Mustard Oil Benefits And Side Effects In Hindi - सरसों के तेल के फायदे और नुकसान
खाना बनाने के लिए अधिकांश जगहों पर सरसों के तेल का ही प्रयोग होता है. सब्जी, अचार, दाल इत्यादि बनाने के लिए सरसों तेल का इस्तेमाल होता है. सरसों तेल के कई औषधीय गुण भी होते हैं. यह दर्द नाशक भी होता है जिस कारण जोड़ों के दर्द इत्यादि में भी इसका प्रयोग होता है. आइये सरसों के तेल के फायदे व नुकसान के बारे में जानते हैं.
1. दमा व साइनस के लिए
अस्थमा (दमा) और साइनस के इलाज लिए सरसों के तेल को एक प्राकृतिक उपचार माना जाता है. अस्थमा के दौरे के होने पर सरसों के तेल से छाती की मालिश करनी चाहिए. एक चम्मच सरसों के तेल व एक चम्मच चीनी के मिश्रण को दिन में कई बार लिया जा सकता है.
2. फंगल संक्रमण में
सरसों का तेल एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक तत्व से युक्त होता है. आपको बता दें कि इस तत्व में कवकरोधी गुण पाया जाता है. अपने इसी विशिष्ट गुण के कारण यह कवक के निर्माण को बाधित करता है. इसमें मौजूद ये गुण त्वचा का सुखना या खुजलाना जैसे विकारों से त्वचा को सुरक्षित करता है.
3. सर्दी खांसी में
सर्दी-खांसी में बंद छाती व बंद नाक में सरसों के तेल फायदेमंद होता है. सारसों तेल की तेज गंध से श्वसन प्रणाली गरम होकर कफ को बनने से रोकता है. इस प्रकार सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों के लिए यह फायदेमंद होता है.
4. बालों के लिए लाभकारी
सरसों के तेल बालों के लिए भी फायदेमंद होता है. यह समय से पहले बाल का सफेद होने के समस्या को रोकने के साथ ही स्वाभाविक रूप से बालों को काला करने में मदद करता है. यह बालों के झड़ने व गंजेपन को दूर करने में भी उपयोगी होता है. सरसों के तेल बालों को कवक संक्रमण से भी बचाता है.
5. मच्छरों को दूर
सरसों के तेल के तेज की तेज गंध कीड़े-मकोड़ों को पास आने से रोकता है. जिस कारण क्रीम के रूप में सरसों के तेल शरीर में लगा लेने से यह मच्छरों से बचाता है. इस प्रकार यह मलेरिया और अन्य कीट से होने वाले रोगों को रोकने में मदद करता हैं.
6. त्वचा के लिए
सरसों के तेल त्वचा के लिए भी उपयोगी है. यह त्वचा का रंग हल्का करने के साथ-साथ पिंपल्स से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है. सरसों के तेल उम्र बढ़ने से होने वाले झुर्रियों से बचाता है. इसके अलावा सरसों के तेल में मौजूद विटामिन ई एक सनशील्ड के रूप में भी काम करता है. जो प्राकृतिक रूप से त्वचा को चमक देने के साथ-साथ टैनिंग और काले धब्बों को दूर करने में सहायक होता है.
7. कैंसर से बचाए
सरसों का तेल ग्लूकोसिनोलेट जैसे तत्वों से युक्त होता है. आपको बता दें कि इसमें एंटी-कार्सिनजेनिक गुण भी पाया जाता है. ये एक ऐसा तत्व है जो कि हमारे शरीर में कैंसर के निर्माण की प्रक्रिया को रोक सकता है. इसके अलावा यह फ़यटोनुट्रिएंट्स कोलोरेक्टल के साथ ही पेट के कैंसर इत्यादि से भी बचाव करने में मददगार है. आपको ये भी जानकर हैरानी होगी कि इसका गाढ़ापन विटामिन ई की प्रचुरता, इसे पराबैंगनी किरणों के साथ ही कई अन्य प्रदूषण से भी हमारे त्वचा की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
8. गठिया के उपचार में
सरसों के तेल में दर्द नाशक गुण होते हैं. इस गुण के कारण इसकी मालिश गठिया में मददगार है. गठिया में इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको 2 बड़े चम्मच गरम सरसों के तेल में 3-4 लहसुन की कलियों को मिलाकर जोड़ों पर रगड़ना चाहिए. इससे गठिया का दर्द आराम होता है. लेकिन इसके दुष्प्रभाव नजर आने पर इसे नहीं करें.
9. फटे होठों के लिए
मॉइस्चराइजिंग और होंठो को मुलायम करने के लिए सरसों के तेल का प्रयोग एक प्राचीन उपाय है. फटे होठों के लिए यह बहुत अच्छा उपाय है. रात में सोने से पहले एक या दो बूंद सरसों के तेल को नाभि पर लगा लेना चाहिए.
10. पाचन शक्ति के लिए
सरसों का तेल में भूख वृद्धि के गुण भी मौजूद होते हैं. इसके अलावा सरसों के तेल पाचन व रक्तवाही संबंधी समस्याओं में एक उत्तेजक के रूप में भी काम करता है. जिस कारण सरसों के तेल शरीर व पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए उपयोगी होता है.
सरसों के तेल के नुकसान
- सरसों के तेल हृदय में स्थित मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त कर सकता है.
- अधिक मात्रा में सरसों के तेल का सेवन से एनीमिया होने की संभावना में वृद्धि होती है.
- जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें सरसों तेल का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए.
- सरसों के तेल के प्रयोग से कुछ लोगों की त्वचा पर का लाल होना, खुजलाना, त्वचा का सुखना इत्यादि जैसे दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं.
- सरसों के तेल का आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करने पर राइनाइटिस नामक रोग हो सकता है.
- सरसों का तेल यदि आप लंबे समय से इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको इनके अतिरिक्त भी कई अन्य प्रकार के दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं.