा के समय के नजदीक होने का संकेत देता है.
* जब जैसे-जैसे प्रसव पीड़ा नजदीक आती जाती है. वैसे वैसे आप की मनोदशा में भी कई बदलाव देखने को मिलेंगे जब प्रसव पीड़ा बहुत नजदीक आती है. तो आप की मनोदशा काफी भावुक और उतार-चढ़ाव से भरी हो सकती है.
* जब प्रसव पीड़ा का समय नजदीक आ जाता है. तो अक्सर कई महिलाओं की नींद रात में बार बार टूटने लगती हैं. यानी रात में नींद का टूटना भी प्रसव पीड़ा के नजदीक होने का संकेत देता है.
आपको डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए-
- जब आपको पता चले कि आपकी पानी की थैली टूट गई है. या आपको एमनियोटिक द्रव्य के रिसने का संदेह है.
- जबकि आपका शिशु सामान्य से कम हलचल दिखा रहा है.
- जब आपके योनि से रक्त स्त्राव हो रहा है. हालांकि, झिल्ली टूटने के बाद थोड़ा स्त्राव या खून की रंगत जैसा श्लेम आना आम बात है.
- आपके पेट में दर्द के साथ आपको बुखार, तेज सिरदर्द और दृष्टि में परिवर्तन महसूस हो रहा है.
प्रसव की शुरुआती अवस्था में करना चाहिए?
जब प्रसव की शुरुआती अवस्था होती है तो इसमें आपको भूख भी लग सकती है. यदि ऐसा हो तो, आपको शाम को कुछ और खाना-पीना चाहिए. यह आपको आराम देने में तो मदद करेगा ही यहां तक कि प्रसव को आसानी से आगे बढ़ने में भी काफी हद तक मदद कर सकता है. यदि आपके पास टेन्स मशीन है, तो प्रसव की शुरुआती अवस्था में उसका इस्तेमाल करना उचित होगा.
कैसे जानें कि प्रसव जल्द ही शुरु होने वाला है-
- शिशु का सिर श्रोणि में नीचे की ओऱ हो जाएगा. इस स्थिति को 'लाइटनिंग" कहते हैं. आप और अधिक गहरी सांस लेने व अधिक खाने में सक्षम होंगी. हालांकि, आपको बार-बार पेशाब जाने की जरुरत पड़ेगी और चलना और मुश्किल हो जाएगा.
- योनि से ज्यादा स्त्राव
- ज्यादा बार और अधिक प्रबल ब्रैक्सटन हिक्स संकुचन
- मनोदशा में उतार-चढ़ाव और ऊर्जा में बढ़ोतरी
- अचानक घर की साफ़-सफाई करने की तीव्र इच्छा!