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Last Updated: May 15, 2019
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कपालभाति प्राणायाम के लाभ - Kapalbhati Pranayam Ke Labh!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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योग की हर आसन बहुत लाभदायक होती है, लेकिन इनमे कपालभाती प्राणायाम सबसे लाभदायक होती है जिसके कारन इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है. कपालभाती प्राणायाम को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. कपालभाती प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है. योग के आसनों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है. यह तेजी से की जाने वाली एक कारगर प्रक्रिया है. दिमाग के आगे के हिस्‍से को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है. कपालभाती प्राणायाम करने के सही तरीके और इससे होने वाले फायदों के बारे में हम आपको बताते हैं.

कपालभाती प्राणायाम के लाभ-

1. यह मेटबॉलिज़म एक्टिविटी को बेहतर करने में मदद करता है.
2. यह आपके वजन कम करने में मदद करता है.
3. आपके बॉडी की सभी नाड़ियों को प्योर करता है.
4. पेट की मसल्स को मज़बूत करता है.
5. यह डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
6. बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है और इस से चेहरे पर चमक बढ़ती है.
7. पाचन अंगों को उत्तेजित करता है जिस से पोषक तत्व बॉडी में सही ढंग से संचारित होते हैं.
8. कपालभाति करने से आपकी पेट कि चर्बी अपने आप कम हो जाएगी.
9. मन को शांत करता है.
10. कई प्रकार के सेक्सुअल डिसऑर्डर को ठीक करता है.
11. कपालभाति प्रणायाम की मदद से आप अपने शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल सकते हैं.
12. यह लिवर और किडनी को बेहतर काम करने जैसा बनाता है.
13. इस प्रणायाम से थकान कम होती है और बॉडी में स्फूर्ति आती है.
14. ये आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है.
15. इस प्रणायाम से फेफड़ों का फंक्शन भी अच्छा हो जाता है.
16. नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति और दिमाग तेज होता है.

कैसे करें यह आसान-
कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ कर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें. सांसों को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की तरफ पुश करना है. ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि उस क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है. कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है. इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुं‍डलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है. कपालभाती प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारे शरीर के सारे नकारात्‍मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं.

कपालभाती प्राणायाम करने में क्या सावधानी बरती जाए-
कपालभाती प्राणायाम करते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखें - यदि आसन करते समय दर्द या चक्कर जेसा महसूस हो तो आसन करना बंद कर दें और थोड़ी देर के लिए शांति से बेठ जाएं. जब ये परेशानी खत्म हो जाए तो ध्यानपूर्वक और कम जोर लगाकर फिर से आसन की शुरुआत करें. अगर ये समस्या तब भी बनी रहती है तो अपने योग शिक्षक को जरूर बताएं.

कपालभाती प्राणायाम का प्रभाव-
इससे दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं. शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी कम होती है खासकर पेट की, यानी यह वजन कम करने में भी कारगर आसन है. इसे अलावा इसके नियमित अभ्‍यास करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है. कपालभाती प्राणायाम का सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन पर, क्‍योंकि यह मन से नकारात्‍मक तत्‍वों को दूर कर सकारात्‍मकता लाता है. थायराइड, चर्म रोग, आंखों की समस्‍या, दांतों की समस्‍या, महिलाओं की समस्‍या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर सामान्‍य करना, किडनी को मजबूत बनाने जैसे सभी तरह की समस्‍याओं को दूर करने की क्षमता होती है. यानी यह एक ऐसा आसन है जो सभी तरह की समस्‍याओं का उपचार करता है.

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