योग करने का सही समय कब होता है?
आज के युग में मनुष्य सब को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की दौड़ में इतने तनावग्रस्त हो जाते हैं कि अक्सर हजारों बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। इन बीमारियों से पीछा छुड़ाने के लिए दवा का सहारा न लेकर प्राकृतिक तरीका अपनाना ही बुद्धि संगत होता है। योग वह प्राकृतिक तरीका होता है जिसके द्वारा मनुष्य खुद को शांत और निरोग रख सकता है। तनाव हर चीज को प्रदूषित कर (यानि वायु, खाद्द यहाँ तक कि जल भी प्रदूषित होता है) मनुष्य को बीमारियों का भंडार बना देता है। इन सबसे लड़कर खुद को स्वस्थ रखने में योग आपकी पूरी तरह से मदद करता है बशर्ते आप सही तरह से और सही समय पर करें। आप किस तरह के योग का चयन कर रहें है यह आपके तंदुरूस्ती पर निर्भर करता है लेकिन इसके साथ ही आपको सही समय का ज्ञान होना भी ज़रूरी होता है। आपके सहुलियत के लिए योग के सही समय का चुनाव करने के लिए यहाँ 6 नियम दिए जा रहे हैं-
1. सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है
डॉ. फूलगेन्दा सिन्हा, यौगिक क्युर फॉर कॉमन डिज़ीज़ेज पुस्तक के लेखक के अनुसार योग करने के लिए सुबह सबसे अच्छा समय होता है। लेकिन नाश्ता करने के पहले योग अभ्यास करना चाहिए क्योंकि अभ्यास करते वक्त पेट खाली होना चाहिए। अगर आपको यह समय पसंद नहीं है तो आप दूसरे समय का चुनाव कर सकते हैं बशर्ते कि आपका पेट खाली हो। क्योंकि खाना खाने के बाद खाना पूरी तरह से हजम होने में तीन से चार घंटे का समय लग जाता है।
2. खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें
सुबह के जगह पर अगर आपने योग करने के लिए दूसरे समय का चुनाव किया है तो खाना खाने के तीन-चार घंटे के बाद ही योग अभ्यास करें। यहाँ तक कि चाय, कॉफी, जूस या दूसरा कुछ भी पीया है तो आधा घंटा के बाद ही योग अभ्यास शुरू करें।
3. योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें
योग के लिए समय का चुनाव करने के बाद योग अभ्यास शुरू करने के पहले सबसे ज़रूरी होता है शरीर को आरामदेह स्थिति में रखना। योग में एकाग्रता और शरीर में लचीलेपन की ज़रूरत होती है इसके लिए खुद को शांत रखना ज़रूरी होता है।
4. चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें
डॉ. फूलगेन्दा के अनुसार जिस समय का चुनाव आपने किया है उसी समय पर रोज़ योग करें। इसलिए समय का चुनाव आप अपने रोज के कामों को ध्यान पर रख कर ही कीजिए ताकि अभ्यास का समय इधर-उधर न हो।
5. शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें
जिस भी योग के सेट का अभ्यास आप कर रहे हैं उसे हफ़्ते में पाँच से छह दिन तक करने के बाद ही आप शरीर में आए बदलाव को देख सकते हैं, जैसे वज़न घटना, तनाव से राहत या दूसरे लक्षण आदि।
6. योग का अभ्यास ज़्यादा न करें
दिन में एक बार ही योग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है बशर्ते कि योग गुरू का निर्देश हो।
अगर आप सही तरह से योग का अभ्यास करेंगे तो जोड़ों का दर्द, गठिया, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, श्वास रोगों और यहां तक कि कुछ मानसिक बीमारियों से भी राहत पा सकते है। अतः नियम से योग अभ्यास करें और निरोग रहें।