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Last Updated: Oct 23, 2019
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Kathal Ke Fayde In Hindi - कटहल के फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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कटहल आकार में सबसे बड़ा फल माना जाता है. कच्चे कटहल से अचार या सब्जी बनाया जाता है. वहीँ पकने पर इसमें से निकलने वाले कोवा को लोग इसे चाव से खाते हैं क्योंकि ये स्वाद में मीठा होता है. इसके बीज बड़े पैमाने पर स्टार्च और प्रोटीन से बने होते हैं. यह फल एशियाई देशों में लोकप्रिय है और ज्यादातर गर्मियों के दौरान होता है. फल के बाहरी सतह पर छोटे-छोटे काँटे होते हैं हलांकि ये कम चुभने वाले होते हैं. पके हुए कटहल के बीजों को भी खाया जाता है. इसमें विटामिन ए, सी और बी 6, कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, फोलिक एसिड, थायामिन, रिबोफ़्लविन, नियासिन और मैग्नीशियम जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा ये आहार फाइबर में भी समृद्ध है और इसमें कैल्विन, एक्सथिन, ल्यूतिन और क्रिप्टोक्सैथिन जैसे फ्लवोनॉइड पिगमेंट्स की एक महत्वपूर्ण मात्रा है. आइए इसके फायदे और नुकसान को विस्तार से जानें.

1. दृष्टि में सुधार
कटहल में मौजूद विटामिन ए आंखों के लिए एक जरुरी पोषक तत्व है. यह सुधार करके मोतियाबिंद, रतौंधी, धब्बेदार अध: पतन आदि को रोकने में मदद करता है. विटामिन ए श्लेष्म झिल्ली को भी मजबूत करने में मदद करता है. कटहल में विटामिन सी स्वस्थ केशिका को बढ़ावा देता है और रेटिना कोशिकाओं के उचित कार्य को बनाए रखने में मदद करता है. इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैथीन भी शामिल हैं जो आंखों के लिए अच्छे हैं.
2. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित
इसकी विटामिन सी सामग्री मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को दूर करके हृदय रोग के जोखिम को कम करती है. इसके अलावा इसकी पोटेशियम सामग्री शरीर में सोडियम स्तर को नियंत्रित करके रक्तचाप को नियमित करती है. उच्च सोडियम रक्तचाप में वृद्धि कर सकता है. पोटेशियम भी हृदय की मांसपेशियों को मजबूत और नियंत्रित करने में मदद करता है.
3. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत
ये सफेद रक्त कोशिकाओं के कार्य का समर्थन करके आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है. यह एंटीऑक्सिडेंट भी शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में मदद करता है. यह सामान्य बीमारियों को रोकने में मदद करता है जैसे कि खांसी, सर्दी और फ्लू.
4. बचाएँ कब्ज से
कटहल में मौजूद आहार फाइबर आपके मल को नरम बनाता है. इससे आँतो के कार्यों को नियंत्रित करने और कब्ज को रोकने में मदद मिलती है. कटहल, पाचन तंत्र को साफ रखने में मदद करता है और आंतों में अपशिष्ट उत्पादों के निर्माण को रोकता है.
5. त्वचा स्वास्थ्य के लिए
इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण उच्च-आक्सीकारक तनाव और प्रदूषण के कारण मुक्त-कणों की क्षति को रोकते हैं. बदले में यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं जिससे झुर्रियां, फाइन लाइन्स और सूखेपन की उपस्थिति कम हो जाती है. इसके अलावा, यह उच्च मात्रा में पानी की वजह से त्वचा की नमी को बनाए रखता है.
6. लोहे की कमी को पूरा
इसमें लोहा भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है. इसकी उच्च विटामिन सी सामग्री शरीर में लोहे का अवशोषण भी सुधारती है. अन्य खनिज जैसे तांबे और मैग्नीशियम रक्त की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं. पोषण प्रदान करने के अतिरिक्त, यह रक्त की आपूर्ति को पूरे शरीर में ऑक्सीजन के द्वारा पूरी करने में मदद करता है.
7. कैंसर के जोखिम को कम
कटहल कैंसर से लड़ने वाले फ़िटेन्यूमेंट्स और एंटीऑक्सिडेंट्स में समृद्ध है. यह कुछ कैंसर जैसे मौखिक, कोलन और त्वचा कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकता है. इसमें मौजूद विटामिन सी मुक्त कण को ख़त्म करता है. ये कैंसर का कारण बन सकते हैं. इसमें विटामिन के, मैंगनीज और आहार फाइबर भी शामिल हैं.
8. बढ़ाएँ शरीर का ऊर्जा स्तर
कटहल में मौजूद फ्रक्टोज और सुक्रोज़ जैसे सरल शर्करा शामिल हैं जो रक्त में शर्करा के स्तर को प्रभावित किए बिना आपके शरीर में त्वरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करते हैं. इसकी ख़ास बात ये है कि इसमें संतृप्त वसा या कोलेस्ट्रॉल शामिल नहीं है. यह तेजी से कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है.
9. हड्डियों को मजबूत
कटहल मैग्नीशियम से समृद्ध है. ये एक ऐसा पोषक तत्व है जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है. मैग्नीशियम और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने के लिए एक साथ काम करते हैं. ये ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकते हैं.
10. थायराइड से निपटने में मदद
कटहल में मौजूद तांबा थायराइड के चयापचय में मुख्य रूप से भूमिका निभाता है, मुख्य रूप से हार्मोन उत्पादन और अवशोषण में. ये हाइपोथायरायडिज्म से निपटने में मदद करता है, क्योंकि इसमें विटामिन बी शामिल हैं. विटामिन बी भी स्वस्थ थायराइड कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं और विकार के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं.

कटहल के नुकसान

  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • अधिक मात्रा में कटहल का सेवन अपच और अन्य पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है.
  • जो लोग वात की समस्या से पीड़ित है उनको इसके सेवन से बचना चाहिए.
  • कटहल के बाद पान का सेवन ना करें क्योंकि इससे पेट फुल जाता है.
  • पका हुआ कटहल कफवर्धक है इसलिए सर्दी-जुकाम, खांसी आदि रोगों से प्रभावित व्यक्तियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
     

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