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Last Updated: Feb 16, 2023
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12 प्राकृतिक लैक्सेटिव जो दें कब्ज से राहत

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Dr. Sarang J DeshpandeAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.MD - Ayurveda
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हमारे स्वास्थ्य के लिए शरीर से अनावश्यक गंदगी को बाहर निकालना अति आवश्यक होता है। ऐसा करने के लिए शरीर मल और मूत्र को शरीर से बाहर भेजता है। पर कई बार सही खान पान व जीवनशैली के कारण कब्ज़ की समस्या हो जाती है। लगातार अगर कब्ज़ की समस्या बनी रहे तो इससे ना सिर्फ व्यक्ति असहज रहता है बल्कि कई तरह की बीमारियों की चपेट में भी आ जाता है।

ऐसे में अगर कब्ज़ का समस्या से दूर रहना है तो कुछ ऐसे आहार लेने की आवश्कता है जिनमें लैक्सेटिव के गुण होते हैं। इन चीज़ों का सेवन कर के आप आसानी से और नियमित रूप से मल त्याग कर सकेंगे।तो आइए जानते हैं कि क्या हैं वो चीज़ें।

आलूबुखारे

आलूबुखारे से हम सभी परिचित हैं।अंग्रेज़ी में इन्हें प्रून कहा जाता है। कब्ज दूर करने के लिए इनके सेवन बेहद लाभदायक होता है। पुराने समय से ही विशेषज्ञ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए आलूबुखारे के सेवन की सलाह देते रहे हैं। आलू बुखारे में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज़ दूर भगाने का काम करता है। आलूबुखारा में अघुलनशील फाइबर होता है जिसे सेल्युलोज के रूप में जाना जाता है। यह मल में पानी की मात्रा को बढ़ाता है और उसे कठोर नहीं होने देता।

कई शोध बताते हैं कि पुराने कब्ज वाले लोगों में इसके सेवन से काफी लाभ देखने को मिला है। आलू बुखारे को आप सलाद, अनाज, दलिया, स्मूदी के साथ ले सकते हैं।

सेब

सेब आयरन और फाइबर से भरपूर होते हैं। सेब में पेक्टिन नामक आहार फाइबर होता है जो आंत में, पेक्टिन को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड बनाने का काम करता है।इस प्रक्रिया में कोलन में पानी पहुंचता है और मल को नरम कर सकता है । नियमित रूप से सेब का सेवन करने से पेट अच्छी तरह साफ होता है।

नाशपाती

नाशपाती फाइबर का भरपूर सोर्स है। इसमें लगभग 5.5 ग्राम फाइबर होता है।जो आपके पाचन और मल त्याग के लिए बहुत फायदेमंद है।इसके अलावा  नाशपाती में अन्य फलों की तुलना में अधिक फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल की मात्रा होती है।

नाशपाती के सेवन से बड़ी आंत ठीक से काम करती है और मल त्याग को आसान बनाती है। नाशपाती को आप ऐसे भी खा सकते हैं य़ा फिर इसे स्मूदी के रूप में या बेकिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं।

कीवी

कीवी फाइबर का भंडार होती हैं। इनमें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण भी होते हैं। जानकार मानते हैं कि 2 सप्ताह तक रोजाना दो कीवी खाने से मल त्याग करना आसान होता है। साथ ही कठोर मल में नरमी आती है। इसलिए कब्ज़ दूर करने के लिए कीवी का सेवन करना सुनिश्चित करें।

अंजीर

अंजीर आपके स्वास्थय के लिए बहुत लाभदायक होती है।इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और आंतों को सुचारू रूप से काम करने के लिए उत्तेजित करता है। एक अंजीर में करीब 1.5 ग्राम फाइबर होता है। अंजीर के सेवन ना सिर्फ पेट अच्छी तरह साफ होता है बल्कि आंतों का संक्रमण भी कम हो सकता है। अंजीर में फिकिन नामक एंजाइम होता है, जो कीवी में पाए जाने वाले एंजाइम एक्टिनिडिन के समान होता है। ये आंतों के काम काज पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

खट्टे फल

खट्टे फलों में घुलनशील फाइबर पेक्टिन भरपूर होते हैं । पेक्टिन आपके कब्ज को कम कर सकता है । इसके अलावा, खट्टे फलों में नारिंगिनिन नामक फ्लेवनॉल होता है, जो कब्ज दूर करने में प्रभावशाली हो सकता है।

पालक और अन्य साग

पालक, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और ब्रोकली जैसे साग न केवल फाइबर से भरपूर होते हैं बल्कि फोलेट और विटामिन सी और के, के भी अच्छे स्रोत होते हैं।

ये साग मल को नरम बनाते हैं जिससे उनके लिए आंत से गुजरना आसान हो जाता है।

शकरकंद

शकरकंद में भी प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज को कम करने में मदद करता है। शकरकंद में सेल्यूलोज और लिग्निन के रूप में ज्यादातर अघुलनशील फाइबर होते हैं। उनमें घुलनशील फाइबर पेक्टिन भी होता है जो मल त्याग में सहायता कर सकता है ।

बीन्स, मटर और दालें

बीन्स सबसे आसानी से मिलने वाले फाइबर के स्त्रोत होते हैं।इन्हें आप आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। वहीं दालों में अघुलनशील और घुलनशील दोनों तरह के फाइबर का मिश्रण होता है। इसका मतलब यह है कि वे मल को नरम बनाती हैं औऱ उसे त्यागना आसान बनाती हैं जिससे पेट साफ होने में मदद मिलती है। अपने आहार में अधिक दालों को शामिल करने के लिए, उन्हें सूप में शामिल करने का प्रयास करें, उन्हें सलाद में भी शामिल करके खा सकते हैं।

चिया के बीज

चिया के बीज बहुत अधिक फाइबर वाले पदार्थों में से एक हैं। 1 औंस यानी 28 ग्राम चिया के बीज में 9.8 ग्राम तक फाइबर होता है, जो आपकी दैनिक जरूरतों को काफी हद तक पूरा करता है। चिया में 85% अघुलनशील फाइबर और 15% घुलनशील फाइबर  होता है। जब चिया के बीज पानी के संपर्क में आते हैं तो यह एक जेल बनाते हैं। यह जेल आंत में जाकर  मल को नरम करने में मदद कर सकता है और उसे त्यागना आसान बना सकता है।

फ्लैक्स सीड्स

फ्लैक्स सीड एक नहीं बल्कि कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग पुराने समय से ही दवा के तौर पर कब्ज़ को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। अलसी घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के आहार फाइबर से भरपूर होती है, जो उन्हें एक आदर्श पाचन में सहायक  बनाती है। सिर्फ 1 बड़ा चम्मच साबुत अलसी में करीब 2.5 ग्राम फाइबर होता है । फ्लैक्स सीड्स में मौजूद अघुलनशील फाइबर बड़ी आंत में स्पंज की तरह काम करता है।यह पानी की मात्रा को रखता है और मल को नरम करता है।

ओट्स

ओट्स का चोकर फाइबर का भंडार होता है। इसमें आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ओट्स की तुलना में काफी अधिक फाइबर होता है। ओट्स का चोकर आंतों का काम आसान करता है औऱ मल को कठोर होने से रोकता है। ओट्स के चोकर को ग्रेनोला मिक्स के साथ या फिर ब्रेड या मफिन में मिलाकर बेक किया जा सकता है।

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