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Last Updated: Feb 16, 2023
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Natural Flavour in Hindi | प्राकृतिक स्वाद

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Dr. Vikash KumarAyurvedic Doctor • 7 Years Exp.Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
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जब भी हम कोई सामान बाज़ार से खरीदते हैं तो उसपर लगे लेबल में अकसर लिखा मिलता है नैचुरल फ्लेवर्स यानी प्राकृतिक स्वाद। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इसका मतलब क्या होता है और ये प्राकृतिक स्वाद बनते कैसे हैं?

तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस शब्द का अर्थ दरअसल है क्या। नैचुरल फ्लेवर यानी प्राकृतिक स्वाद एफडीए द्वारा स्वीकृत और परिभाषित किया गया है। इसे बनाने के लिए पौधों ,फलों, जड़ी-बूटियों, सब्जियों, पेड़ों की छाल, जड़ों इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा नैचुरल फ्लेवर के लिए अंडों औऱ डेयरी उत्पादों जैसे प्राकृतिक स्रोतों का भी इस्तेमाल किया जाता है।इन फ्लेवर्स को प्राप्त करने के लिए इन सभी स्रोतों को एक खास तरीके से गर्म किया जाता है।

प्राकृतिक स्वाद क्या हैं?

जब हम किसी उत्पाद में नैचुरल फ्लेवर होने की बात करते हैं तो इसका मतलब होता है कि उनमें पौधों या जानवरों के उत्पाद से लिए गए अर्क या तेल का प्रयोग किया जाता है जिससे उनमें मौजूद स्वाद उस उत्पाद में लाया जा सके। ये हमें फल, जड़ी-बूटियों, मसालों, सब्जियों, खमीर, डेयरी, मांस इत्यादि से प्राप्त होता है।वहीं कृत्रिम स्वाद यानी आर्टिफिशियल फ्लेवर मानव निर्मित स्रोतों से प्राप्त होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर हम एक केले के स्वाद वाले बेक्ड उत्पाद का उपयोग करते हैं तो उसमें केले का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। या बादाम के फ्लेवर वाले उत्पाद में वास्तव में बादाम नहीं डाले जाते।

ऐसे में अगर आप यह समझते हैं कि किसी प्रकार के स्वाद वाली चीज़ में उसके गुण और पोषण भी होते हैं तो ऐसा नहीं है। दूसरी भ्रांति ये भी होती है कि प्राकृतिक का मतलब ऑर्गैनिक है पर ये भी सच नहीं है।

एफडीए के अनुसार, प्राकृतिक स्वाद निम्नलिखित में से किसी भी उत्पाद से मिल सकते हैं:

  • पेड़ की छाल, फूलों की कलियाँ, पेड़ पौधों की जड़ें, पत्तियाँ
  • दुग्ध उत्पाद
  • खमीर
  • अंडे
  • फल या फलों का रस
  • मांस, समुद्री भोजन, मुर्गी पालन
  • मसाले और जड़ी बूटियां
  • सब्जियां या सब्जी का रस

इन स्रोतों का उपयोग करके, फर्मेंटेशन,गर्म कर के या एंज़ाइम के माध्यम से प्राकृतिक फ्लेवर का उत्पादन किया जा सकता है।

क्या प्राकृतिक स्वाद सुरक्षित हैं?

जानकारों की मानें तो प्राकृतिक स्वाद का निर्माण हमेशा नियमों के अनुसार किया जाता है। इसमें यह बात सुनिश्चित की जाती है कि उपयोग की जाने वाली प्रत्येक सामग्री सुरक्षित हो।इसलिए ये माना जा सकता है कि प्राकृतिक स्वाद किसी भी तरह से आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते हैं और उनमें कोई पोषण या कैलोरी भी नहीं होती है। प्राकृतिक फ्लेवर आपके भोजन और पेय को पूरी तरह से सुरक्षित रखें इसके लिए ताजा सामग्री और उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है।

प्राकृतिक फ्लेवर का उपयोग क्यों किया जाता है

किसी भी भोजन का स्वाद और सुगंध ही उसे अलग और आकर्षक बनाता है। स्वाद और सुगंध ही उन खाद्य पदार्थों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो हम प्रतिदिन खाते हैं। स्वादहीन और गंधहीन खाद्य पदार्थों को कोई खाना नहीं चाहता। भारतीय रसोई में तो हर मौके पर ढेरों व्यंजन घर को महका देते हैं। इनमें से कई चीज़ों को जैसे नमक, काली मिर्च, मसालों के माध्यम से रंग और स्वाद दिया जाता है। इन्हीं मसालों की महक और स्वाद उस व्यंजन को उसकी पहचान देते हैं।और ऐसा आकर्षक खान ही भूख बढ़ाने में मदद कर सकता है।वहीं बाज़ार में मिलने वाले प्रसंस्कृत खाने को लंबे समय तक चलने की आवश्यकता होती है। इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए प्रेजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है।ऐसे में खाद्य निर्माता भोजन के स्वाद को बढ़ाने या बनाए रखने के लिए प्राकृतिक फ्लेवर्स का सहारा लेते हैं।

क्या नैचुरल फ्लेवर कृत्रिम फ्लेवर की तुलना में बेहतर हैं?

वैसे देखा जाए तो प्राकृतिक फ्लेवर आवश्यक रूप से कृत्रिम फ्लेवर की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक नहीं होते हैं। ये बात अलग है कि उन्हें प्राकृतिक चीज़ों से तैयार किया जाता है पर जैसा कि हमने पहले भी बताया कि इनमें कोई पोषण मौजूद नहीं होता है।

प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार के फ्लेवर को अत्यधिक संसाधित किया जाता है। इसलिए यह जानने के बजाय कि कौन से फ्लेवर स्वास्थ्यवर्धक हैं आप को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप ताज़ा काद्य पदार्थ इस्तेमाल करें और अगर पैकेज़्ड फूड ले रहे हैं तो उनमें ऐसे खाद्य पदार्थ का चुनाव करें जो कम संसाधित हैं।

क्या प्राकृतिक फ्लेवर कृत्रिम फ्लेवर से सुरक्षित हैं?

ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है जो यह साबित कर सके कि प्राकृतिक फ्लेवर कृत्र्म फ्लेवर के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं। कृत्रिम स्वाद गैर-खाद्य स्रोतों से बनाए जाते हैं, जबकि प्राकृतिक स्वाद खाद्य पदार्थों या अन्य खाने लायक चीजों से बनते हैं।हालांकि अत्यधिक प्रसंस्करण के बाद , दोनों ही प्रकार के फ्लेवर लगभग एकसमान हो जाते हैं और दोनों को उपभोग करने के लिए सुरक्षित माना जाता है।

क्या खाद्य पदार्थों में कृत्रिम और प्राकृतिक दोनों तरह के फ्लेवर का इस्तेमाल एक साथ किया जा सकता है?

बाज़ार में की ऐसे उत्पाद मौजूद होते हैं जिनमें निर्माता कृत्रिम और प्राकृतिक दोनों तरह के फ्लेवर का एक साथ इस्तेमाल करते हैं। खाद्य निर्माता कभी-कभी उत्पाद बनाते समय दोनों ही तरह के फ्लेवर के संयोजन का उपयोग करते हैं। कृत्रिम फ्लेवर के उपयोग से उत्पादों की लागत कम करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से वे उपभोक्ताओं के लिए सस्ते हो जाते हैं। हालांकि, चूंकि प्राकृतिक शब्द कई उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक है और ऐसा लगता है कि उत्पाद एक स्वस्थ विकल्प है, खाद्य निर्माता अक्सर कृत्रिम फ्लेवर के बजाय या उसके साथ ही पार्कृतिक फ्लेवर का उपयोग भी कर लेते हैं जिससे उपभोक्ता उन्हें खरीदने के ले आकर्षित हों।

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